-राजीव भवन से राजघाट तक संविधान बचाने व सद्भावना के लिए पैदल मार्च
-अंबेडकर स्टेडियम पर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि, गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि
टीम एटूजेड/ नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने शनिवार को सद्भावना पैदल मार्च निकाला। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व मे हजारों काग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन पार्टी कार्यालय से राजघाट तक संविधान बचाने व सद्भावना के लिए पैदल मार्च किया। मार्च में मौजूद कार्यकर्ता हाथों में तिरंगे झंडे लिए जैसे ही राजीव भवन से निकले ‘हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई आपस में है भाई-भाई’, ‘संविधान बचाओ-संविधान बचाओ’ ‘साम्प्रदायिक एकता जिन्दाबाद’ व गांधी जी के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजा राम, पति के पावन सीता राम’ आदि गाते और नारे लगाते नजर आए। अम्बेडकर स्टेडियम पहुंच कर कांग्रेस के नेताओं ने बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के आदमकद चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की।
इससे पूर्व राजीव भवन में सुभाष चोपड़ा ने पीसी चाको के साथ ध्वजारोहण करके स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत की। प्रातः 10 बजे से ही कड़ाके की ठंड के बावजूद जोशीले कार्यकर्ता हाथों में तिरंगे झंडे लेकर दिल्ली के कोने कोने से टोलियो व जूलूसों में राजीव भवन पहुचे। सुभाष चोपड़ा व पीसी चाको ने इस मौके पर उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं व महापुरुषों को श्रद्धाजंलि अर्पित की जिन्होंने आजादी की लडाई में अपना बलिदान दिया था। साथ ही दिल्ली भर के लाखों कार्यकर्ताओं को बधाई दी, जिनकी बदौलत आज पार्टी अपनी नीति व सिद्धांतों को घर-घर तक पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि बिना कार्यकर्ताओं के सहयोग के कोई भी आंदोलन सफल नही हो सकता।
सुभाष चोपड़ा व पीसी चाको ने यह भी कहा कि आज कांग्रेस पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर कांग्रेस कार्यकर्ता यह शपथ लें कि वे संविधान की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होंने अभी हाल ही में केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा धार्मिक धुव्रीकरण की नीयत से लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक को देश व समाज को बांटने वाला बताते हुए भाजपा की कड़ी निंदा की व साथ ही जामिया में छात्रों पर हुए अत्याचार को याद करते हुए आरोप लगाया कि निर्दोष लोगों के खिलाफ भाजपा व आप पार्टी की मिलीभगत से पुलिस मुकदमे दर्ज कर रही है जो पूरी तरह निंदनीय है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वो किसी भी कीमत पर शांति व सौहार्द को नुकसान न पहुचने दें।