DELHI: कोरोना संकट के दौर में सेवा कार्य से गायब हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)

-राजधानी में लोगों की मदद करते दिखाई नहीं दे रहे आरएसएस के स्वयंसेवक

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
देश के बंटवारे से लेकर विभिन्न आपदाओं में लोगों की सेवा करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता कोरोना महामारी के दौर में गायब हो गये हैं। खास तौर पर राजधानी दिल्ली में दूर-दूर तक स्वयं सेवकों के दर्शन नहीं हो रहे हैं। दिल्ली वाले कोरोना महामारी (COVID-19) के चलते ऑक्सीजन (Oxygen), दवाईयों, प्लाज्मा (Plazma), खाना (Food) और अस्पतालों (Hospital) में भर्ती होने के लिए परेशान हैं, भर्ती नहीं हो पाने की वजह से अस्पतालों के बाहर लगी कतारों में दम तोड़ रहे हैं, बिना भेदभाव के समाज की सेवा करने का दावा करने वाले संघ के स्वयं सेवक भीषण संकट के दौर में कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरूवार 29 अप्रैल को प्रेस वार्ता आयोजित करके स्वयंसेवकों द्वारा कोरोना पीड़ितों के लिए देश के 43 प्रमुख शहरों में 12 प्रकार की सेवाएं किये जाने का दावा किया। खास बात है कि उन्होंने दिल्ली के संबंध में ऐसा कोई दावा नहीं किया।

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बता दें कि ऐसे बहुत से लोग कोरोना पीड़ितों की सेवा के लिए आगे हैं, जो पीड़ित मरीजों और उनके परिवारों को ऑक्सीजन, प्लाज्मा, दवाईयां और खाना उपलब्ध करवा रहे हैं। लेकिन संघ के कार्यकर्ता कहीं भी लोगांं के काम आते दिखाई नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नता और पूर्व निगम पार्षद खविंद्र सिंह कैप्टन ने कहा कि हम और हमारी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों का हालचाल ले रहे हैं। यथासंभव ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था करवाने में उनकी मदद कर रहे हैं। यह दिल्ली सरकार का काम है, लेकिन इसे हम कर रहे हैं। हमें कहीं भी आम आदमी पार्टी, बीजेपी या आरएसएस के लोग दिखाई नहीं दे रहे हैं।

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आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) के प्रवक्ता हरीश चंद्र अवस्थी ने कहा कि मैं बचपन से स्वयंसेवक हूं। लेकिन अब आम आदमी पार्टी में हूं। आरएसएस की पूरी कार्यप्रणाली बदल चुकी है। अब जो लोग संघ से जुड़े हैं या तथाकथित रूप से अपने आपको राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का प्रतिनिधि बताते हैं, वह केवल अपना हित देखते हैं। दिल्ली में कोरोना महामारी ने लोगों के जीवन को संकट में डाल दिया है, लोग बिना इलाज के मर रहे हैं। लेकिन सेवा कार्य का दम भरने वाले संघ के स्वयंसेवक कहीं नजर नहीं आ रहे। अब यह लोग केवल चुनाव के समय नजर आते हैं और बाद में छिप जाते हैं।
नहीं मिलता संघ और बीजेपी पदाधिकारियों का सहयोग
आरएसएस के एक वरिष्ठ स्वयं सेवक (Swayam Sevak) के मुताबिक पिछले साल संघ के कुछ कार्यकर्ता लॉकडाउन के दौरान सक्रिय थे। लेकिन जब वह कोरोना का शिकार हुए तो उन्हें संघ और बीजेपी के पदाधिकारियों ने उनकी कोई मदद नहीं की। किसी तरह जान-पहचान के दोस्तों के जरिये उन्होंने अपने लिये अस्पताल में व्यवस्था करायी और ठीक होकर घर आ गये थे। यह अनुभव पिछले साल संघ के बहुत से लोगों का रहा है, इसलिए इस साल संघ के स्वयंसेवक घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं।
आधी से भी कम रह गई हैं संघ की शाखाएं
राजधानी दिल्ली में आरएसएस की लगने वाली शाखाओं की संख्या आधी से भी कम रह गई है। यह गिरावट केवल एक-दो साल में ही नहीं आई है, बल्कि पिछले लंबे समय से शाखाओं की संख्या लगातार घट रही है। दरअसल 1998 में दिल्ली शहर में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जाने के बाद तक तो लोगों का शाखाओं के साथ लगाव रहा। लेकिन राजधानी में साल 2005-06 के बाद से लगातार शाखाओं की संख्या घटना शुरू हो गई है। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से शाखाएं पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं।
हमारे पास है 5 हजार बेड्स की तैयारीः प्रांत कार्यवाह
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दिल्ली प्रांत कार्यवाह भारत अरोड़ा (Bharat Arora) ने कहा कि हमारे पास दिल्ली में अलग अलग इलाकों में 5 हजार बेड्स की तैयारी है। हमने कई बार दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन की मांग की है। यदि सरकार हमें ऑक्सीजन मुहैया करवा देती है तो हम कल से ही आइसोलेशन सेंटर्स शुरू कर सकते हैं। इन आइसोलेशन सेंटर्स में हमारे स्वयंसेवक लोगों की सेवा करेंगे। ऑक्सी मीटर से उनकी जांच करेंगे, उन्हें दवाईयां और प्लाज्मा उपलब्ध कराएंगे।
बताया कि दिल्ली में 1981 शाखाएं लगती थी। लेकिन कोरोना की वजह से शाखाओं के कामकाज में रूकावट आई है। हमारी प्राथमिकता अभी शाखाएं लगवाने की नहीं है, बल्कि लोगों के लिए कुछ काम करने की है। हालांकि फिलहाल करीब आधी शाखाएं ऑनलाइन लगाई जा रही हैं, ताकि सभी का आपस में संपर्क बना रहे।