-सिपहसालारों को सोंपी बगावत रोकने की कमान
-पटेल नगर सीट बनी बीजेपी के लिए ‘हॉट केक’
-केजरीवाल के पासों में गच्चा खा सकती है बीजेपी!
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 05 नवंबर, 2024।
सोमवार को पूर्व मेयर बीबी त्यागी के भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद दिल्ली बीजेपी नेतृत्व गहरी नींद से जागा है। जबकि इस तरह की आशंकाएं पहले से ही जताई जा रही थीं। पार्टी ने मंगलवार से संभावित बागियों की नब्ज टटोलने की कवायद शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि ऐसे लोगों के साथ प्रदेश कार्यालय में बैठक करने के बजाय दूसरे स्थानों पर बैठकें की जा रही हैं। बीते डेढ़-दो वर्षों से प्रदेश नेतृत्व से मुलाकात की गुहार लगाते आ रहे पार्टी कार्यकर्ताओं से अब उनके सिपहसालार मिल रहे हैं।
बता दें कि जैसे जैसे दिल्ली विधानसभा के चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे ही टिकट की दावेदारी को लेकर नेताओं ने अपने आकाओं की गणेश परिक्रमा बढ़ा दी है। परंतु दिल्ली बीजेपी में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के दावेदारों के द्वारा बगावत की आशंका भी बढ़ गई है। कई नेताओं के नामों की चर्चा तो दिल्ली बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने खुलकर करनी शुरू कर दी है। ऐसा ही एक विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मी नगर है, इस सीट से टिकट के प्रमुख दावेदार रहे बीबी त्यागी ने बीजेपी छोड़कर आप ज्वॉइन कर ली है। फिलहाल इस सीट से बीजेपी के अभय वर्मा विधायक हैं।
इसके पश्चात पटेल नगर, विश्वास नगर, कृष्णा नगर, रोहताश नगर, घोंडा, करावल नगर और बदरपुर सीटों पर भी आने वाले दिनों में कुछ बड़ा खेल होने की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि यह सीटें 20154 के चुनाव में आप ने जीती थीं। परंतु 2020 के चुनाव में बीजेपी ने यह सीटें जीत ली थीं। जबकि पटेल नगर सीट पर अलग तरह के समीकरण बन गये हैं। दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कुछ सीटों पर दूसरे दलों से आये नेताओं की दावेदारी की वजह से पार्टी के पुराने लोग नाराज हैं क्योंकि ऐसे ज्यादातर लोगों को पार्टी के कामों से भी दरकिनार कर दिया गया है। कुछ सीट ऐसी हैं जहां अपने मजबूत कार्यकर्ताओं को काम करने का मौका ही नहीं दिया जा रहा है।
विश्वास नगर व गांधी नगर पर रस्साकसी
गौरतलब है कि विश्वास नगर सीट पर कांग्रेस से आये नसीब सिंह की प्रबल दावेदारी है। यहां से फिलहाल बीजेपी के ओम प्रकाश शर्मा दूसरी बार विधायक हैं। बताया जा रहा है कि ओम प्रकाश शर्मा की प्रदेश नेतृत्व के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। हालांकि शर्मा ने अभी तक किसी तरह के बगावत के संकेत नहीं दिये हैं, परंतु वह पार्टी नेताओं की कार्यप्रणाली को लेकर गरियाते जरूर रहते हैं। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शिमल हुए दूसरे नेता अरविंदर सिंह लवली के लिए गांधी नगर परंपरागत सीट रही है। फिलहाल यहां से आप छोड़कर बीजेपी में आये अनिल वाजपेयी विधायक हैं। वाजपेयी की पूर्व सांसद गौतम गंभीर के साथ अदावत पहले से ही जगजाहिर रही है।
हॉट केक बनी पटेल नगर सीट
पटेल नगर (सुरक्षित) सीट भी इस समय ‘हॉट केक’ बनी हुई है। दिल्ली सरकार में मंत्री रहे और बीएसपी के टिकट पर नई दिल्ली लोकसभा सीट से बीएसपी उम्मीदवार रहे राजकुमार आनंद यहां से टिकट के लिए बीजेपी में दावेदारी कर रहे हैं। जबकि इस सीट पर बीते पांच वर्षों से लगातार सक्रिय रहे प्रवेश रत्न बीजेपी में यहां से प्रबल दावेदार हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी और मोर्चों के गठन तक प्रवेश रत्न पार्टी में खूब एग्टिव थे, परंतु अनुसूचित जाति मोर्चा के गठन के साथ ही प्रवेश रत्न को प्रेदश नेतृत्व के द्वारा निष्क्रिय करके घर बैठा दिया गया है।
परंपरागत सीटों के बजाय दूसरी सीट पर नजर
दिल्ली बीजेपी के एक और बड़े नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कृष्णा नगर और लक्ष्मी नगर सीटों में से प्रदेश बीजेपी के कुछ महीनों में ही बने एक बड़े नेता विधानसभा चुनाव में एक सीट पर खुद और दूसरी सीट पर अपने एक चेले को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। नेताजी अपनी परंपरागत सीट पर दिचस्पी नहीं दिखा रहे हैं जिसकी वजह से दोनों ही सीटों पर अंदरखाने पुराने और स्थानीय पदाधिकारी एवं पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि दिल्ली बीजेपी नेतृत्व पार्टी में होने वाली संभावित बगावत को किस हद तक रोक पाने में सफल रहता है?