Delhi Unlock: व्यापारियों को नहीं भाया ऑड-ईवन का फार्मूला… दिल्ली सरकार से पुनर्विचार की मांग

-व्यापारियों ने किया मॉल्स, बाजार खोलने का स्वागत
-सार्थक जन मंच का सुझावः “मास्क नहीं तो माल नहीं”

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार 7 जून से राजधानी के मॉल्स व बाजारों को खोलने की घोषणा कर दी है। दिल्ली के व्यापारियों की बाजार खोलने की मांग को मान लिया है। लेकिन फिर भी राजधानी के व्यापारियों को दिल्ली सरकार का अनलॉक के लिए ऑड-ईवन का फार्मूला नहीं भाया है। व्यापारियों का कहना है कि एक ही बाजार में ऑड-ईवन के आधार पर दुकानें खोला जाना व्यवहारिक नहीं है। क्योंकि दिल्ली सरकार के पास भी यह व्यवस्था बनाने के लिए जरूरी स्टाफ नहीं है और केवल चालान के लिए सरकारी स्टाफ को बाजारों में उतार देना, समस्या का हल नहीं है। इसलिए जरूरी है कि बाजारों को पूरी तरह से खोले जाने की छूट दी जानी चाहिए।

यह भी पढ़ेंः- दिल्ली में चलेगी मेट्रो, खुलेंगे मॉल, ऑफिस व बाजार… नहीं खुलेंगे जिम, पूल्स, पब और बार

दिल्ली के व्यापारी नेताओं का कहना है कि बाजार खोले जाने की समय-सीमा को ऊपर-नीचे किया जा सकता है। व्यापारिक संगठनों ने दूसरा सुझाव यह भी दिया है कि एक बाजार को एक दिन और दूसरे बाजार को दूसरे दिन खोला जा सकता है। व्यापारी नेताओं ने यह भी कहा है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए फिलहाल इस तरह की व्यवस्था करने की भी जरूरत नहीं है। हालांकि दिल्ली के सभी व्यापारिक संगठनों ने बाजार खोले जाने का तहेदिल से स्वागत किया है।

परमजीत सिंह पम्मा

फेडरेशन ऑफ सदर बाजार के वाइस चेयरमैन पवन कुमार और परमजीत सिंह पम्मा ने कहा कि दिल्ली के अधिकतर व्यापारी ऑड-ईवन के नियम के विरोध में है। ऑड-ईवन के नियम को लागू करने से सिर्फ़ असमंजस की स्थिति पैदा होती है और अव्यवस्था फैलती है। पिछले वर्ष भी जब लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया के दौरान ऑड-ईवन लागू किया गया था तो वह पूर्णतया विफल रहा था। हमारा सरकार से निवेदन है कि स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकारी ऐजेंसियों तथा मार्केट ऐसोसिएशंस को मिलाकर समन्वय समितियां बनाई जाएं और बाज़ारों में क्या प्रतिबंध लगाने हैं ये निर्णय उन समितियों पर छोड़ दिया जाए। जिससे कि कोविड नियमों का बेहतर तरीके से पालन हो सके और व्यापार का भी नुक़सान ना हो। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

देवेंद्र अग्रवाल

फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (दिल्ली प्रदेश) अध्यक्ष देवेंद्र अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में ऑड-ईवन फार्मूले के तहत बाजारों को खोलने का जो निर्णय लिया है, उसका हम स्वागत करते हैं। दिल्ली के बाजार बीते करीब पौने दो महीनों से बंद हैं। दिल्ली में कोरोना की स्थिति को देखते हुए यह मांग थी कि बाजारों को खोला जाये और दिल्ली सरकार ने इस ओर ध्यान देते हुए मॉल्स और बाजारों को ऑड-ईवन के आधार पर खोलने की घोषणा कर दी है।

संजय भाटिया

किराना कमेटी दिल्ली के पूर्व महासचिव एवं कोषाध्यक्ष संजय भाटिया ने कहा कि मैंने गत सप्ताह भी यही प्रस्ताव दिया था कि बाज़ारों को ऑड ईवन के आधार पर ही खोलना चाहिये। मुख्यमंत्री जी का यह आदेश स्वागत योग्य है। आशा है सभी लोग इसका पालन करेंगे एवं कारोना को समाप्त करने में अपना सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यवस्था को बनाने में थोड़ी परेशानी हो सकती है। लेकिन महामारी के समय में हम सभी व्यापारियों को व्यवस्था बनाने में सहयोग करना चाहिये, ताकि व्यापार के साथ लोगों के जीवन को भी सुरक्षित रखा जा सके।

संजीव अरोड़ा

भोरगढ़ इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजीव अरोड़ा ने कहा कि यह अच्छी बात है कि दिल्ली के कारोबारियों की मांग पर ध्यान देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बाजार खोलने का फैसला किया है। लेकिन उन्हें यह भी ध्यान देना चाहिए कि दिल्ली का व्यापारी वर्ग क्या चाहता है? जरूरी है कि सरकार का फैसला जिन लोगों पर लागू होता है, उनका भी पक्ष सुना जाये। बीते एक-डेढ़ साल से व्यापार और उद्योग संकट के दौर से गुजर रहे हैं। इसलिए व्यापारिक और औद्योगिक प्रतिनिधियों की बात भी सुनी जानी चाहिए। व्यापारी और उद्यमी सरकार के साथ हैं, इसलिए उनकी राय के आधार पर भी फैसले लिये जाने की जरूरत है।

देवराज बवेजा

कन्फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेड्स एसोसिएशन के महासचिव देवराज बवेजा ने कहा कि बाजारों मे ऑड-इवन का फार्मूला कामयाब होना मुश्किल है। दुकानें खोलने के समय को कम किया जा सकता है। होलसेल बाजारों में दुकानें खोलने का समय सुबह 11 बजे से सांय 5 बजे तक करके सभी दुकानें खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। दिल्ली के व्यापारी सरकार को पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। इसलिए व्यापारियों की व्यवहारिक समस्याओं पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है।

राजेंद्र शर्मा

फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेड्स एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने कहा कि व्यापारियों ने तो कोरोना के दूसरे चरण की शुरूआत में ही सरकार से पहले अपने बाजारों में लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन बाद में शुरू किया था। राजधानी के व्यापारी केवल व्यवहारिक ही नहीं बल्कि संवेदनशील भी हैं। भविष्य में भी दिल्ली के व्यापारी सरकार के जन हित के हर फैसले में उसके साथ हैं। लेकिन अब एक ही बाजार में ऑड-ईवन का फैसला व्यवहारिक नहीं है। यदि दिल्ली सरकार को यह फैसला लेना था तो पिछले सप्ताह ही ले लेना चाहिए था। ताकि 7 जून से बाजारों को पूरी तरह से खोलने दिया जाता। दिल्ली की केजरीवाल सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।

कमल कुमार

व्यापार संघ (मेन सदर बाजार) के महासचिव कमल कुमार ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 7 जून से बाज़ार खोलने की अनुमति का व्यापारी वर्ग स्वागत करता है। लेकिन जिस प्रकार से ऑड-इवन लागू करने आदेश दिया गया है वो ख़ास तौर से थोक बाज़ारों के लिए व्यावहारिक नहीं है। थोक बाज़ारों में दूर दूर से व्यापारी सामान खरीदने आते हैं, अगर दुकानें ऑड-ईवन के हिसाब से खुलेंगी तो ग्राहक अपनी ज़रूरत की वस्तुएं एक ही बार आ कर कैसे खरीद पाएंगे? इसलिए मेरा सरकार से निवेदन है कि यह मार्केट एसोसिएशन के विवेक पर छोड़ा जाए कि वो अपने अपने बाजार किस स्तर पर कैसे खोलेंगे ताकि कोरोना के सभी नियमों का पालन भी हो सके और व्यापार भी सुचारु रूप से चलता रहे।

संजय जैन

अजमेरी गेट व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि यह दिल्ली सरकार का सही कदम है। बाजारों को खोलने की समय सीमा को ऊपर-नीचे किया जा सकता है। अब जिम्मेदारी व्यापारिक संगठनों की भी है। भीड़-भाड़ वाली जगह पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाये। बाजारों में मास्क और सैनेटाइजर की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। हालांकि दिल्ली के थोक बाजारों के लिए कुछ अलग से दिशानिर्देश आने चाहिए। क्योंकि थोक बाजारों को कम समय के लिए खोला जा सकता है, लेकिन वहां ऑड-ईवन लागू नहीं हो पाता है। क्योंकि जब बाहर का व्यापारी खरीदारी के लिए आता है तो वह कई तरह के आईटम एक साथ खरीदता है, जो कि ऑड-ईवन में संभव नहीं हो सकेगा।

आशीष कुमार

युवा व्यापारी आशीष कुमार ने कहा  कि दिल्ली सरकार ने बाजार खोलने का ऐलान कर दिया है। अब हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि ‘‘जान है तो जहान है’’ पर फोकस करें। किसी को नहीं मालूम था कि कोरोना की दूसरी लहर हम भारत वासियों के लिए इतनी घातक साबित होगी। सभी तरह की जिम्मेदारियां सरकार की होती हैं, लेकिन जब तक आम नागरिक पूरा सहयोग नहीं करेगा, तब तक सरकार अपनी पूरी ताकत झोंकने के बावजूद कुछ नहीं कर सकती। अब व्यापारियों को भी सोचना पड़ेगा कि हमें निर्धारित मापदंडों का पालन करना चाहिए। आपाधापी में माहौल बिगड़ता है और अव्यवस्थाएं फैलती हैं। सरकार ने स्वागत योग्य कदम उठाया है। हमें गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। छूट तो अगले सप्ताह तक मिल ही जाएंगी।

रूद्रा

सार्थक जन मंच के अध्यक्ष रूद्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली के थोक और खुदरा बाजार व मॉल्स को खोलने की इजाजत दे दी है। कुछ शर्तें जरूर हैं। हमारा अभियान है कि ‘‘मास्क नहीं तो माल नहीं’’। अब कुछ जिम्मेदारी दिल्ली के उन व्यापारी संगठनों की भी बनती है, जो अपने-आप में यह दावा करते हैं कि सरकार द्वारा उनकी बात सुनी जानी चाहिए। सबसे पहले सभी व्यापारिक संगठनों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने बाजारों में ऑड-ईवन का सख्ती से पालन करायें। स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बाजार में प्रवेश के समय ही सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की जा सकती है। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि बिना मास्क के किसी भी व्यक्ति को बाजार में प्रवेश नहीं करने दिया जाये और कोई भी दुकानदार बिना मास्क वाले व्यक्ति को कोई माल देना तो दूर, बात भी नहीं करनी चाहिए। व्यापारियों को ‘‘मास्क नहीं तो माल नहीं’’ पर फोकस करना चाहिए। नहीं तो उन्हें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ‘‘इस बार की कोराना की लहर में हमने कितने अपनों को खोया है?’’