-40 में से बीजेपी को 17 सीट, 16 सीटों पर लड़ेगी जेडीयू, चिराग पासवान को 5 सीटें, मांझी-उपेंद्र को 1-1 सीट
एसएस ब्यूरो/ पटनाः 18 मार्च
बिहार (Bihar) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सीटों पर सहमति का ऐलान कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), लोक जनशक्ति पार्टी आर (LJP-R, हम (HAM) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) ने सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की। खास बात है कि इस बार मुकेश सहनी गठबंधन से बाहर रह गये हैं। वहीं चिराग पासवान के दबाव में उनके चाचा पशुपति पासवान को भी बीजेपी ने किनारे कर दिया है।
सहमति के तहत बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटों में से बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं 16 सीटों पर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीतन राम मांझी की पार्टी हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा एम-एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
बीजेपी की 17 सीटें
पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, महाराजगंज, सारण, उजियारपुर, बेगुसराय, नवादा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर और सासाराम सीटें बीजेपी के हिस्से में आई हैं।
जेडीयू की सीटें
वाल्मिकि नगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सिवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, जहानाबाद और शिवहर सीटों पर जेडीयू उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे।
चिराग पासवान की सीटें, बदले समीकरण
वैशाली, हाजीपुर, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई सीटें चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (आर) के हिस्से में आई हैं। दूसरी ओर जीतन राम मांझी की पार्टी हम को गया सीट व उपेंद्र कुशवाहा को काराकाट सीट दी गई है। गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नवादा सीट एलजेपी के पास थी। इस बार यह सीट बीजेपी के खाते में चल गई है। शिवहर सीट पर पिछली बार बीजेपी की रमा देवी ने जीत दर्ज की थी, अब ये सीट जेडीयू के खाते में चली गई।
काराकाट सीट पहले जेडीयू के खाते में थी, अब यह सीट उपेंद्र कुशवाहा के खाते में चली गई है। वहीं गया सीट पहले जेडीयू के पास थी परंतु अब यह सीट जीतनराम मांझी के पास चली गई है।
चिराग के चाचा पशुपति पारस को झटका
बिहार की 40 सीटों पर एनडीए के अंदर बंटवारे में चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारण को तगड़ा झटका लगा है। अभी वह केंद्र सरकार में मंत्री हैं परंतु इस बंटवारे में उन्हें एक भी सीट नहीं मिली है।
दरअसल पशुपति पारस रामबिलास पासवान की परंपरागत सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे और वह बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के कहने के बावजूद अपने भतीजे से समझौता करने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद बीजेपी नेतृत्व ने पशुपति पारस को झटका दिया है। हालांकि अभी पशुपति पारस के लिए बीजेपी ने अपने दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं किये हैं।
देखते रह गये मुकेश सहनी
बिहार में लोकसभा सीटों का बंटवारा हो गया और मुकेश सहनी खाली हाथ देखते रह गये। उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जीतन राम मांझी के हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा को एक-एक सीट मिली है। लेकिन मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी पर भाजपा ने ध्यान नहीं दिया।
2019 के नतीजों पर नजर
2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए ने बिहार की कुल 40 सीटों में से 39 सीटों पर जीत दर्ज की थी। बीजेपी और जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। वहीं एलजेपी 6 सीटों पर मैदान में उतरी थी।