-अब महापौर के रहमोकरम पर मिलेगी अधिकारियों से सूचनाः मुकेश गोयल
-एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच में चल रहा ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेलः मुकेश गोयल
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस दल के नेता व वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल ने निगम में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर पार्षदों का निगम से सूचना प्राप्त करने का संवैधानिक अधिकार छीनने का आरोप लगाया है। उन्होंने गुरूवार को नगर निगम के सदन की बैठक में यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया है। इसके मुताबिक अब निगम पार्षदों को निगम के कामकाज से संबंधित सूचना प्राप्त करने के लिए केवल महापौर के कार्यालय में आवेदन करना होगा। अब यह महापौर की मंशा पर निर्भर करेगा कि किसी पार्षद को मांगी गई जानकारी दी जाए अथवा नहीं। इससे पहले तक निगम पार्षद संबंधित अधिकारियों के कार्यालय से सीधे सूचना प्राप्त कर लेते थे।
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मुकेश गोयल ने सवाल उठाया कि सत्ताधारी बीजेपी आखिर किस भ्रष्टाचार को लोगों के सामने नहीं आने देना चाहती है? नगर निगम पहले ही भ्रष्टाचार की वजह से बदनाम है। यह आदेश आने के बाद अधिकारी और ज्यादा निरंकुश हो जाएंगे। नगर निगम और सदन को चलाने के लिए सत्ताधारी दल और विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। लेकिन जब विपक्ष को मांगी गई जानकारी ही नहीं दी जाएगी तो निगम के कामकाज में पारदर्शिता किस तरह से आएगी? नगर निगम की एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के ऊपर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। लगातार ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में विभाग की सूचना प्राप्त करने पर पाबंदी लगाया जाना गलत है।
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मुकेश गोयल ने आगे कहा कि 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, इस मौके पर नगर निगम में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नगर निगम जिस व्यवस्था के तहत 1958 से चलता आ रहा है, इस आदेश के जरिए उस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने सदन में महापौर से मांग की कि इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। क्योंकि इससे निगम पार्षदों का संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है।