BJP शासित नॉर्थ DMC का कारनामाः लाखों रूपये बकाया फिर भी बिना टेंडर के दे दिये उन्हीं ठेकेदारों को 5 पार्किंग का ठेके

-अधिकारियों ने नवंबर में ही नई टेंडर प्रक्रिया से हटा लिये थे पांचों पार्किंग
-ठेका खत्म करने के बजाय ठेकेदारों को दो-दो महीने का शुल्क माफ करने की तैयारी

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
फंड को लेकर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के ऊपर ठीकरा फोड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी शासित नगर निगम अपने यहां कोई सुधार करने को तैयार नहीं हैं। 5 पार्किंग को लेकर सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिन पार्किंग ठेकेदारों की ओर नगर निगम का लाखों रूपया बकाया था, उन्हीं ठेकेदारों को फिर से वहीं पार्किंग दे दिये गये। केवल यही नहीं इसके लिए अधिकारियों ने बाकायदा इन 5 पांच पार्किंग को टैंडर प्रक्रिया से बाहर निकालने के लिए एक आदेश भी जारी कर दिया गया। मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम से जुड़ है और इनमें एफ ब्लॉक, मानसरोवर गार्डन, अजमल खां पार्क, बैंक स्ट्रीट करोलबाग, शास्त्री पार्क करोलबाग और एमसीडी प्राइमरी स्कूल पूसा रोड की पार्किंग के नाम शामिल हैं।

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इससे भी बड़ी बात यह है कि दो महीने बाद ही एक पार्किंग साइट का ठेका रद्द कर दिया गया जबकि दूसरे पार्किंग साइट के ठेकेदार ने ही बकाया चुकाने और पार्किंग चलाने से अपने हाथ खड़े कर दिये हैं। ऐसे में नगर निगम को एक बार फिर लाखों रूपये का चूना तो केवल इन्हीं पार्किंग की वजह से लग गया है। बताया जा रहा है कि इन पार्किंग ठेकेदारों की ओर नगर निगम का करीब 80 लाख रूपये से भी ज्यादा की राशि बकाया है, जिसे वसूलने के लिए कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं।

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बता दें कि करोलबाग की शास्त्री पार्क पार्किंग साइट की ओर फरवरी महीने तक का कुल 31,21,293 रूपये बकाया हैं। इस साइट का संचालन करोलबाग ट्रेडर्स फेडरेशन के द्वारा 1 अप्रैल 2019 से केवल 3 लाख रूपये महीने में किया जा रहा था, इसके पश्चात बिना टेंडरिंग में शामिल किये ही इसे 4 लाख 14 हजार रूपये के मासिक शुल्क पर इसे फेडरेशन को दे दिया गया। जबकि उसकी ओर लंबे समय से लाखों रूपये बकाया हैं और अब उसे दो महीने के मासिक लाइसेंस शुल्क में भी छूट दी जा रही है।

इसी तरह एफ ब्लॉक मानसरोवर गार्डन की पार्किंग साइट की ओर फरवरी 2022 का जोड़कर नगर निगम के 24 लाख 15 हजार 883 रूपये बकाया हैं, इसके बावजूद पुरानी बकाया राशि वसूलने के बजाय इसे भी 2 महीने के लाइसेंस शुल्क की छूट दिये जाने की तैयारी है। इस साइट को मानसरोवर गार्डन व्यापार मंडल के द्वारा 8 अप्रैल 2021 से केवल 3,42,000 रूपये के मासिक शुल्क पर संचालित किया जा रहा है। 1 दिसंबर 2021 से इस पार्किंग साइट को भी टेंडरिंग से हटाकर ठेकेदार को दोबारा दे दिया गया था।

करोलबाग के बैंक स्ट्रीट स्थित पार्किंग की हालत तो और भी ज्यादा खराब है। करोलबाग ज्वैलर्स एसोसिएएशन द्वारा इस पार्किंग को 4 अप्रैल 2019 से 2,25,000 रूपये के मासिक शुल्क पर चलाया जा रहा था। इसी एसोसिएशन को 1 दिसंबर 2021 से फिर से इस पार्किंग का ठेका 2,77,200 रूपये मासिक शुल्क पर दे दिया गया। दो महीने पार्किंग चलाने के बाद इस पार्किंग ठेकेदार की ओर नगर निगम का 9 लाख 4 हजार 764 रूपये बकाया हैं। जबकि बिना वसूली के ही 1 फरवरी 2022 को यह ठेका निरस्त कर दिया गया और अब इसे भी लाइसेंस शुल्क में दो महीने की छूट दिये जाने की तैयारी है।
एमसीडी प्राइमर स्कूल पूसा रोड की बात करें तो यह पार्किंग करोलबाग ट्रेडर्स फेडरेशन के द्वारा 1 अक्टूबर 2020 से करोलबाग ट्रेडर्स फेडरेशन के द्वारा महज 20 हजार रूपये के मासिक शुल्क में चलाई जा रही थी। इस पार्किंग को बिना टेंडर प्रक्रिया में शामिल किये ही फिर से उसी फेडरेशन को 2,48,400 रूपये के मासिक शुल्क पर दे दिया गया। अब इस ठेकेदार की ओर फरबरी 2022 तक का करीब 5 लाख रूपये बकाया हैं, जिसमें से दो महीने के लाइसेंस शुल्क की छूट दिये जाने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि अजमल खां पार्क के पार्किंग ठेकेदार की ओर भी निगम का 5 लाख रूपये से ज्यादा का बकाया है। इस पार्किंग को भी बिना टेंडर प्रक्रिया के दे दिया गया था।
नवंबर में टेंडर प्रक्रिया से हटा लिये थे पार्किंग, आ सकता है दोगुना राजस्व
बता दें कि उपरोक्त पांचों पार्किंग का नाम अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया के बीच से हटा लिया था। उत्तरी दिल्ली के आरपी सेल के तत्कालीन एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर के पत्र संख्याः 932 के द्वारा 9 नवंबर 2021 को इन पार्किंग साइट्स को टेंडरिंग से बाहर कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि यह पार्किंग व्यापार मंडलों के नाम पर लिये गये है, लेकिन इन्हें चला कोई और रहा है। आश्चर्य की बात है कि आम लोगों से मनमानी वसूली के बावजूद नगर निगम के खजाने में कोई पैसा नहीं आ रहा है। जबकि यदि इन्हें टेंडरिंग प्रक्रिया में शामिल किया जाता तो इससे कई गुना राजस्व प्राप्त किया जा सकता था।
संघ से जुड़े एक नेता के इशारे पर वसूली नहीं करने की चर्चा
चर्चा है कि यह पार्किंग भारतीय जनता पार्टी और संघ से जुड़े एक नेता के इशारे पर मार्केट एसोसिएशनों को अलॉट किये गये हैं। बताया जा रहा है कि इन्हें चलाने की जिम्मेदारी उन्हीं के चेलो के द्वारा निभायी जा रही है। नगर निगम के हिस्से के लाखों रूपये इन्हीं नेताओं की जेब में जा रहे हैं। इसकी वजह से लाखों की बकाया राशि होने के बावजूद उसे वसूलने के बजाय उन्हीं ठेकेदारों को बिना किसी टेंडरिंग के यह ठेके दोबारा से दे दिये गये हैं।