-दिल्ली के नगर निगमों में ‘फर्जी हाजिरी घोटाला’: पार्ट-7
-नजफगढ़ जोन में सबसे पहले पकड़ में आया बिना काम के हाजिरी घोटाला
-लगाई जा रही हाजिरी रजिस्टर में अनुपस्थिति और वेतन रजिस्टर में उपस्थिति


हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली के नगर निगमों में साल 2018 से ही ‘फर्जी हाजिरी घोटाला’ शुरू हो गया था। साल 2017 में नगर निगम के चुनाव होने के बाद से ही निगम अधिकारियों की नीयत बिगड़नी शुरू हो गई थी। इसके बाद एक-एक कर फील्ड से कर्मचारियों की हाजिरी लगाने वालें बायोमैट्रिक मशीनों को हटाया जाने लगा था। पुराने निगम पार्षदों को ‘घोस्ट एम्पलॉयीज’ मामले की जानकारी थी, इसलिए भ्रष्ट अधिकारियों के लिए यह पहले संभव नहीं हो पा रहा था। एटूजैड न्यू को मिले दस्तावेज बताते हैं कि यह घोटाला नगर निगम चुनाव के बाद से ही शुरू हो गया था।
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दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नजफगढ़ जोन के वार्ड संख्याः 43 से इसके साक्ष्य सामने आए हैं। यहां कर्मचारी सुरेश, सीएफडब्लू मंजीत, सीएफडब्लू रोहित, डीबीसी शिवदर्शन, डीबीसी रामनिवास सहित कई कर्मचारियों ने बिना काम किए सेलरी उठाई। यह केवल एक बार या एक महीने में ही नहीं किया गया, बल्कि हर महीने इसी तरह से अधिकारियों की मेहरबानी ऐसे कर्मचारियों के ऊपर बदस्तूर जारी है। बताया जा रहा है कि हर वार्ड में कुछ कर्मचारियों को यहां के अधिकारियों ने अपने निजी कामों पर लगा रखा है। इसके बदले वह बिना काम किए नगर निगम से उन्हें सेलरी दिलाते हैं।
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पहले रजिस्टर में अनुपस्थिति और फिर महीने के अंत में उपस्थिति!
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जिस दिन कोई कर्मचारी नहीं आता है तो यह अधिकारी हाजिरी रजिस्टर में उसके आगे का कॉलम खाली छोड़ देते हैं या फिर अनुपस्थिति दिखाने के लिए ‘ए’ का मार्क लगाकर छोड़ देते हैं। लेकिन बाद में सेलरी का हिसाब बनाते समय इसी ‘ए’ के निशान को उपस्थिति यानी ‘पी’ में बदल दिया जाता है।
हाजिरी रजिस्टर के बाद मूवमेंट रजिस्टर भी छिपाए
फर्जी हाजिरी घोटाले की परतें जैसे-जैसे खुलती जा रही हैं, वैसे वैसे नगर निगम के अधिकारी नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं। पहले इन अधिकारियों ने कई जोन और सर्कल में हाजिरी रजिस्टर छिपाए लिए थे। ताकि उनमें केवल एमआई या एएमआई ही अफसरों के हिसाब से कर्मचारियों की हाजिरी लगा सकें। दूसरी गतिविधियों पर सवाल उठाए जाने के बाद दक्षिणी दिल्ली के वेस्ट और नजफगढ़ जोन में कई सर्कल से मूवमेंट रजिस्टर, दवाई का रजिस्टर, किट रजिस्टर और मास्क रजिस्टर भी छिपा दिये गए हैं। ताकि हाजिरी हाजिरी घोटाले को आगे भी बिना सबूत के चलाया जा सके।
नहीं देंगे कोई जानकारी
एटूजैड न्यूज ने दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नजफगढ़ जोन के शीर्ष अधिकारियों और एसडीएमसी के अधिकारियों से पूरे मामले पर जानकारी चाही। इस मामले में जोन के डीएचओ दीपक मित्तल ने कहा कि हम मीडिया को कुछ नहीं बता सकते। खास बात है कि जो घोटाला 2 साल पहले शुरू हुआ था वह ज्ञानेश भारती के कार्यकाल में भी जारी है।