जीएनसीटीडी 1991 एक्ट में संशोधन को कांग्रेस ने बताया लोकतंत्र की हत्या

-सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की शक्तियों को अलग-अलग परिभाषित करने के लिए कहा थाः कांग्रेस
-मोदी सरकार ने दिल्ली सरकार की शक्तियों में ही कर डाली कटौतीः अनिल भारद्वाज
-इस काले कानून के विरोध में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस 17 मार्च को जंतर मंतर पर देगी धरना

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारियों में की गई कटौती को लोकतंत्र की हत्या बताया है। मुख्यमंत्री के पूर्व संसदीय सचिव एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज ने सोमवार को कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने आज संसद में जीएनसीटी दिल्ली 1991 एक्ट में संशोधन करके दिल्ली की चुनी हुई सरकार के जनता के प्रति जवाबदेही के सभी अधिकारों को उपराज्यपाल की शक्तियों में समाहित करके लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया है, जिसका कांग्रेस विरोध करती है। क्योंकि जीएनसीटी दिल्ली 2021 संशोधन बिल के तहत दिल्ली में चुनी हुई सरकार की अधिकतर शक्तियों को उपराज्यपाल के आधीन कर दिया गया है। दिल्ली के इतिहास में आज की तारीख काले अक्षरों में लिखी जाऐगी। प्रेस वार्ता में परवेज आलम और अनुज आत्रे मौजूद रहे।

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अनिल भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधित एक्ट 2021 के विरोध में 17 मार्च, 2021 बुधवार को जंतर मंतर पर धरना देगी। इस काले कानून के तहत लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार के अधिकारों को सीमित बना दिया है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि संशोधित एक्ट को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से भाजपा द्वारा पारित जीएनसीटी दिल्ली 2021 संशोधित एक्ट का हर स्तर पर विरोध करेगी क्योंकि कांग्रेस जनता अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है।

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अनिल भारद्वाज ने आगे कहा कि भाजपा के तानाशाह शासन पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधी ने यह सही कहा है कि “प्दकपं पे दव सवदहमत ं कमउवबतंजपब बवनदजतल”। राहुल गांधी जी के कथन में सच्चाई है कि भाजपा जनता के कल्याण की बजाय उद्योगपतियों के हित के लिए और संसदीय पटल पर नागरिक विरोधी कानून बनाकर मनमर्जी के फैसले ले रही है। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के मुख्मंत्री केजरीवाल जो 70 में 62 विधायकों के साथ दिल्ली में सत्तासीन है, और भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा जीएनसीटी दिल्ली 2021 संशोधित एक्ट द्वारा दिल्ली सरकार के प्रशासनिक अधिकारों को उपराज्यपाल के अधिकारों में नीहित कर दिया है। केजरीवाल और उनकी पार्टी इसका विरोध नही बल्कि उनके साथ मिलकर काम कर रही है क्योंकि फरवरी में इस बिल में संशोधन के लिए केबिनेट की मंजूरी मिल गई। श्री भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली के जनता के प्रति पूरी तरह से असंवेदशील है इसीलिए इस विषय पर अभी तक गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से एक बार भी नही मिले।

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भारद्वाज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल शक्तियों को अलग-अलग परिभाषित कर दिया था तो फिर भाजपा ने अपने मनमाने ढंग से सत्ता में न होने पर भी दिल्ली में अपनी हूकूमत चलाना चाहते है। उन्होंने कहा कि यदि सब कुछ भाजपा अपने आधीन रखना चाहती है तो दिल्ली में चुनी हुई सरकार की क्या जरुरत है। श्री भारद्वाज ने कहा कि भाजपा उपराज्यपाल के नाम पर अमित शाह के मनसूबों के अनुसार दिल्ली को चलाना चाहती है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भाजपा की बी टीम के रुप में काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि संसद द्वारा एक्ट में संशोधन के बाद अब अरविन्द केजरीवाल के पास जनता के प्रति जवाबदेही से बचने का एक और बहाना आ गया कि यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नही है।