-बजट पेश करने के बाद चुपचाप निकले उत्तरी दिल्ली के निगम आयुक्त
-कमिश्नर के बाद प्रेस एवं सूचना निदेशक भी चुपचाप खिसक लिये
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
गुरूवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के इतिहास में एक और रिकॉर्ड टूट और बन गया। निगम आयुक्त संजय गोयल ने 2021-22 का संशोधित और 2022-23 का बजट स्थायी समिति में पेश किया। लेकिन बजट के बाद औपचारिक रूप से मीडिया को ब्रीफ करने के बजाय आयुक्त महोदय चुपचाप बिना मीडिया के सवालों का जवाब दिये निकल गये। इसके पीछे तर्क दिया गया कि उन्हें उपराज्यपाल के साथ होने वाली एक बैठक में जाना था।
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ऐसा नगर निगम के इतिहास में पहली बार हुआ है कि निगम आयुक्त ने बजट पेश किया हो और वह बिना मीडिया ब्रीफिंग के चुपचाप निकल गये हों। बताया जा रहा है कि उन्हें बजट के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं थी, यदि वह मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते तो खुद ही घिर जाते, इसलिए उन्होंने बजट पढ़ने की रश्म अदायगी के बाद वहां से निकल जाना ही बेहतर समझा।
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आश्चर्य की बात तो यह है कि कमिश्नर के जाने के बाद प्रेस एवं सूचना निदेशक जेके जैन भी चुपचाप बिना मीडिया कर्मियों से बात किये निकल गये। जबकि आयुक्त की अनुपस्थिति में उनकी जिम्मेदारी थी कि वह मीडियाकर्मियों को पूरी जानकारी उपलब्ध कराते। जेके जैन ने संपत्ति कर की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी को आगे करना चाहा, लेकिन वह भी कोई जवाब देने से पीछे हट गये। ऐसे में पहली बार उत्तरी दिल्ली नगर निगम में बजट पेश करने के बाद निगम आयुक्त या किसी भी अधिकारी की ओर से मीडिया को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।
पौना घंटा देरी से शुरू हुआ बजट
गुरूवार को निगम आयुक्त द्वारा स्थायी समिति की बैठक में बजट पेश करने का समय 12 बजे रखा गया था। लेकिन पहले बढ़ाकर समयसीमा साढ़े 12 बजे कर दी गई। लेकिन बजट साढ़े 12 बजे भी शुरू नहीं हो सका। निगम आयुक्त करीब 1ः45 बजे सभा कक्ष में पहुंचे और बजट 12 बजकर 50 मिनट पर शुरू हो सका। इस देरी का कारण भी यही बताया गया कि निगम आयुक्त उपराज्यपाल के साथ होने वाली बैठक में गये थे, अतः वह देर से आये थे। बता दें कि बुधवार को भी निगम आयुक्त की देर की वजह से स्थायी समिति की बैठक देरी से शुरू हो पायी थी।