दिल्ली विधानसभा का सत्र 16 से लेकिन सवाल नहीं पूछ सकेंगे विधायक

-BJP विधायकों ने केजरीवाल सरकार पर लगाये तानाशाही के आरोप

जे.के. शुक्ला/नई दिल्ली, 14 जनवरी, 2023।
16 जनवरी से शुरू हो रहे दिल्ली विधानसभा के सत्र में कोई विधायक सरकार से कोई सवाल नहीं पूछ सकेंगे। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विधायकों से उनके द्वारा सवाल पूछे जाने का अधिकार छीन लिया है। इसके बाद दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के  विधायकों ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार तानाशाही और असंवैधानिक तरीके से काम कर रही है। इस सरकार ने विधानसभा सदस्यों से प्रश्न पूछने का अधिकार ही छीन लिया है। दिल्ली विधानसभा का 16 जनवरी से तीन दिन का अधिवेशन बुलाया जा रहा है जो पूरी तरह गैरकानूनी है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और भाजपा के विधायकों ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केजरीवाल सरकार जनता के सवालों का जवाब देने से भाग रही है। इसीलिए वह विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल को ही खत्म कर रही है। पूरे देश में किसी भी विधानसभा में ऐसा नहीं होता जहां सदस्य सरकार से सवाल न कर सकें। विधानसभा के सदस्य जनता के प्रतिनिधि हैं और वे जनता के सवाल पूछते हैं लेकिन सरकार जनता का सामना करने से बच रही है। दिल्ली में इस बार शीतकालीन अधिवेशन ही नहीं बुलाया गया जबकि नियमानुसार यह जरूरी है। भाजपा विधायक दिल्ली सरकार द्वारा नियमों के इस खुले उल्लंघन की जानकारी लोकसभा अध्यक्ष तक भी पहुंचाएंगे। संवाददाता सम्मेलन में बिधूड़ी के अलावा भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अजय महावर, अभय वर्मा और दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता अजय सहरावत भी उपस्थित थे। भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की है कि यह सत्र कम से कम दस दिन का होना चाहिए जिसमें प्रश्नकाल भी सम्मिलित किया जाए।
बिधूड़ी ने कहा कि भाजपा आगामी विधानसभा सत्र में अनेक मुद्दे उठाएगी। प्रदूषण के कारण दिल्ली की हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है। एक बार फिर दिल्ली पर देश का सबसे प्रदूषित शहर होने का कलंक लगा है। दिल्ली विधानसभा की समिति स्वयं कह रही है कि जल बोर्ड का कामकाज पूरी तरह ठप पड़ा है क्योंकि वित्त विभाग फंड ही जारी नहीं कर रहा। यमुना की सफाई का काम ठप पड़ा है जबकि मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली की जनता के साथ यमुना में डुबकी लगाने का वादा कर चुके हैं। दिल्ली में राशनिंग व्यवस्था भी फेल हो गई है और तीन महीने से गरीबों को राशन नहीं मिल रहा। डीटीसी की बसों में रोजाना आग लग रही है लेकिन दिल्ली सरकार जनता की सुरक्षा को ताक पर रखकर उम्र पूरी कर चुकी बसों को चला रही है। पिछले आठ सालों में दिल्ली सरकार डीटीसी के लिए एक भी बस नहीं खरीद सकी। अभी हाल ही में जो 350 इलेक्ट्रिक बसें आई हैं, वे भी केंद्र सरकार ने दी हैं। सरकार द्वारा नियुक्त मार्शलों और होम गार्ड के जवानों को महीनों से वेतन नहीं मिला और अब उनकी नौकरी पर तलवार लटक रही है। बुजुर्गों की पेंशन जुलाई से नहीं मिल रही और डीटीसी के पूर्व कर्मचारी भी पेंशन के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। मोहल्ला क्लीनिकों का ढांचा पूरी तरह चरमरा गया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इन क्लीनिकों में 450 टेस्ट मुफ्त कराने की बात कहकर अपनी पीठ थपथपाई थी लेकिन यह वादा भी झूठा साबित हुआ है। भाजपा विधायकों ने कहा है कि आम आदमी पार्टी का लोकतंत्र की परंपराओं और नियमों पर कोई विश्वास नहीं है।