आयकर पोर्टल में अनियमितताओं के चलते वेतनभोगियों को रिटर्न दाखिल करना मुश्किलः ममगांई

-पोर्टल में दिख रही कई तरह की विषमताएं

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
एकीकृत दिल्ली नगर निगम में निर्माण समिति के अध्यक्ष रहे जगदीश ममगांई ने गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए आयकर पोर्टल में, वेतनभोगियों के आयकर रिटर्न दाखिल करने में आ रही अनियमितताओं की शिकायत की है। ज्ञात हो कि इस वर्ष आयकर विभाग के पोर्टल के प्रारुप में परिवर्तन किए गए हैं। उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर बताया है कि आयकरदाता द्वारा केंद्र सरकार को आयकर के रुप में जमा की गई अग्रिम राशि, पोर्टल में विवरण के रुप में कटौती और जमा की तुलना में कम राशि दर्शाई जा रही है। नतीजतन, रिटर्न दाखिल करने के लिए, आयकर पोर्टल भुगतान की गई राशि में कमी दर्शा कर, ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 234 बी, सी के तहत अतिरिक्त राशि के ब्याज सहित भुगतान की मांग कर रहा है, जबकि आयकरदाता पूरी कर राशि का अग्रिम भुगतान कर चुका है।

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जगदीश ममगांई ने अग्रिम कर के भुगतान के मामले में चूक के लिए देय राशि और ब्याज से संबंधित धारा 234 बी, सी को वापस लेने का भी अनुरोध किया क्योंकि आयकर दाता अग्रिम कर का भुगतान खुद पर दबाव कम करने के लिए करता है, हालांकि भारत सरकार द्वारा कर देय वार्षिक वित्तीय वर्ष पूरा होने के बाद लिया जाना है। यदि अग्रिम कर की राशि में कोई कमी रह जाती है, तो इसे आयकर दाखिल करते समय दिया जा सकता है लेकिन इस पर ब्याज सहित जुर्माना लगाना अनुचित है। आयकर रिटर्न दाखिल करने को सुगम बनाने के लिए कटौतीकर्ता की कटौती और जमा राशि को अद्यतन करने का आदेश। आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर की है, ममगांई ने आयकर पोर्टल में अनियमितताओं को देखते हुए वित्त मंत्री से इसमें तुरन्त सुधार करने व वैकल्पिक माध्यम भी अपनाने का आग्रह किया है ताकि प्रस्तावित नई अंतिम तिथि तक आयकरदाता अपना विवरण दाखिल कर सकें।