-नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के केशव पुरम जोन का मामला
-अतिरिक्त आयुक्त को पत्र लिखकर की अधिकारियों की शिकायत
टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले रूकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब खुद भारतीय जनता पार्टी की निगम पार्षद अंजू जैन ने अपने वार्ड में तैनात किए गए अधिकारियों और जोन में तैनात आला अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में उन्होंने निगम की अतिरिक्त आयुक्त को पत्र लिखकर इन अधिकारियों को अपने वार्ड और जोन से तुरंत हटाने की मांग की है।
यह भी पढ़ेंः- NORTH DMC: अधिकारियों का कारनामा… अनुबंध खत्म और बांट दिया करोड़ों रूपये का खजाना
अतिरिक्त आयुक्त को लिखे पत्र में बीजेपी पार्षद ने कहा है कि उनके वार्ड में हाल ही में लगाए गए पीएचआई अशोक कादियान के आने के बाद इलाके से भष्टाचार की बड़ी शिकायतें आ रही हैं। पीएचआई अशोक कादियान और एपीएचआई सुशील कुमार मिलकर क्षेत्र में उगाही कर रहे हैं। वह इलाके में लोगों को उनका चालान काटने और सामान उठाकर लेजाने के नाम पर उगाही कर रहे हैं। पत्र में यह भी कहा है कि सुशील कुमार पड़ोस के वार्ड में तैनात है और उनके वार्ड में उगाही करता है।
यह भी पढ़ेंः- DELHI BJP: महिला मोर्चा अध्यक्ष पद पर कब्जे की कवायद
आरोप है कि पीएचआई अशोक कुमार के ऊपर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। इसके बाद उन्हें उत्तरी दिल्ली नगर निगम में ट्रांसफर किया गया है। निगम पार्षद अंजू जैन ने केशव पुरम जोन के उप स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) राजेश कुमार के ऊपर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अतिरिक्त आयुक्त को लिखे अपने पत्र में कहा है कि अवैध उगाही के मामले में डीएचओ भी शामिल है।
अंजू जैन ने डीएचओ राजेश कुमार, पीएचआई अशोक कुमार और एपीएचआई सुशील कुमार के तुरंत ट्रांसफर की मांग की है। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके वार्ड का पुराना पीएचआई किसके आदेश पर हटाया गया है? क्योंकि उनके वार्ड के लोगों का काम प्रभावित हो रहा है, जबकि वर्तमान पीएचआई लोगों के हित के कोई काम नहीं कर रहे हैं।
डीएचओ ने नहीं कराया सैनेटाइजेशन
अंजू जैन ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि केशव पुरम जोन के डीएचओ राजेश कुमार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वह इलाके में जनहित के कोई काम नहीं कर रहे हैं। यहां तक कि उनके पीतमपुरा वार्ड में कोरोना के भीषण संकट काल में डीएचओ द्वारा एक बार भी सैनेटाइजेशन तक नहीं कराया गया। अपने वार्ड में पूरा सैनेटाइजेशन का काम उन्होंने खुद अपने खर्च पर कराया है।