BJP आलाकमान ने रोके 8 पार्टी उम्मीदवारों के सिंबल… लेनदेन की शिकायत के बाद तलब किया प्रदेश नेतृत्व

-बीजेपी बदल सकती है अपने कई उम्मीदवारों के नाम
-8 सीटों पर बदल सकते हैं उम्मीदवार, 18 अन्य की सूची आनी बाकी

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 13 नवंबर, 2022।
दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा तय किये गये प्रत्याशियों की सासें रविवार को पूरे दिन थमी रहीं। शनिवार की सांय उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद रविवार को बीजेपी आलाकमान ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल (एबी फार्म) देने पर रोक लगा दी। सूची में जारी उम्मीदवार और उनके सहयोगी पूरे दिन पार्टी कार्यालय में अपना सिंबल लेने के लिए सुबह से ही खड़े रहे। पार्टी आलाकमान की ओर आदेश के बाद सांय करीब साढ़े पांच बजे से सिंबल देने की प्रक्रिया शुरू की गई। हालांकि शनिवार को जारी 232 उम्मीदवारों में से करीब 8 उम्मीदवारों के सिंबल फिलहाल रोक लिये गये हैं।
बताया जा रहा है कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने बीजेपी आलाकमान से टिकट बांटने में मोटे लेनदेन और भेदभाव की शिकायत की है। यह भी शिकायत की गई है कि कुछ महिलाओं के ऊपर विशेष कृपा करते हुए उन्हें सामान्य सीटों से टिकट दिया गया है। खास बात तो यह है कि इनमें से कुछ महिलाओं के नाम पिछले दिनों सोशल मीडिया पर चले ‘लेटर बम’ में भी शामिल थे। माना जा रहा है कि बीजेपी करीब 8 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम बदल सकती है।
बता दें कि सबसे ज्यादा विवाद तुलसी जोशी, योगिता सिंह, मोनिका पंत, सुनीता कांगड़ा, सुमित्रा दहिया और रेनू चौधरी के नामों पर है। तुलसी जोशी को पार्टी ने आरके पुरम वार्ड संख्या 152 से दिया है, जो कि सामान्य यानी कि जनरल वार्ड है। इसी तरह मोनिका पंत को आनंद विहार वार्ड संख्या 206 से टिकट दिया गया है। यह वार्ड भी सामान्य श्रेणी का है। सुमित्रा दहिया को हौज खास वार्ड संख्या 148 से टिकट दिया गया है, यह वार्ड भी सामान्य श्रेणी का है। गौतमपरी से सत्या शर्मा को टिकट दिया गया है। जबकि यह सीट भी सामान्य श्रेणी का है। पार्टी ने मादीपुर वार्ड संख्या 93 से सुनीता कांगड़ा को टिकट दिया है। यह वार्ड अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है नाकि अनुसूचित जाति की महिला के लिए। खास बात है कि इस वार्ड से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता टिकट मांग रहे थे।
बीजेपी ने कालकाजी से महिला मोर्चा की अध्यक्ष योगिता सिंह को टिकट दिया है, जबकि यहां भी कई वरिष्ठ महिला नेता टिकट की दावेदार हैं। पूनम भाटी को एक बार फिर से टिकट दिया गया है। पूनम को तुगलकाबाद सीट से टिकट दिया गया है। जबकि यह सीट सामान्य श्रेणी की सीट है और यहां से कई वरिष्ठ लोग दावेदारी कर रहे हैं। एंड्रयूज गंज से जिस महिला को टिकट दिया गया है उनके पति एक सांसद के खास बताये जाते हैं, इसके चलते उन्हें यह टिकट मिला है। वहीं केशोपुर वार्ड संख्या 103 से हरीश ओबरॉय को टिकट दिया गया है, इससे पहले उनकी पत्नी रीटा ओबरॉय नजीदीकी वार्ड से पार्षद थीं। क्योंकि उनका वार्ड परिसीमन में चला गया तो अब उनके पति को टिकट दिया गया है। श्रीराम कोलोनी वार्ड संख्या 246 से प्रमोद झा को टिकट दिया गया है, जबकि यह वार्ड मुस्लिम बहुलता वाला है और यहां से बीजेपी के कई जिम्मेदार नेता टिकट मांग रहे थे।
टिकट बंटवारे में धन-बल का आरोप
पार्टी आलाकमान को दी गई शिकायत में यह भी कहा गया है कि नगर निगम चुनाव के लिए टिकट बंटवारे में बड़े स्तर पर धन बल का प्रयोग किया गया है। गोविंद पुरी और हर्ष विहार वार्ड के उम्मीदवार इसके उदाहरण बताये जा रहे हैं। गोविंदपुरी वार्ड संख्या 176 से चंद्र प्रकाश को टिकट दिया गया है। चंद्र प्रकाश इससे पहले एक बार कांग्रेस और एक बार जनता दल यू से पार्षद रह चुके हैं। शनिवार की सुबह तक वह कांग्रेस का टिकट पाने के लिए होर्डिंग पोस्टर लगा रहे थे और शाम होते होते उन्हें बीजेपी में शामिल कर लिया गया और टिकट भी दे दिया गया। खास बात है कि उनके खिलाफ पिछले महीने ही महिला के साथ बदसलूकी के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
बीजेपी उम्मीदवार के खिलाफ वारंट!
भारतीय जनता पार्टी ने पटपड़गंज वार्ड संख्या 197 से रेनू चौधरी को टिकट दिया है। रेनू महिला मोर्चा में पदाधिकारी हैं। बताया जा रहा है कि इस वार्ड से कई वरिष्ठ महिला नेता टिकट मांग रही हैं, लेकिन उन्हें इस लायक नहीं समझा गया। सूत्रों का कहना है कि पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ किसी आर्थिक मामले में वारंट जारी किया गया है। ऐसे में बीजेपी नेताओं के निर्णय पर स्थानीय पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता सवाल उठा रहे हैं।