-2017 दिल्ली के लिए दिव्या ने जीते थे 58 पदक
-तैयारी के लिए नहीं होते थे किराये के पैसे
जे.के. शुक्ला/ नई दिल्ली: 11 अगस्त, 2022।
बर्मिंघम कमेन्वेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मैडल जितने वाली दिव्य काकरान ने गुरुवार को एक बार फिर दिल्ली की केजरीवाल सरकार की बखिया उधेड़ कर रख दी। उन्होंने कहा कि “मैं इतने लंबे समय से कुश्ती लड़ रही हूं। 2017 तक मैंने दिल्ली को 58 पदक दिए। मेरे पास घर से आने जाने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे। मैं अखाड़े जाती थी तो रास्ते में घंटों जाम लगा रहता था। दिल्ली सरकार ने कभी हमारी मदद नहीं की।”
दिव्या ने आगे कहा कि “मैंने अपनी प्रेक्टिस बेहद गरीबी में की है। मैंने 2018 में उत्तर प्रदेश से लड़ना शुरू किया था। 2019 में यूपी सरकार ने मुझे रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार दिया। 2020 में उन्होंने मुझे आजीवन पेंशन दी।”
दिव्या काकरान ने कहा कि “कल यूपी सरकार ने 50 लाख रुपए और एक राजपत्रित अधिकारी रैंक पद पर नौकरी देने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरी मदद की, यहां तक कि हरियाणा सरकार ने भी मेरी मदद की। लेकिन दिल्ली सरकार कभी मदद के लिए आगे नहीं आई”।
बता दें कि दिल्ली में पहली बार 2013 में 49 दिन की AAP की सरकार बनी थी। तब अरविंद केजरीवाल पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने थे। इसके पश्चात 2015 से लगातार अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं। AAP सरकार दिल्ली में स्पोर्ट्स कॉलेज और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोलने का दावा करती आ रही है। लेकिन दिव्या काकरान खिलाड़ियों के साथ हो रही नाइंसाफी को खोलकर रख दिया है।