काशी में माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति की स्थापना … दिल्ली से बनारस तक निकली गई कनाडा से आई मूर्ति की शोभा यात्रा


-योगी आदित्यनाथ ने की प्राण प्रतिष्ठा
-वाराणसी में किया गया भव्य आयोजन

हेमा शर्मा / नई दिल्ली
108 साल पहले काशी से कनाडा चुराकर ले जाई गई माँ अन्नपूर्णा की मूर्ति फिर से दरबार का हिस्सा बन गई। सोमवार को देवउठनी एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ धाम में योगी आदित्य नाथ द्वारा मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। आदित्य नाथ ने श्रद्धा से पालकी को ख़ुद उठाया, जिससे उनकी भगवान के प्रति आस्था लोगों के सामने आइ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार की रात को ही इस आयोजन के लिए वाराणसी पहुँच गए थे। शिव की नगरी कहे जाने वाले काशी विश्वनाथ में मूर्ति की स्थापना के लिए भव्य आयोजन किया गया। यह भव्य आयोजन काशी विश्वनाथ धाम के लिए एक विशेष दिन बन गया है जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। इस पूजन समारोह में मुख्यमंत्री के अलावा कई नेताओं व संतों और महंतों की भी मौजूदगी रही। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा पूरे विधि-विधान से काशी विश्वनाथ धाम के 11  अर्चक दलों  के द्वारा प्रातः 6 बजे से आरंभ हो गया था। आदित्य नाथ स्वयं  9:30 बजे यजमान के तौर पर शामिल हुए। माँ अन्नपूर्णा की पालकी को मुख्यमंत्री ने अपने कंधे पर उठाकर मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद महाभोग अर्पित कर महाआरती की गई। जानकारी के मुताबिक राजोपचार विधि से माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा की स्थापना की गई। इस दौरान योगी ने संतों व महंतों से बातचीत कर उनके कुशल की कामना भी की।
मुख्यमंत्री योगी ने मूर्ति के वापस भारत आने का श्रेय प्रधानमंत्री  मोदी और वाराणसी के सांसद को देते हुए कहा कि 108 साल बाद एक बार फिर जो यह स्थापना हुई है ये सब प्रधान मंत्री व वाराणसी के सांसद के प्रयासों के बिना असंभव था।