-लूट लिए थे अपने ही ड्राईवर की बाइक और मोबाइल
-कोर्ट के आदेश पर भरना पड़ा था 1 लाख का जुर्माना
जे.के. शुक्ला/ नई दिल्लीः 23 नवंबर, 2022।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता पारदर्शिता व सुचिता का दावा करते हैं। लेकिन नारायणा वार्ड में नगर निगम चुनाव के लिए टिकट दिये जाने को लेकर पार्टी में ही कई सवाल उठाये जा रहे हैं। इस वार्ड से बीजेपी ने उमंग बजाज को टिकट दिया है। बताया जा रहा है कि उमंग बजाज और उनकी मां लूटपाट की आरोपी रहे हैं। उनके खिलाफ उन्हीं के ड्राईवर ने अपने साथ पीटपीट कर गंभीर रूप से जख्मी किये जाने व बाइक, मोबाइल फोन और 25 हजार रूपये लूटे जाने का आरोप लगाया था। मामले में इन लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 342, 323, 356, 379, 506 एवं 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
एटूजैड न्यूज को मिले दस्तावेजों के मुताबिक उमंग बजाज, उनकी मां अर्चना धवन बजाज, रूशील, शिव, आषीश तंवर और बॉडीगार्ड वीरेंद्र पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसे 28-29 मार्च 2018 को अपने यहां बुलाकर बुरी तरह से मारपीट की थी। इस दौरान वह बेहोश हो गया था और उन्होंने उसकी बाइक, मोबाइल और 25 हजार रूपये छीन लिये थे। उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वह उमंग बजाज और उनकी मां अर्चना बजाज धवन के दुर्व्यवहार से तंग आकर 26 मार्च 2018 को नौकरी छोड़ गया था।
खास बात है कि महेंद्र सिंह की शिकायत पर नारायणा पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी। जिसकी वजह से उसे कोर्ट का सहारा लेना पड़ा था। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इस दौरान उमंग बजाज ने कुछ लोगों की सहायता से महेंद्र सिंह को अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मना लिया था। जब एफआईआर रद्द कराने के लिए मामला दिल्ली हाई कोर्ट में गया था। तब दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने 24 दिसंबर 2020 के आदेश में उमंग बजाज को 1 लाख रूपये निर्मल छाया में जमा कराने का आदेश दिया था।
कई मामले और भी
ड्राइवर के साथ मारपीट और लूटपाट का मामला केवल अकेला नहीं है। इलाके में ऐसे कई मामलों की चर्चा जोरों पर है। ऐसा ही एक मामला नारायणा इलाके की जाहर गली में रहने वाली महिला के साथ भी घटा बताया जा रहा है। इस महिला से 24 घंटे की नौकरी कराई जा रही थी, जब उसने सैलरी बढ़ाने की बात कही तो उसे भी इसी तरह से परेशान किया गया था।