-एक प्रदेश महामंत्री का था शशि यादव को युवा मोर्चा अध्यक्ष बनवाने में इंट्रेस्ट
-फिर जोरों पर होने लगी दिल्ली बीजेपी में पैसे देकर पदाधिकारी बनने की चर्चा
-हाल ही में एक पार्टी कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर लगाया था ‘शारीरिक शोषण’ का आरोप
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 02 जनवरी।
अंग्रेजी नव वर्ष शुरू होने के साथ ही दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में घमासान शुरू हो गया है। प्रदेश नेतृत्व को अपने द्वारा ही नियुक्त किये गये पदाधिकारियों को हटाने का सिलसिला जारी है। सोमवार 1 जनवरी को महरौली जिला के ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष को हटाने के बाद अब मंगलवार 2 जनवरी को प्रदेश अध्यक्ष की ओर से दिल्ली बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष को पद से हटाने के साथ पार्टी से निकालने का आदेश जारी कर दिया गया है।
इसके बाद यह चर्चा जोरों पर है कि यदि यह लोग इतने ही घटिया, बेकार और पार्टी विरोधी कार्य करने वाले थे तो उन्हें पदाधिकारी बनाया ही क्यों गया था? अब पार्टी कार्यकर्ताओं के द्वारा यह सवाल उठाये जा रहे हैं कि इन्हें पदाधिकारी बनाते समय प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी और प्रदेश संगठन महामंत्री क्या कर रहे थे? हालांकि इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि किसी भी हालत में पार्टी विरोधी कार्य स्वीकार्य नही है। शशि यादव को युवा मोर्चा अध्यक्ष बनाने से पहले कई लोगों का साक्षात्कार लिया गया था और सभी की सिफारिश पर ही उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई थी।
बता दें कि दिल्ली बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष शशि यादव को तत्काल प्रभाव से पद और पार्टी की सदस्यता से हटा दिया गया है। शशि यादव दक्षिणी दिल्ली के वार्ड संख्या 125 छावला से निगम पार्षद भी हैं। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की ओर से जारी किये गये पत्र में कहा गया है कि शशि यादव अपना पद संभालने के बाद से ही पार्टी विरोधी एवं समाज विरोधी गतिविधियों में शामिल थे, इसके लिए उन्हें पार्टी नेतृत्व की ओर से लगातार आगाह भी किया जा रहा था।
पत्र में यह भी कहा गया है कि शशि यादव ने युवा मोर्चा से संबंधित जो नियुक्तियों की घोषणा मंगलवार 2 जनवरी को की है वह पार्टी लाइन के खिलाफ है। इसकी घोषणा प्रदेश नेतृत्व की ओर से की जानी थी, परंतु ज्यादा समझदारी दिखाते हुए प्रदेश नेतृत्व की घोषणा से पूर्व ही इन नियुक्तियो की घोषणा युवा मोर्चा अध्यक्ष ने कर दी। इसकी वजह से शशि यादव को युवा मोर्चा अध्यक्ष पद से हटाने के साथ ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
एक पार्टी कार्यकर्ता ने शशि पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये लगाये थे यौन शोषण के आरोप
शशि यादव के बीजेपी युवा मोर्चा अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के एक कार्यकर्ता ने शोशल मीडिया पोस्ट के जरिये यौन शोषण के आरोप लगाये थे। परंतु पार्टी के ही कुछ पदाधिकारियों ने उसे समझा-बुझाकर इस पोस्ट को हटवा दिया था। इन आरोपों में कहा गया था कि शशि यादव ने उस कार्यकर्ता को पदाधिकारी बनाने का लालच देकर उसका यौन शोषण किया गया था।
एक प्रदेश महामंत्री की वजह से मिली थी शशि को युवा मोर्चा की जिम्मेदारी!
बताया जा रहा है कि दिल्ली बीजेपी के एक प्रदेश महामंत्री की व्यक्तिगत दिलचस्पी की वजह से शशि यादव को दिल्ली बीजेपी का युवा मोर्चा अध्यक्ष बनाया गया था। उसी प्रदेश महामत्री ने दिल्ली के बाहर के एक बीजेपी नेता के जरिये शशि को 2022 के नगर निगम चुनाव में टिकट भी दिलवाया था।
बीजेपी में फिर होने लगी पैसे देकर पद लेने की चर्चा
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा कई दशक से बीजेपी की राजनीति में शामिल हैं, परंतु अभी तक उनके ऊपर किसी भी तरह के लेन-देन या भ्रष्टाचार के आरोप सामने नहीं आये हैं। उन्हें पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता माना जाता है। परंतु पिछले दो दिनों से दिल्ली बीजेपी में चल रही गतिविधियों की वजह से खुद प्रदेश नेतृत्व के आस-पास के लोग ही पदाधिकारी बनाने के मामले मे मोटे लेन-देन की बातें करने लगे हैं। शशि यादव को युवा मोर्चा अध्यक्ष बनाने के मामले में भी कुछ ऐसा ही कहा जा रहा है।
प्रदेश नेतृत्व के दो करीबियों पर लग रहे साजिश के आरोप
दिल्ली बीजेपी में लगातार चल रही उथल-पुथल के मामले में पार्टी प्रदेश नेतृत्व के दो करीबियों के ऊपर साजिश के आरोप लगने लगे हैं। पार्टी के ही विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि प्रदेश नेतृत्व के दो करीबी लोग नहीं चाहते थे कि शशि यादव युवा मोर्चा का अध्यक्ष बने। परंतु प्रदेश के एक महामंत्री की वजह से वह अपने चहेते को युवा मोर्चा अध्यक्ष नहीं बनवा सके थे। इसके बाद इन्हीं दो लोगों ने साजिश रचकर शशि यादव को बाहर का रास्ता दिखवाया है। कहा तो यह भी जा रहा है कि बीजेपी के एक कागजी नेता ने पार्टी के एक बड़े नेता के सामने शशि को दिल्ली बीजेपी में पदाधिकारी बनाने की सिफारिश करके मोटी उगाही की थी।