-बवाना में अनधिकृत कालोनियों पर खोला मोदी सरकार का काला चिट्ठा
-भाजपा और आप सरकार के खिलाफ कांग्रेस का निंदा प्रस्ताव
देश में आर्थिक मंदी और दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों के मुद्दे पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने रविवार को बवाना इलाके में मोदी सरकार के खिलाफ जन आक्रोश रैली का आयोजन किया। रैली में कांग्रेस द्वारा आर्थिक मंदी व अनाधिकृत कालोनियों के खिलाफ जारी अधिसूचना के मामले में भाजपा व आप पार्टी की सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया। रैली की अध्यक्षता क्षेत्र के पूर्व विधायक व जिला अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार ने की। रैली को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, प्रवक्ता मुकेश शर्मा व पूर्व विधायक जय किशन ने संबोधित किया।
रविवार को सुबह 10 बजे से ही रैली स्थल पर बवाना औद्योगिक क्षेत्र के मजदूर, इकाईयों के मालिक व गांव के किसान हजारों की संख्या में पहुचने शुरु हो गए थे। मोदी सरकार के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की। रैली में मौजूद अनाधिकृत कालोनियों के लोग भाजपा के साथ आम आदमी पार्टी को गलत नीतियों के कारण कोसते रहे।
मुकेश शर्मा ने निंदा प्रस्ताव रखा। जिसमें केन्द्र की भाजपा सरकार व आप पार्टी को 19 नवंबर 2019 को अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने संबधी अधिसूचना लाकर 40 लाख लोगों के सिर पर तलवार लटकाने का आरोप लगाया गया। दोनो दलों के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्ताव को सर्वसम्मति से रैली में शामिल लोगों ने पारित किया। प्रस्ताव में इस काले कानून को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग भी की गई।
सुभाष चोपड़ा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में आर्थिक अराजकता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा सरकार आरबीआई इमरजेंसी रिजर्व फंड को भी खाली करने से नही चूक रही है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जो रिजर्व फंड युद्ध या अन्य गंभीर वित्तीय संकटों के दौरान देश की रक्षा के लिए सुरक्षित रखा जाता है, उसे मोदी सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने आंकड़ो का हवाला देते हुए कहा कि अगस्त महीने में आरबीआई ने मोदी सरकार को 1,76,000 करोड़ रुपये दिए। इससे पहले 2014 से 2018 तक आरबीआई ने 2,13,000 करोड रुपये मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण हुए घाटे को कम करने के लिए दिए। उन्होंने कहा कि अब तक मोदी सरकार अपनी नाकामियों को पूरा करने के लिए आरबाईआई से 3,89,000 करोड़ रुपये ले चुकी है।
चोपड़ा ने आरोप लगाया कि 1990 के बाद आरबीआई को पहली बार खुले बाजार में अपना गोल्ड रिजर्व बेचना पड़ा। जिसके चलते देश की मुद्रा एवं अर्थव्यवस्था की वित्तिय स्थिरता की रक्षा करने वाले संस्थान आरबीआई को मोदी सरकार की विफलताओं, वित्तिय कुप्रबंधन तथा राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए देश की आर्थिक स्थिरता को दाव पर लगाना पड़ा। रैली में मौजूद किसानों से मुखातिब होते हुए श्री चोपड़ा ने कहा कि देश अभुतपूर्व कृषि संकट से गुजर रहा है, कृषि सेक्टर की जीडीपी पहली तिमाही में मात्र 2 प्रतिशत रह गई है।
सुरेन्द्र कुमार ने इस मौके पर कहा कि गांव के मजदूर व किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि लोग गुस्से में है और समय आने पर भाजपा को सबक सिखाऐंगे। उन्होंने अनाधिकृत कालोनियों के लोगों से खिलवाड़ करने संबधी अधिसूचना जारी करने के लिए जिम्मेदार भाजपा व आप पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि अधिसूचना वापस नही हुई तो दिल्ली में बड़ा जन आंदोलन खड़ा हो जाएगा, जिसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।
पूर्व विधायक जय किशन ने कहा कि जब-जब भाजपा सत्ता में आती है, अनाधिकृत कालोनियों के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक बार फिर भाजपा सरकार ने केजरीवाल सरकार के साथ मिलकर दिल्ली के अनाधिकृत कालोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों के साथ भद्दा मजाक किया है और उनको मकान का मालिक मानने से भी इंकार कर दिया है।
रैली में पूर्व पार्षद मेमवती बरवाला, श्रदानन्द सांगवान, जसबीर कराला, नरेश लाकड़ा, सुरेश त्रिपाठी, बनवारी उपाध्याय, संजय डबास सहित पूर्व निगम पार्षद, निगम प्रत्याशी, ब्लाक अध्यक्ष, महिला कांग्रेस, सेवा दल, एनएसयूआई के कार्यकर्ता, अनाधिकृत कालोनियों के प्रतिनिधि, बड़ी संख्या भी मौजूद थे।