-दिल्ली बीजेपी में गुटबाजी तेज, प्रदेश नेतृत्व और निगम के नेताओं में बढ़ीं दूरियां
-सलाहकारों पर फिर उठे सवाल, नगर निगम के कामों में नाजायज दख
-महापौरों को प्रेस वार्ता में आंकड़े जारी नहीं करने का दिया गया था आदेश
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के सलाहकारों पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। प्रदेश बीजेपी की ओर से नगर निगम के नेताओं के कामकाज में एक बार फिर नाजायज दखल की बात सामने आई है। इसे प्रदेश बीजेपी में चल रही खींचतान कहें या पार्टी सलाहकारों की नासमझी कि प्रेस वार्ता बुलाने के बवाजूद निगम के नताओं को लिखित में आंकड़े ही जारी नहीं करने दिए गए।
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आश्चर्य की बात तो यह है कि नगर निगमों के आंकड़े निगम मुख्यालय में प्रेस वार्ता के बाद प्रदेश बीजेपी कार्यालय की ओर से जारी किये गए। इसी दुविधा के चलते तीनों निगमों के नेताओं की ओर से लाचारी में भिजवाई गई प्रेस विज्ञप्ति में एक भी ऐसी बात नहीं मिली जिसे कि छापा जा सके।
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आदेश गुप्ता के प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बनने के साथ ही पार्टी में गुटबाजी तेज हो गई है। कुछ चापलूस टाइप के नेता अपने आकाओं के यहां बार-बार चक्कर लगा रहे हैं कि उन्हें नई टीम में एक बार फिर से मौका दिया जाए। दूसरी ओर कुछ नेता प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन और प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू को बचकानी सलाह देकर उनके नजदीकी बनने का दावा पेश करने में जुटे हैं।
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सही मायनों में दिल्ली बीजेपी में नए प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को फेल करने की मुहिम शुरू हो गई है। गुरूवार को प्रदेश नेतृत्व और निगम के नेताओं के बीच की दूरियां साफ नजर आईं। मामला दिल्ली में कोरोना से हो वाली मौतों से जुड़ा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से मौत के जो आंकड़े जारी किए जा रहे हैं, उन्हें बीजेपी नकारती आ रही है।
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इसी का खुलासा करने के लिए बीजेपी के शासन वाले तीनों नगर निगमों के नेताओं ने गुरूवार को सिविक सेंटर में प्रेस वार्ता बुलाई थी। इसकी सूचना भी बुधवार को ही भेज दी गई थी। लेकिन दिल्ली बीजेपी के सलाहकार गुरूवार को दोपहर में जागे। आनन फानन में निगम के नेताओं को विस्त्रित आंकड़े नहीं जारी करने के आदेश जारी कर दिए गए।
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गुरूवार को आयोजित प्रेस वार्ता में तीनों नगर निगमों के स्थायी समिति अध्यक्ष, तीनों नेता सदन और दो महापौर शामिल हुए। असमंजस में फंसे निगम के नेताओं ने कोरोना से होने वाली मौतों के कुल आंकड़े तो बताए, लेकिन तीनों निगमों के अलग अलग आंकड़े बताने से बचते रहे। इसके पश्चात गुरूवार शाम को कोरोना से होने वाली मौतों के बारे में प्रदेश बीजेपी की ओर से तीनों निगमों के विस्त्रित आंकड़ों के साथ प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई।
पहले भी होती रही संयुक्त प्रेस वार्ता
नगर निगम से जुड़े मुद्दों को लेकर दिल्ली बीजेपी पहले भी प्रेस वर्ता का आयोजन या प्रेस विज्ञप्तियां जारी करती रही है। ज्यादातर मौकों पर प्रदेश नेतृत्व के साथ नगर निगमों के नेता प्रेस वार्ता में बैठते रहे हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। इसे प्रदेश बीजेपी के सलाहकारों की नासमझी ही कहा जाएगा कि प्रेस वार्ता निगम के नेताओं ने की और प्रेस नोट प्रदेश बीजेपी कार्यालय से प्रदेश अध्यक्ष के नाम से जारी किया गया।
स्पष्ट नजर आने लगीं दूरियां
आदेश गुप्ता के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही प्रदेश बीजेपी संगठन और नगर निगम के नेताओं के बीच दूरियां नजर आने लगी हैं। सवाल उठने लगे हैं कि आदेश गुप्ता को इस तरह की सलाह कौन दे रहा है? यदि प्रदेश अध्यक्ष को आंकड़ेबाजी में शामिल होना था तो वह सिविक सेंटर जाकर पत्रकार वार्ता में शामिल हो सकते थे। या फिर प्रेस वार्ता का समय और स्थान बदलवाकर प्रदेश कार्यालय में रख सकते थे। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। प्रदेश बीजेपी का पुराना चलन रहा है कि प्रेस वार्ता के समय में 5 मिनट पहले तक बदलाव करती रही है।
प्रदेश नेतृत्व के साथ दूसरे नेताओं की दूरियां
बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के पश्चात आदेश गुप्ता अभी वरिष्ठ नेताओं से मिलने-मिलाने में लगे हैं। ऐसे में पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी की टीम में शामिल रहकर उन्हें सलाह देते रहे कुछ लोग आदेश गुप्ता को भी मार्गदर्शन प्रदान करने में जुटे हैं। प्रदेश अध्यक्ष को लो-प्रोफाइल मानकर चल रहे यह लोग उनके ऊपर हावी होने की कोशिश में हैं। कारण है कि अभी प्रदेश बीजेपी की नई टीम का गठन होना है। ऐसे में यह चाटुकार लोग बेड़े पद हथियाने के चक्कर में प्रदेश नेतृत्व के साथ दूसरे नेताओं की दूरियां बनाने में जुटे हैं।