‘अतिचारी’ गुरू का गजकेसरी राजयोग… जानिये, किसके ऊपर होगी आकस्मिक धनवर्षा?

-मन के कारक चंद्रमा के साथ वृहस्पति करने जा रहे युति

पूनम सिंह/ नई दिल्लीः 19 जून।
ज्योतिष शास्त्र में नव ग्रहों की विशेष स्थिति है। परंतु इस स्थिति में परिवर्तन होता रहता है। जब कोई ग्रह किसी दूसरे ग्रह के साथ मिलकर युति करता है तो उसका प्रभाव और ज्यादा बढ़ जाता है। देवगुरू बृहस्पति भी मन के कारक चंद्रमा के साथ मिलकर गजकेसरी राजयोग बनाने जा रहे हैं। बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षा, धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य, वृद्धि आदि का कारक माना जाता है। गुरू ने एक वर्ष के अंतराल के बाद मिथुन राशि में प्रवेश किया है और इस राशि में आते ही अतिचारी हो गये हैं। बृहस्पति अपनी सामान्य गति से दोगुनी चाल से चल रहे हैं। इसका अर्थ है कि जो ग्रह एक वर्ष में अपना राशि परिवर्तन करता है वह यात्रा छह माह में ही पूरी हो जायेगी। खास बात है कि यह स्थिति करीब 8 वर्षों तक अर्थात 2033 तक जारी रहेगी। इस गोचरकाल के दौरान गुरू का प्रभाव सभी 12 राशियों पर अलग अलग होगा।
मिथुन राशि में विराजमान गुरू की चंद्रमा के साथ युति होने वाली है। इससे गजकेसरी नामक राजयोग का निर्माण होगा। पंचांग के अनुसार चंद्रमा 24 जून को रात्रि 23 बजकर 45 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। यहां वह 27 जून तक रहेंगे। ऐसे में दोनों ग्रहों की युति से 54 घंटे तक गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा।
आप भी जानिये, आपके लिए विशेष क्या है?
वृषभः बृहस्पति एवं चंद्रमा की युति से वृषभ राशि के दूसरे भाव में गजकेसरी राजयोग का निर्माण हो रहा है। गोचरकाल के दौरान जातकों की आय में तेजी से बढ़ोतरी होगी। जीवन में खुशियां प्राप्त हांगी और पैत्रक व्यापार में लाभ प्राप्त होगा। नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। ससुराल पक्ष से आपके रिश्ते मजबूत होंगे। धार्मिक कार्यों में समय व्यतीत करेंगे। अटका हुआ धन वापस प्राप्त होगा। समाज में मान-सम्मान की बढ़ोतरी होगी।
मिथुनः गुरू और चंद्रमा की युति मिथुन राशि के लग्न भाव में होने से गजकेसरी राजयोग का निर्माण होगा। गोचरकाल के दौरान किसी शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। संतान पक्ष की ओर से कोई अच्छा समाचार प्राप्त हो सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी। विवाह के योग बन रहे हैं। समाज के प्रसिद्ध लोगों से मुलाकात हो सकती है। सामाजिक तौर पर उन्नति की प्राप्ति होगी। धार्मिक कार्यों में हिस्सेदारी कर सकते हैं। धन संबंधी समस्याओं का समाधान होगा, अचानक धन की प्राप्ति होगी। वैवाहिक जीवन में खुशियों की प्राप्ति होगी और लंबे समय से चली आ रही किसी बीमारी का अंत होगा।
तुलाः गुरू एवं चंद्रमा की युति से तुला राशि के नवम भाव में गजकेसरी राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस महायोग की वजह से जातकों के जीवन में अनुकूल प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। आध्यात्म की ओर झुकाव होगा और धिर्मक यात्राओं पर जा सकते हैं। किसी काम में की जा रही मेहनत का फल प्राप्त होगा और बिगड़े हुए काम बनते नजर आयेंगे। भाई-बहन और परिवारीजनों का सहयोग प्राप्त होगा। संतान सुख की प्राप्ति होगी और शिक्ष से जुड़े अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यों में आ रूकी रूकावटें दूर होंगी और कार्य क्षेत्र में आपकी सराहना होगी।

(यह आलेख भारतीय सनातन परंपरा एवं ज्योतिषीय सिद्धांतों पर आधारित है और जनरूचि को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके लिए कोई विशेष दावा नहीं है। अपने समाचार, लेख एवं विज्ञापन छपवाने हेतु संपर्क करेंः- ईमेलः newsa2z786@gmail.com मोबाइलः 9810103181)