दिल्ली बीजेपी को अब डूबते जहाज के उड़ते पंक्षियों का सहारा!

-विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को कांग्रेस के छुटभैये नेताओं में दिख रहा भविष्य

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
राजधानी के सियासी गलियारों में कांग्रेस पार्टी को डूबता जहाज माना जा रहा है। लेकिन दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व को इस डूबते जहाज के उड़ते पंक्षियों में अपना सुखद भविष्य नजर आ रहा है। इसी के चलते दिल्ली बीजेपी ने कांग्रेस के लक्ष्मी नगर ब्लॉक के कुछ नेताओं को अपने बेड़े में शामिल किया है। शनिवार 28 अगस्त को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का झंडा उठाने वालों में ब्लॉक अध्यक्ष राजेश खिंद्री और महामंत्री जगदीश ठाकुर के नाम शामिल हैं। इस मौके पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष अध्यक्ष के साथ लक्ष्मीनगर से विधायक अभय वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना, शाहदरा जिला अध्यक्ष रामकिशोर शर्मा मौजूद रहे।

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आने वाले 6 महीनों में दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने हैं और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर निगम पार्षद आम आदमी पार्टी की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं, कि कब उन्हें टिकट देने के भरोसे के साथ सम्मानजनक स्थिति का आश्वासन मिल जाये और वह ‘आप’ में शामिल हो जायें। कांग्रेस के ज्योदातर पार्षदों को अपनी पार्टी और नेतृत्व पर भरोसा नहीं रहा है। ऐसे में छुटभैये नेताओं का बीजेपी में शामिल किया जाना प्रदेश नेतृत्व की क्षमता पर सवालिया निशान तो खड़े करता ही है।
कांग्रेस को कमजोर करना, खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारने जैसा
खुद बीजेपी के नेता मानते हैं कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के लिए कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि यदि कांग्रेस मजबूत होगी तभी दिल्ली में बीजेपी सत्ता में आ सकती है। उन्होंने कहा कि भले ही कांग्रेस के छुटभैये नेताओं को ‘एमिनेंट पर्सनेलिटी’ बताकर बीजेपी में शामिल किया जा रहा हो, लेकिन कांग्रेस अगर थोड़ी भी कमजोर हो रही है तो बीजेपी के लिए यह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। क्योंकि कांग्रेस का और कमजोर होने का मतलब है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और मजबूत हो रही है। इसलिए दिल्ली बीजेपी के रणनीतिकारों की बुद्धि पर यह बड़ा सवालिया निशान है कि वह कांग्रेस को कमजोर करके आम आदमी पार्टी को ही मजबूत कर रहे हैं।
कांग्रेस के दिग्गजों को ही नहीं संभाल सकी बीजेपी
दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि दिल्ली बीजेपी अपने यहां कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली, राज कुमार चौहान और कृष्णा तीरथ जैसे दिग्गज नेताओं को ना तो संभाल सकी और नाही उनका कोई फायदा उठा सकी। जबकि उनका अपनी पार्टी में बड़ा वजूद रहा है। फिर अब इन छुटभैये कांग्रेसियों का क्या लाभ उठा सकेगी। फिलहाल दिल्ली बीजेपी की यह स्थिति है कि पार्टी के कुछ निगम पार्षद और दूसरे नेता पार्टी छोड़ने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं के संपर्क में हैं।
माकन के बाद नहीं हुआ प्रदेश कांग्रेस का गठन
बीजेपी में शामिल होने वाले कांग्रेसियों को भले ही कांग्रेस पार्टी का पदाधिकारी बताया जा रहा हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का गठन अजय माकन ने अपने कार्यकाल में किया था। उसके बाद से प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी तो बदले लेकिन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का गठन तक नहीं हो पाया है। ऐसे में कांग्रेस छोड़ने वाले तथाकथित पदाधिकारियों का पार्टी में कितना वजूद है? इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। ऐसे में यह लोग बीजेपी को कितना मजबूत कर सकेंगे? यह भी बड़ा सवाल है।
निगम के कार्यों के बजाय पीएम मोदी का सहारा
शुक्रवार को कांग्रेसी नेताओं के बीजेपी का दामन थामने के मौके पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास और जनकल्याणकारी कार्यों से प्रभावित होकर दिन प्रति दिन भाजपा परिवार एक संगठन के रुप में बड़ा होता जा रहा है। यह इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सिर्फ एक पार्टी ही नहीं बल्कि एक ऐसा संगठन है जिसमें हर तरह के व्यक्ति को बराबर सम्मान मिलता है। आश्चर्य की बात है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में नगर निगम चुनाव होने हैं, बीते 15 वर्षों से बीजेपी नगर निगम की सत्ता में है, लेकिन प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष इस मौके पर भी नगर निगम का एक भी काम नहीं गिनवा पाये। खास बात यह भी है कि कांग्रेस से बीजेपी में आये खिंद्री को भी कांग्रेस में परिवारवाद तब महसूस हुआ जब दिल्ली में कांग्रेस एक दम मृतप्राय हो चुकी है।