148 साल बाद बन रहा महासंयोग… विश्व के लिए उथल-पुथल भरा रहेगा समय… सूर्य ग्रहण के दौरान नहीं करें ये काम!

-अरूणाचल एवं लद्दाख के कुछ हिस्सों में दिखेगा, नहीं रहेगा सूतक काल

आचार्य रामगोपाल शुक्ल/ नई दिल्ली
गुरूवार 10 जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण वैश्विक राजनीति के लिए उथल-पुथल भरा रहने वाला है। एक महीने में यह दूसरा ग्रहण पड़ रहा है। पहले चंद्र ग्रहण और अब सूर्य ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। आज बृहस्पतिवार को ज्येष्ठ मास की अमावस्या है। भारतीय समय के अनुसार 13ः43 से 18ः41 बजे तक यह ग्रहण ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चीन, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस,जर्मनी, हंगरी, इटली, मंगोलिया, नार्वे, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, इंग्लैंड और अमेरिका आदि देशों में दिखाई देगा। हालांकि अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम लगभग 5ः52 बजे इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। वहीं लद्दाख के उत्तरी हिस्से में शाम 6 बजे इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा। शाम लगभग 6.15 बजे सूर्यास्त होगा।

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10 जून को प्रातः 10ः45 बजे तक वृषभ के चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र उपस्थित रहेगा। 148 साल बाद ऐसा महासंयोग बन रहा है। इससे पहले शनि जयंती के दिन सूर्य ग्रहण 26 मई 1873 को पड़ा था। यह ग्रहण वृषभ राशि में मृगशिरा नक्षत्र में पड़ रहा है जो कि विश्व के लिए शुभ नहीं है। इससे पहले पूर्णिमा को भी चंद्रग्रहण था। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक यदि एक महीने में दो ग्रहण पड़ते हैं तो विश्व में उथल-पुथल मचने की आशंका रहती है। इसकी वजह से कई देशों के सत्ता प्रमुख अपनी सत्ता खो देते हैं। तख्तापलट और जनधन की हानि की घटनाएं बढ़ती हैं। प्राकृतिक आपदाएं विशेषकर चक्रवात एवं भूकंप की आशंकाएं रहती हैं।

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भारतीय समयानुसार सुबह 11ः42 बजे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और यह दोपहर 3ः30 बजे से वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा। इसके बाद फिर शाम 4ः52 बजे तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय यानी आग की अंगूठी की तरह दिखाई देगा। दुरई ने कहा कि सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार शाम लगभग 6ः41 बजे समाप्त होगा। भले ही यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन फिर भी लोगों को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है।
सूर्य ग्रहण के दौरान बरतें यह सावधानियां
– ग्रहण चाहे कोई भी हो, सूर्य या चंद्र, इस समय में भोजन करना वर्जित होता है।
– कोई भी नया काम आरंभ न करें। मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
– नाखून कांटना, कंघी करना वर्जित है।
– ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए।
– चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल न करें।
– ग्रहण से पहले पके हुए भोजन में तुलसी पत्ता डालकर रख दें।
– ग्रहण के समय में इष्ट देव का पूजन करें. उनके मंत्रों का जप करें।
– ग्रहण के समय में घर के मंदिर के कपाट बंद कर दें।
– सूर्य ग्रहण में दान करना बेहद शुभ माना गया है।
– ग्रहण समाप्त होने के बाद घर की सफाई करें। घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
– ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें।