दिल्ली वालों को घर बैठे शराब उपलब्ध करायेगी BJP सरकार!

-मोबाइल ऐप से होगी फेवरेट शराब की बुकिंग, 1 घंटे के भीतर लेना होगा जरूरी

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 17 दिसंबर, 2025।
दिल्‍ली में शराब के दीवानों के लिए खुशखबरी है। दिल्ली की बीजेपी सरकार शौकीनों को घर बैठे शराब मुहैया कराने जा रही है। अब लोग मोबाइल ऐप से अपनी पसंदीदा शराब बुक कर सकेंगे। दरअसल, दिल्ली सरकार अपनी नई आबकारी नीति लाने की तैयारी कर रही है। लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में एक समिति को एक्‍साइज पॉलिसी का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सूत्रों के मुताबिक नई ड्राफ्ट पॉलिसी में अपनी फेवरेट ब्रैंड की शराब प्री-बुक यानी पहले से ही बुक करने का प्रावधान होगा। इस ड्राफ्ट पॉलिसी पर जनता की राय जानने के लिए जनवरी 2026 तक सार्वजनिक किए जाने की संभावना है।
फिलहाल दिल्ली में 700 से अधिक शराब की दुकानें हैं, जिन्हें चार सरकारी निगम डीएसआईआईडीसी, डीटीटीडीसी, डीएससीएससी एवं डीसीसीउब्लूएस संचालित करते हैं। मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति की एक योजना यह भी है कि आवासीय क्षेत्रों में शराब की दुकानों की संख्या को कम किया जाए ताकि एक जगह पर दुकानों का जमावड़ा नहीं हो।
ऐप के जरिए होगी प्री-बुकिंग
सूत्रों का कहना है कि ’इस नीति पर हितधारकों के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं। योजना एक ऐसा एप्लिकेशन लाने की है जिससे ग्राहक आस-पास के स्टोर पर अपने पसंदीदा ब्रांड की उपलब्धता देख सकेंगे। उनके पास अपनी पसंद के ब्रांड को पहले से बुक करने का विकल्प होगा। दुकानदान पहले से बुक किये गये ऑर्डर को लेने के लिए एक घंटे तक ग्राहक का इंतजार करेंगे। यदि ग्राहक समय पर नहीं आता है तो वह ब्रांड किसी दूसरे ग्राहक को बेचा जा सकेगा।’
मांग के अनुसार होगी ब्रांड की व्‍यवस्‍था
सूत्रों ने आगे बताया कि इस एप्लिकेशन पर सभी स्टोर को मैप किया जाएगा और उन्हें अपने स्टॉक की जानकारी लगातार अपडेट करनी होगी। इससे दिल्ली सरकार को यह पता चलेगा कि कौन से ब्रांड लोकप्रिय हैं। यदि कई ग्राहक किसी ब्रांड को खोजते हैं लेकिन वह उपलब्ध नहीं है, तो सरकार को इसकी जानकारी मिलेगी और वह उसे स्टोर पर उपलब्ध कराएगी।
ग्राहक कर सकेंगे शिकायत
एप्लीकेशन पर शिकायतों के निवारण का भी एक सेक्शन होगा। दुकानों द्वारा किसी खास ब्रांड को बढ़ावा देने या जबरदस्ती बेचने पर भी रोक लगेगी। गौरतलब है कि इससे पहले, दिल्ली सरकार ने नई नीति तैयार न होने के कारण मौजूदा आबकारी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था।