BJP: निगम चुनाव टलते ही कई नेताओं की राजेंद्र नगर सीट पर लगी गिद्ध दृष्टि

-विधानसभा सीट पर सिख और पंजाबी की दावेदारी के बीच बनिया बिरादरी का तड़का
-अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक व पूर्व निगम पार्षद ढूंढने में जुटे अपनी-अपनी संभावनाएं

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली, 26 मार्च, 2022
राजधानी में नगर निगम चुनाव टलने की आहट के बीच नेताओं की गिद्ध दृष्टि दिल्ली की राजेंद्र नगर विधानसभा सीट पर लग गई है। यह सीट आप विधायक राघव चड्ढा के राज्यसभा पहुंच जाने की वजह से खाली हुई है। हाल ही में उन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा दिया है। भले ही खाली हुई विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने में अभी समय है, लेकिन प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेता अपने-अपने हिसाब से समीकरण भिड़ाने की जुगत में लग गये हैं। माना जा रहा है कि साल 2022 के अंत में होने वाले गुजरात और हिमांचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव के साथ दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट पर भी उपचुनाव कराया जा सकता है।

यह भी पढ़ेःभंग होंगे नगर निगम… जल्दी नहीं होंगे चुनाव… ‘स्पेशल ऑफिसर’ के हाथ होगी निगम की कमान 

दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने का बिल लोकसभा में आने के बाद यह तय है कि नगर निगम भंग होंगे और जल्दी चुनाव होने के कोई आसार नहीं हैं। ऐसे में सियासी दलों के पास केवल विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होने का इंतजार करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। यही कारण है कि पार्टी के कई नेताओं ने अपने-अपने लिए संभावनाएं तलाश करनी शुरू कर दी हैं। उम्मीदवारी की अनिश्चित दौड़ में पार्टी के करीब आधा दर्जन नेता शामिल हो गये हैं।

यह भी पढ़ेः निगम चुनाव टलता देख छंटी सियासी दलों के कार्यालयों की भीड़… सुनसान नजर आने लगे पार्टियों के दफ्तर

राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से भविष्य में होने वाले उपचुनाव के लिए दावेदारी करने वालों में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के साथ ही उपाध्यक्ष राजन तिवारी, पूर्व विधायक सरदार आरपी सिंह, पूर्व पार्षद एवं पूर्व प्रदेश महामंत्री राजेश भाटिया और जिला अध्यक्ष राजेश गोयल के नाम बताये जा रहे हैं। इनके अलावा करीब आधा दर्जन और ऐसे लोग हैं जो राजेंद्र नगर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि अभी नेता तो कुछ नहीं कह रहे लेकिन उनके समर्थकों ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है।
सिख व पंजाबी के बीच खींचताल
राजेंद्र नगर सीट पर साल 2015 से ही खींचताल चली आ रही है। इस सीट पर सिख कम्युनिटी के प्रतिनिधित्व की दावेदारी करने वाले सरदार आरपी सिंह दो बार इसी सीट से हारने के बाद चौथी बार (पांचवीं बार) दावेदारी के मूड में हैं। सरदार आरपी सिंह 1993, 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इनमें से वह केवल 2013 का विधानसभा चुनाव ही जीत सके थे, बाकी तीनों पर उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। ऐसे में उनकी दावेदारी को ज्यादा गंभीर नहीं माना जा सकता है। फिलहाल वह पार्टी के राष्ट्रीय सचिव होने के साथ ही प्रवक्ता भी हैं।
पंजाबी कम्युनिटी से पुराने और मजबूत दावेदार के रूप में राजेश भाटिया को माना जा रहा है, हालांकि अब एक और नया नाम प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी का जुड़ गया है। राजेश भाटिया 2012 से 2017 तक पार्षद रहते हुए नगर निगम के कई पदों पर रह चुके हैं। वह आदेश गुप्ता से पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे मनोज तिवारी के साथ प्रदेश महामंत्री भी रहे हैं और उनके काम को बेहतर आंका गया था। पंजाबी कम्युनिटी से दूसरे दावेदार राजन तिवारी अब तक दिल्ली केंट से टिकट मांगते रहे हैं। लेकिन बताया जा रहा है कि अब वह राजेंद्र नगर से दावेदारी करेंगे। हालांकि राजन तिवारी का व्यवहार पार्टी नेताओं के साथ विवादास्पद रहा है। पार्टी में कार्यभार संभालने के साथ ही कई पूर्व विधायकों, निगम पार्षदों और कई दूसरे नेताओं के साथ सार्वजनिक तौर पर उनका झगड़ा होना आम बात है। हाल ही में पार्टी के एक नेता के साथ उनका झगड़े ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी थीं।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता की दावेदारी
बताया जा रहा है कि नगर निगम भंग होने की स्थिति में प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता राजेंद्र नगर सीट से दावेदारी पर विचार कर रहे हैं, यदि सिख और पंजाबी का झगड़ा ज्यादा बढ़ता है तो पार्टी के पास आदेश गुप्ता इस सीट पर उम्मीदवारी के लिए विकल्प हो सकते हैं। जिस तरह उन्होंने प्रदेश की बागडोर संभाल कर सभी को चोंका दिया था, उसी तरह से वह विधानसभा उपचुनाव का टिकट भी ला सकते हैं। हालांकि यह सीट बनिया बहुल सीट नहीं मानी जाती है। इसके बावजूद करोलाबाग जिला अध्यक्ष राजेश गोयल भी राजेंद्र नगर सीट से विधानसभा में घूसपैठ के सपने देखने में जुट गये हैं। जिला अध्यक्ष होने की वजह से वह चाहते हैं कि इस सीट से उन्हें टिकट दिया जाये। बता दें कि उन्होंने 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिये जाने पर बीजेपी के साथ बगावत करते हुए दिल्ली कैंट सीट से बागी के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया था।