-चुनाव प्रचार को लेकर कैप्टन और सिद्धू के बीच घमासान
-पंजाब की सभी 13 सीटों पर आखिरी चरण में 19 को होगा मतदान
-अमृतसर से चुनाव लड़ना चाहती थीं सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर
-‘शतरंज की बिसात बिछी हो और प्यादा अपनी औकात भूल जाए तो कुचला जाएगा।’: सिद्धू
अमित टकियार / नई दिल्ली-अमृतसर
पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सियासी घमासान जारी है। लोकसभा चुनाव में भी दोनों नेताओं के बीच की दूरियां खुलकर सामने आ रही हैं। माना जा रहा है कि इसका असर पंजाब की लोकसभा सीटों पर भी पड़ सकता है। कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू को राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए चल रहे प्रचार से दूर कर रखा है। यही कारण है कि सिद्धू केवल प्रियंका गांधी के एक रोड शो में ही दिखाई दिए हैं। जबकि वह राहुल गांधी की पंजाब में हुई दोनों सभाओं से दूर रहे। पंजाब की सभी 13 सीटों के लिए 19 मई को अंतिम चरण में वोटिंग होनी है। लेकिन पंजाब कांग्रेस के दोनों नेताओं के बीच चल रहा शीत युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
फिलहाल अब तक कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू गले में ख़राबी की बात कहते हुए प्रचार से दूरी बनाए रखी थी। हालांकि पंजाब में कितनी सीटों पर कांग्रेस की जीत के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह सवाल कैप्टन से पूछा जाना चाहिए। जाहिर सी बात है कि जब पंजाब में लोकसभा चुनाव चल रहे हों और वह दिल्ली व दूसरे शहरों में हों तो आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा। सिद्धू ने यह भी कहा कि ‘शतरंज की बिसात जब बिछी हो और प्यादा अपनी औकात भूल जाए तो कुचला जाएगा।’
सिद्धू के निशाने पर कैप्टन और आशाः
भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले दोनों नवजोत (पति-पत्नी) के निशाने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रभारी आशा कुमारी हैं। जब सिद्धू से पूछा गया कि अकाली-भाजपा गठबंधन या आम आदमी पार्टी में से किसके साथ कांग्रेस का मुकाबला है? तो नवजोत सिद्धू ने कहा कि ‘यह तो कैप्टेन साहब बताएंगे…कैप्टेन हैं वो… वही बताएंगे… कैप्टन साहब ने कहा है कि 13 सीट जीत रहे हैं तो हाथी के पांव में सबका पांव। हालांकि सिद्धू की नाराजगी इस बात को लेकर है कि उनकी पत्नी नवजोत कौर को चंडीगढ से टिकट ना देकर पवन बंसल को दे दिया गया। इस दर्द का बयान सिद्धू कई सार्वजनिक मंचों पर कर चुके हैं।
सिद्धू की नजर… कैप्टन के उत्तराधिकार परः
भाजपा छोड़कर कांग्रेस में पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू अपने आपको पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद दूसरा सबसे बड़ा नेता मानते हैं। दरअसल सिद्धू पंजाब में कैप्टन के बाद अपने आप को उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार करने में जुटे हैं। यही कारण है कि कैप्टन सहिंत पंजाब कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के साथ उनका हमेशा छत्तीस का आंकड़ा बना रहता है। लेकिन वह कांग्रेस आलाकमान को खुश करने का कोई मौका नहीं चूकते। इसलिए वह हमेशा राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात करते हैं। हालांकि सियासी जानकारों का कहना है कि सिद्धूवाणी ही सिद्धू की राह का कांटा बन सकती है।
पत्नी नवजोत कौर ने साधा निशानाः
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्य प्रभारी आशा कुमारी पर निशाना साधा है। नवजोत कौर ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को पंजाब में प्रचार नहीं करने के लिए कहा है। इसके लिए पार्टी की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी भी जिम्मेदार हैं। नवजोत कौर ने अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘कैप्टन साब तो छोटे कैप्टन हैं और राहुल गांधी सबसे बड़े कैप्टन हैं और उन्होंने सिद्धू को अन्य राज्यों में प्रचार की जिम्मेदारी दी है। नवजोत कौर ने आगे कहा कि ‘जब कैप्टन साब और आशा कुमारी ने सभी 13 सीटों पर पार्टी को जिताने की जिम्मेदारी ली है, तो फिर पंजाब में चुनाव प्रचार के लिए नवजोत सिद्धू की क्या जरूरत है?’
लोकसभा टिकट नहीं मिलने से बढ़ी नाराजगीः
पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उनकी पत्नी नवजोत कौर को लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने से नाराज हैं। दरअसल पूर्व विधायक नवजोत कौर अमृतसर या चंडीगढ़ से टिकट मांग रहीं थीं। नवजोत कौर ने खुद कहा है कि ‘मैं अमृतसर (लोकसभा सीट) से चुनाव लड़ने की इच्छुक थी, लेकिन मुझे टिकट देने से इनकार कर दिया गया। मुझे टिकट नहीं दिए जाने के लिए अमरिंदर सिंह जिम्मेदार हैं।’ नवजोत कौर ने आगे कहा कि मैं चंडीगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार किरण खेर के खिलाफ भी चुनाव लड़ने की इच्छुक थी।