-सर्कल रेट से आधी कीमत पर बेच डाली पुरानी दिल्ली के नावल्टी सिनेमा की जमीन
-डीडीए की तरह नीलामी के बजाय ई-टेंडरिंग के जरिये बेची डालीं सरकारी संपत्तियां
-इस संपत्ति को 80 करोड़ में अब भी खरीदने को तैयार हैं बाजार के लोग
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम का बड़ा कारनामा सामने आया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अरबों की जमीन को कोड़ियों के भाव बेच दिया है। मामला पुरानी दिल्ली के नावल्टी सिनेमा की जमीन से जुड़ा है। इस कमर्शियल प्लाट को बाजार भाव तो दूर की बात है सर्कल रेट से भी आधे दामों पर निजी हाथों में सोंप दिया है। बताया जा रहा है कि सरकारी जमीन को बेचने के मामले में बड़ा खेल हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इस काम में दिल्ली बीजेपी के कुछ नेता शामिल हैं, जिसकी वजह से इस काम को आनन-फानन में निपटा दिया गया है।
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बता दें कि पुरानी दिल्ली के श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्ग पर स्थित नावलटी सिनेमा की यह भूमि करीब 5 हजार वर्ग मीटर की है। (हालांकि नगर निगम में लाये गये प्रस्ताव में भूखंड का माप 1157 वर्ग मीटर बताया गया है। लेकिन स्थानीय प्रॉपर्टी विशेषज्ञों का कहना है कि नावल्टी सिनेमा के भूखंड के साथ निगम की अन्य सरकारी जमीन भी है, जो कि सरकारी आंकड़ों में तो नहीं है लेकिन प्लाट में शामिल है। जिसकी वजह से यह सरकारी आंकड़ों से कई गुना ज्यादा बैठता है।) इस कमर्शियल प्लाट के पीछे की ओर टायर मार्केट और गली तेलियान है तो एक ओर क्लॉथ मार्केट स्थित है। बताया जा रहा है कि सर्कल रेट के हिसाब से यह प्लॉट करीब 80 करोड़ रूपये का बैठता है। जबकि इस प्लॉट की मार्केट वॅल्यू करीब 150 करोड़ रूपये की है। लेकिन नगर निगम के नेताओं और अधिकारियों ने इसे महज 34 करोड़ 79 लाख रूपये में बेच डाला है। खास बात यह है कि इस इलाके के रैजिडेंशियल सर्कल रेट के हिसाब से भी इस संपत्ति की कीमत करीब 42 करोड़ रूपये बैठती है। ऐसे में यह सौदा इससे भी सस्ते में कर दिया गया है।
मार्केट के जानकारों का कहना है कि इस इलाके में 100 वर्ग गज के प्लॉट पर बनाई गई (दुकानें) मार्केट ही करीब 35 करोड़ रूपये में बिक जाती है। इसके पीछे स्थित गली तेलियान में 100 वर्ग का रिहायशी मकान ही करीब 12 से 15 करोड़ रूपये में बिकता है। जबकि इस प्लाट के साथ स्थित टायर मार्केट 10 फुट गुणा 10 फुट की दुकान ही करीब 4 से 5 करोड़ रूपये में बिकती है। ऐसे में इतने सस्ते दामों में करीब 5 हजार वर्ग मीटर के कमर्शियल प्लॉट का लगभग 35 करोड़ रूपये में सौदा करके नगर निगम को बड़ा चूना लगाया गया है।
मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि इस 5 हजार वर्ग मीटर में से छोटे छोटे प्लॉट काटकर भी बेचे जा सकते थे। इससे नगर निगम को और ज्यादा आय हो सकती थी। इसमें बीच में आने जाने व अन्य सुविधाओं के लिए स्थान छोड़कर 200 गज के अलग-अलग 23 प्लॉट काटे जा सकते हैं। इससे एक पूरा का पूरा नया मार्केट बनाया जा सकता है, जो कि मेन रोड पर स्थित है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है निगम के नेताओं और अधिकारियों ने डीडीए की तरह ऑक्सन का रास्ता अपनाने के बजाय ई-टेंडडिंग का रास्ता अपनाया है, ताकि व्यक्ति विशेष से मिलकर इस अरबों की संपत्ति को औने-पौने दामों पर बेचा जा सके।
बता दें कि पुरानी दिल्ली के नावल्टी सिनेमा की जमीन को बेचने के लिए 11 अगस्त 2021 को हुई उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति में आइटम संख्या 40 के तहत इस प्रस्ताव को लाया गया था। इसी बैठक में इस प्रस्ताव को पास भी कर दिया गया है। अब इसे सदन की बैठक में पास किया जाना है। लेकिन इससे पहले ही नगर निगम के सियासी गलियारों में इस सौदे में हुए भ्रष्टाचार की गूंज उठने लगी है। अब देखना यह है कि बीजेपी नेता अपनी सफाई में आगे आकर क्या कहते हैं?
अब भी 80 करोड़ देने को तैयार
पुरानी दिल्ली की स्थानीय ट्रेड एसोसिएशनों और प्रॉपर्टी कारोबारियों का कहना है कि इस संपत्ति के अब भी 80 करोड़ रूपये दिये जा सकते हैं। स्थानीय व्यापारी विक्की गुप्ता ने कहा कि जब इस संपत्ति की ईटेंडरिंग की जा रही थी, तब किसी को पता ही नहीं चल सका था। यदि निगम अधिकारी और सत्ताधारी नेता पुरानी दिल्ली की इन संपत्तियों पर चार-पांच सौ रूपये खर्च करके बिक्री के होर्डिंग लगवा देते तो ज्यादा लोग ईटेंडरिंग में भाग लेते और नगर निगम को भी अच्छे दाम मिल जाते। लेकिन शायद निगम अधिकारी और नेता नहीं चाहते थे कि उनके चहेतों के अलावा किसी को यह जमीन मिल पाती।