-स्कूल द्वारा मनमानी फीस बढ़ाने के खिलाफ सख्त हुई सरकार
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली के प्राइवेट स्कूल्स की मनमानी के खुलाफ़ दिल्ली सरकार सख्त हो गई है। केजरीवाल सरकार के शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली के शेख सराय स्थित एपीजे स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। केजरीवाल सरकार, मनमाने तरीके से बढ़ाई गई फीस को वापस लेने के लिए कई बार आदेश जारी कर चुकी है, लेकिन एपीजे स्कूल प्रबंधन उन आदेशों का पालन करने में हर बार विफल रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एपीजे स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने के लिए शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब यह फाइल एलजी के पास भेजी गई है। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अभिभावकों को आश्वस्त किया है कि दिल्ली सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है और किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देगी।
शिक्षा निदेशालय ने वित्तीय वर्ष 2012-2013 से 2018-2019 के लिए एपीजे स्कूल के वित्तीय विवरण का गहनता से निरीक्षण किया था। अभिलेखों के विस्तृत निरीक्षण के दौरान विभाग ने पाया कि वर्ष 2018-2019 के लिए स्कूल के पास कुल धनराशि 49,72,45,586 रुपए है। इस धनराशि में से 18,87,02,422 रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। 18,87,02,422 रुपए खर्च होने के बाद भी स्कूल प्रबंधन के पास करीब 30,85,43,164 रुपए की धनराशि शुद्ध रूप से सरप्लस में थी। इसके बाद विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि स्कूल प्रबंधन को अभी फीस बढ़ाने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2018-2019 और 2019-2020 के लिए स्कूल द्वारा प्रस्तावित शुल्क ढांचे को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद निदेशालय ने स्कूल को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाए या फिर सरकार क्यों न स्कूल का प्रबंधन अपने हाथ में ले ले।
शिक्षा निदेशालय ने स्कूल को कई बार नोटिस जारी कर बढ़ाई गई फीस को नहीं वसूलने और जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया था, लेकिन स्कूल ने कोई जवाब नहीं दिया। स्कूल ने शिक्षा निदेशालय के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाईकोर्ट ने शिक्षा निदेशालय के उस आदेश का समर्थन किया, जिसमें स्कूल से बढ़ी हुई फीस वापस लेने के लिए कहा गया था।
इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली सरकार ने शेख सराय स्थित एपीजे स्कूल के प्रबंधन को अपने हाथ में लेने का निर्णय किया है और शिक्षा निदेशालय के प्रस्ताव को सीएम अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दे दी है। अब इस फैसले को आगे एलजी के पास भेज दिया गया है।
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि केजरीवाल सरकार किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने देगी। हम अभिभावकों के साथ हैं और उन्हें आश्वस्त करते हैं कि हम इस तरह के अन्याय के खिलाफ हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे और उन्हें किसी भी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करने देंगे।