BJP नेता के भाई ने गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर ठगे दो करोड़… पैसेंजर सर्विस कमेटी के चेयरमैन पिता के नाम पर कर डाला 100 करोड़ का सौदा

-पटेल नगर से विधानसभा चुनाव लड़ चुका है बीजेपी नेता, पिता हैं रेलवे बोर्ड की पैसेंजर सर्विस कमेटी के चेयरमैन
-पीड़ित को घुमाते रहे, वापस नहीं की रकम, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दर्ज की एफआईआर, जांच जारी
-खुद को बताया गृहमंत्री के बेटे जय शाह का बिजनेस पार्टनर, 99 कुशक रोड व पटेल नगर बुलाते रहे बार-बार

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 25 जुलाई, 2022
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नाम दो करोड़ रूपये की ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुंबई के एक व्यक्ति को बीजेपी के पटेल नगर से विधानसभा प्रत्याशी रहे नेता के भाई ने रेलवे की पैसेंजर सर्विस कमेटी के चेयरमैन पिता के नाम पर 100 करोड रूपये का सौदा कर डाला। पीड़ित से 2 करोड़ रूपये टोकन मनी के नाम पर ठग लिये और बाकी की रकम की मांग करते रहे। पीड़ित को जब ठगी का अहसास हुआ तो उसने अपनी रकम वापस मांगी, लेकिन बार-बार 1 करोड़ रूपये वापस करने का वादा करने के बावजूद पैसा वापस नहीं किया। पीड़ित की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आपीसी की धारा 420/406/120-बी के तहत एफआईआर संख्या 187/2022 दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
मुंबई निवासी पीड़ित प्रवल चौधरी ने पुलिस को दी गई लिखित तहरीर में आरोप लगाया है कि राहुल शाह, अनीस बंसल और ब्रजेश रतन ने उसे इसी साल 27 मार्च को गृहमंत्री अमित शाह से मिलवाने के लिए 99 कुशक रोड पर बुलाया था। उसे बताया गया था कि ब्रजेश रतन के पिता रमेश चंद्र रतन रेलवे बोर्ड के चेयरमैन हैं और उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से रोजाना का मिलना-जुलना है। उसे यह भी बताया गया कि गृहमंत्री बृजेश रतन के घर के सामने ही रहते हैं और उन लोगों का शाह के पुत्र जय शाह के साथ गहरी दोस्ती है और उनकी कंपनी नारायणी ग्रुप में पार्टनर हैं।
जब प्रवल चौधरी 99 कुशक रोड पर पहुंच गया तो उसे फोन पर बताया गया कि वह ब्रजेश रतन के घर 4/30 पटेल नगर पहुंच जाये। जब वह पटेल नगर पहुंच गया तो उसके साथ तीनों लोगों ने मीटिंग की और उसे रात तक बात करके कन्फर्म करने के लिए कहा। आरोप के मुताबिक अगले दिन उसे राहुल शाह का फोन आया कि वह ब्रजेश रतन की शाह से बात हो गई है और उसका काम हो जायेगा, वह 11 बजे तक 2 करोड़ रूपये लेकर 99 कुशक रोड पहुंच जाये क्योंकि वहां उसे ब्रजेश रतन और उसके पिताजी रमेश रतन मिलने वाले थे।
लेकिन प्रवल थोड़ा लेट हो गया और अपने एक दोस्त रजनीश के साथ सांय करीब साढ़े 4 बजे 99 कुशक रोड पहुंचा तो अनीस बंसल ने कॉल करके कहा कि अब देर हो चुकी है वह सीधा पटेल नगर ऑफिस आ जाये। जब वह सांय 6 सवा 6 बजे के आसपास पटेल नगर पहुंचा तो वहां ब्रजेश रतन ने सारी बात की और उसका काम करवाने के लिए 100 करोड़ रूपये की मांग की। एफआईआर के मुताबिक बृजेश रतन ने यह भी भरोसा दिलाया कि वह 2 करोड़ रूपये टोकन मनी के तौर पर अमित शाह जी के घर जायेगा और वहां से फोन पर बात करवायेगा, यदि प्रोसेस समझ में आता है और प्रवल हां करेगा तभी वह पैसे छोड़कर आयेगा नहीं तो 2 करोड़ रूपये उसे वापस कर दिये जायेंगे।
प्रवल चौधरी ने आरोप में कहा है कि उससे 100 करोड़ रूपये का इंतजाम 24 से 48 घंटे में करने को कहा गया था। इसी से उसे कुछ शक हुआ और जब उसने रमेश चंद्र रतन के बारे में पता किया तो वह भी रेलवे बोर्ड के चेयरमैन नहीं बल्कि पैसेंजर सर्विस कमेटी के चेयरमैन निकले। तभी से उसने अनीस बंसल और राहुल शाह को फोन करके अपना काम नहीं कराने और उसके 2 करोड़ रूपये लौटाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। लेकिन यह लोग टालते रहे। बड़ी मुश्किल से ब्रजेश रतन ने उसे 13 अप्रैल को अपने पटेल नगर ऑफिस में मीटिंग के लिए बुलाया और कहा कि आपकी 2 करो़ड़ की मिठाई तो गृहमंत्री अमित शाह के घर पहुंच गई है, साहब ने कहा है कि 3 करोड़ रूपये और देदो तभी मुलाकात होगी।
प्रवल चौधरी के मुताबिक ब्रजेश रतन ने कहा कि या फिर अपनी गाड़ी में 25 करोड़ रूपये लेकर साहब के बंगले के बाहर रूको, मैं तुम्हारी मुलाकात अमित शाह से कराता हूं। जब मैं अंदर बुलाऊं तब तुम अपनी गाड़ी वहां छोड़कर चले आना। बाकी की रकम आप एक-दो दिन में दो किश्त में दे देना। जब उसने और पैसे देने से मना कर दिया तो आरोपियों ने उसके पैसे वापस करने से मना कर दिया। इसके बाद 23 अप्रैल 2022 को ब्रजेश रतन के कार्यालय पर फिर से उन लोगों की मीटिंग हुई। इस बार इस मीटिंग में ब्रजेश रतन का भाई रत्नेश रतन भी था, जिसने खुद को हीरियस एक्सपर्ट बताते हुए गैस्ट हाउस कांड में अपने पिता रमेश चंद्र रतन का हाथ बताते हुए उसे बुरी तरह से धमकाया।
प्रवल चौधरी ने अपनी तहरीर में कहा है कि उसके बहुत ज्यादा मिन्नतें करने पर ब्रजेश रतन ने अनीस बंसल के माध्यम से 25 अप्रैल को 1 करोड़ रूपये और राहुल शाह के माध्यम से 20 मई को 1 करोड़ रूपये वापस करने का वादा किया था। लेकिन उसे कोई पैसा वापस नहीं किया गया है। बाद में उसे कह दिया गया कि वह अपने 2 करोड़ रूपये गृहमंत्री अमित शाह के यहां से ले आये। उसे ब्रजेश के पिता रमेश चंद्र रतन और फरवरी 2020 में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रवेश रतन से भी उसका पैसा लौटाने की गुहार लगाई, लेकिन उन्होंने कोई सहयोग नहीं किया।