कोरोना टेस्ट मुफ्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस का धरना

-कांग्रेस ने दिल्ली के एक हजार स्थानों पर दिया धरना
-केंद्र व केजरीवाल सरकार पर लगाया विफलता का आरोप

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
कोरोना टेस्ट मुफ्त करने की मांग को लेकर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को दिल्ली में एक हजार स्थानों पर धरना दिया। धरना का नेतृत्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने किया। आधा घंटे के इस धरने में कांग्रेस ने भाजपा की नरेन्द्र मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार की कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण विफलता का आरोप लगाया।

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प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में धरने पर प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ आदर्श शास्त्री, परवेज आलम, संदीप गोस्वामी और जावेद मिर्जा के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी की दोनो सरकारों ने पहले लॉकडाउन के बाद महत्वपूर्ण 84 दिनों का कीमती समय बर्बाद किया जबकि इस दौरान कोविड मामले एकल अंकों में थे जिन पर नियंत्रण पाया जा सकता था।

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उन्होंने कहा कि ये दोनों सरकारें कोई कार्यवाही न करके एक दूसरे की पीठ थपथपाने की आपसी कवायद में लगी है जबकि इसके बजाय इनको सुविधाओं को बढ़ाने, अस्पताल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ जैसे कोरोना योद्धाओं और सेनिटाईजेशन कर्मचारी जो सीधे कोविड लड़ाई से जुड़े है इनके लिए सभी आवश्यक उपकरण और सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए।

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अनिल कुमार ने अपनी मांग को दोहराया कि निःशुल्क कोविड टेस्ट का अधिकार दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को मिलना चाहिए। कोविड मरीज तथा कंटेन्मेन्ट जोन में रह रहे प्रत्येक के परिवार को तुरंत प्रभाव से 10,000 रुपये दिए जाये ताकि लॉकडाउन के कारण वित्तिय संकट से जूझ रहे लोगों को राहत मिल सके क्योंकि केजरीवाल सरकार ने बिना किसी योजना तैयार किए ही लॉकडाउन को दिल्ली पर लागू कर दिया। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने आखिर स्वीकर कर ही लिया, जिसे दिल्ली कांग्रेस पिछले कई हफ्तों से लगातार कह रही थी कि दोनो सरकारों की अक्षमता और विफलता के कारण कोविड-19 महामारी की राजधानी में तेजी से वृद्धि हुई है।