-26 अप्रैल को होना है दिल्ली के मेयर का चुनाव, इलेक्शन कमीशन से नहीं मिली इजाजत
जतन किशोर शुक्ला/ नई दिल्लीः 24 अप्रैल।
दिल्ली में मेयर के चुनाव (Delhi Mayor Election) पर से अभी तकनीकी संकट के बादल छंटे नहीं हैं। 26 अप्रैल को चुनाव हाना है और 24 अप्रैल की शाम तक ना तो इलेक्शन कमीशन (Election Commission) ने मेयर के चुनाव की इजाजत दी है और नाही अभी तक इस चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी के नाम की अधिसूचना जारी हो पाई है। माना जा रहा है कि इसके चलते मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव टल सकता है और तब तक शैली ओबरॉय ही दिल्ली की मेयर रहेंगी। हालांकि आचार संहिता लागू होने की वजह से वह भी कोई नीतिगत और ब़ड़ा फैसला नहीं ले सकेंगी।
दरअसल दिल्ली में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू है। मेयर के चुनाव के नतीजे लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) पर भी असर डाल सकते हैं। या फिर यह कहें कि आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) में बहुमत में है और उसके उम्मीदवार जीतते हैं तो वह इसे दिल्ली की जनता का फैसला कहकर प्रचारित कर सकती है। ऐसे में लोकसभा चुनाव पर इसका असर पड़ सकता है। ऐसे में चुनाव आयोग दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए 25 मई को मतदान के बाद मेयर चुनाव कराने की अनुमति दे सकता है। अतः मेयर का चुनाव एक महीने आगे के लिए टल भी सकता है।
खास बात है कि मेयर शैली ओबरॉय ने मेयर का चुनाव के लिए नामांकन और मतदान की तारीखें भले ही तय कर दी हों, परंतु अभी तक पीठासीन अधिकारी के नाम का ऐलान भी नहीं हो सका है। परंपरा के अनुसार निवर्तमान मेयर ही नये मेयर का चुनाव कराता है और इस वर्ष अनुसूचित जाति वर्ग (SC) से मेयर का चुनाव किया जाना है। परंतु जब तक उपराज्यपाल (LG) की ओर से पीठासीन अधिकारी के नाम की घोषणा नहीं की जाती है तब मेयर का चुनाव नहीं कराया जा सकता। खास बात है कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना पहले ही कह चुके है कि मुख्यमंत्री को जेल के अंदर से सरकार नहीं चलाने देंगे और इसके लिए फाइल पर मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होना भी जरूरी है।