DELHI BJP नेताओं पर पार्टी के मंत्रियों को भी नहीं भरोसा… कुलस्ते और प्रधान ने मांगी दिल्ली में कांग्रेस नेता से मदद

-दिल्ली बीजेपी नेतृत्व, मंत्री, सांसद और विधायक नहीं जीत पा रहे दिल्ली वालों का भरोसा
       मुकेश शर्मा, नेता, दिल्ली कांग्रेस

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
‘सेवा ही संगठन’ का दंभ भरने वाले दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेता दिल्ली वालों के काम आने में नाकाम साबित हो रहे हैं। कोरोना महामारी ने दिल्ली बीजेपी नेतृत्व के दावों की धज्जियां उड़ाकर रख दी हैं। दिल्ली बीजेपी का पूरा नेतृत्व दिल्ली वालों का तो दूर खुद अपनी पार्टी के मंत्रियों और पूर्व मंत्रियों तक का भरोसा जीत पाने में नाकाम साबित हो रहा है। कोरोना से पीड़ित अपने मित्रों-रिश्तेदारों के लिए मोदी सरकार में मंत्री तक अपनी पार्टी के नेताओं के बजाय कांग्रेस नेताओं से मदद मांग रहे हैं। खास बात यह है कि उन्हें कांग्रेस नेता बिना किसी भेदभाव के मदद कर भी रहे हैं। इससे जाहिर हो गया है कि दिल्ली बीजेपी के नेता केवल हवा में बातें कर रहे हैं और जमीन पर कोई काम नहीं हो रहा है।

यह भी पढ़ेंः- CM केजरीवाल का खास मेहमान… चार गुना महंगे दामों पर बेच रहा था कोरोना के इलाज का सामान!

बता दें कि मध्य प्रदेश की मांडला लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद और मोदी सरकार में राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्र्रेस के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा से अपने एक जानने वाले के लिए मदद मांगी। उन्होंने मुकेश शर्मा को टैग करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘‘पेशेंट तरूणा अरोड़ा को एक इंजेक्शन की तुरंत जरूरत है और वह द्वारका के एक अस्पताल में एडमिट हैं।’’ इस पर मुकेश शर्मा ने भी जवाब दिया कि ‘‘आपका काम हो गया है, कोई और सेवा हो तो बताएं।’’

यह भी पढ़ेंः- BJP का हालः संवैधानिक व्यवस्था में पद नहीं लेकिन अनिल बाजपेयी को बनाया ‘विधायक दल का महामंत्री’

इसी तरह बीजेपी के एक और नेता यानी पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक प्रधान ने भी मुकेश शर्मा को टैग करते हुए ट्विटर के जरिये एक पेशेंट के लिए मदद मांगी। तो मुकेश शर्मा ने जवाब दिया कि ‘‘भाई अशोक प्रधान जी मैंने आपके आग्रह पर अस्पताल में बात कर ली है। उन्हें मदद मिल जायेगी, आप भारत सरकार में राज्य मंत्री रहे हैं। आपका पूरा सम्मान है कोई और काम हो तो मुझे बताना।’’ इस तरह से बहुत से लोग कांग्रेस के पूर्व विधायक मुकेश शर्मा से कोरोना पीड़ितों के लिए मदद मांग रहे हैं। जबकि बीजेपी नेता लोगों की सेवा करने का ढोल पीटते घूम रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः- वृषभ राशि में बन रहा चार ग्रहों का महासंयोग… 14 मई को बदल रहा सूर्य का गोचर

दिल्ली वालों ने तो भारतीय जनता पार्टी को पहले ही नकार दिया है। इस बात का ताजा उदाहरण हाल ही में दिल्ली में नगर निगम की 5 सीटों पर हुए उपचुनाव हैं। लेकिन पार्टी के ही एक वर्तमान केंद्रीय मंत्री और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा बीजेपी के बजाय कांग्रेस नेता से मदद मांगना इस बात का उदाहरण हैं कि वर्तमान दिल्ली बीजेपी नेतृत्व खुद की पार्टी के नेताओं के बीच भी अपना भरोसा कायम करने में नाकाम साबित हो रहा है। पार्टी की दिल्ली इकाई के नेता भले ही ‘सेवा ही संगठन’ का नारा लेकर घूम-घूमकर खाना बांटने का ढिंढोरा पीटते घूम रहे हों, लेकिन दूसरे लोग ‘खाने’ से आगे जाकर मदद कर रहे हैं, जो शायद बीजेपी नेताओं के बस की बात नहीं है।
1 मंत्री, 7 सांसद, 8 विधायकों पर भारी पड़ा बिना विधायक, मंत्री और बिना सांसद वाली कांग्रेस का एक पूर्व एमएलए
दिल्ली में बीजेपी के 1 केंद्रीय मंत्री, 7 सांसद और 8 विधायक हैं। इनके अलावा पार्टी की केंद्र में सरकार होने की वजह से प्रदेश संगठन के पास पूरा लाव-लश्कर है। इसके बावजूद प्रदेश बीजेपी नेतृत्व कोरोना के संकट काल में दिल्ली वालों पर अपनी छाप छोड़ने में नाकाम साबित हो रहा है। जिस कांग्रेस नेता से बीजेपी के वर्तमान और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने मदद मांगी है, उनका नाम मुकेश शर्मा है। कांग्रेस के पास दिल्ली में एक भी सांसद, केंद्रीय मंत्री या विधायक नहीं है। इसके बावजूद कांग्रेस नेता मुकेश शर्मा ने कोरोना पीड़ितों की मदद के मामले में जबरदस्त परफॉरमेंस दिखाई है।
दिल्ली के सानू सूद बनकर उभर रहे मुकेश शर्मा
कांग्रेस नेता और पार्टी के चार बार के विधायक और दिल्ली सरकार में पूर्व संसदीय सचिव मुकेश शर्मा दिल्ली के सोनू सूद बनकर उभरे हैं। हालांकि दोनों लोगों की आपस में तुलना करना ठीक नहीं है। लेकिन जरूरी दवाईयों से लेकर इंजेक्शन और ऑक्सीजन तक, लोगों ने उनसे सभी चीजों की मांग की है। बहुत से लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया है और मुकेश शर्मा ने किसी को निराश नहीं किया। मुकेश शर्मा से मदद मांगने वालों में विभिन्न मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ मीडिया कर्मियों से लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री और आम लोग शामिल हैं। सबसे बड़ी और खास बात यह है कि बंदे ने अब तक किसी भी मीडिया हाउस को एक भी प्रेस रिलीज नहीं भेजी है। जबकि दिल्ली बीजेपी के नेता काम में कम और प्रेस रिलीज में ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।