ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से बड़ी खबरः नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था ध्वस्त!

-सरकार को हो रहा घाटाः अप्रैल महीने में जारी नहीं हो सकी नंबरों की कोई नई सीरीज
-बिना नंबर प्लेट के चलानी पड़ रहीं अप्रैल महीने में खरीदी गई गाड़ियां

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 23 अप्रैल।
दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। शोरूम से निकलने वाली नई गा़ड़यों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ध्वस्त हो गई है। मामला लोनी रोड ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से जुड़ा है। यहां यहां नये दोपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन पिछले करीब तीन सप्ताह से रूका हुआ है। जिसकी वजह से नये दोपहिया वाहन खरीदने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल दिल्ली में कार्यरत 13 ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज को अब चार डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑिॅफसर्स के नेतृत्व में चार जगह एकीकृत कर दिया गया है। इनमें लोनी रोड, मयूर विहार और सूरजमल विहार एक जगह, साउथ-सराय कालेखां और आईपी डिपो को दूसरी जगह, द्वारका- जनक पुरी- राजा गार्डन और वसंत विहार को तीसरी जगह व रोहिणी- माल रोड व वजीरपुर को चौथी जगह एकीकृत कर दिया गया है।
इनमें सबसे ज्यादा परेशानी लोनी रोड अथॉरिटी के अंतरर्गत आने वालों को हो रही है। यहां दो पहिया वाहनों की पुरानी सीरीज खत्म हो गई है और नई सीरीज जारी नहीं हो सकी है। जिसकी वजह से लोगों को अपने वाहनों की नंबर प्लेट के लिए शोरूम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। शेरपुर चौक स्थित टीवीएस शोरूम के प्रबंधक अकाश ने बताया कि अप्रैल महीने में अब तक एक भी दोपहिया वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। जिसकी वजह से लोगों को बार-बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
दूसरी ओर 6 अप्रैल को नई स्कूटी खरीदने वाले शक्ति सिंह ने बताया कि शोरूम वाले बार-बार यह कहकर टाल देते हैं कि ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में नये नंबरों की सीरीज नहीं आई है। जिसकी वजह से स्कूटी को बाहर ले जाने में परेशानी होती है। बताया जा रहा है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ध्वस्त हो जाने की वजह से दिल्ली सरकार को राजस्व की हानि भी हो रही है। नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन से सरकार को रोड टैक्स व अन्य करों के रूप में भारी राजस्व प्राप्त होता है।
वहीं, मयूर विहार-लोनी रोड-सूरजमल विहार के डीटीओ सुखपाल सिहं ने बताया कि नई सीरीज जारी नहीं हो पाने की वजह से यह परेशानी हो रही है, इसका समाधान जल्दी ही कर लिया जायेगा। अलग अलग ट्रांसपोर्ट अथॉरिटीज को एक ही जगह किये जाने की वजह से यह समस्या आई है।