सोमवार के भारत बंद से पहले किसान नेताओं को बड़ा झटका… व्यापारियों ने किया बाजार खोलने का ऐलान

-सोमवार 27 सितंबर को है किसानों का भारत बंद का ऐलान

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
सोमवार 27 सितंबर को मोदी सरकार के तीनों किसान कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेताओं ने भारत बंद का ऐलान किया है। लेकिन इससे पहले ही इस बंद की मुहिम को तगड़ा झटका लगा है। व्यापारिक संगठनों ने सोमवार को अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान और बाजारों को सामान्य तौर पर खोलने और भारत बंद में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है। इसके बाद सोमवार के भारत बंद की सफलता पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो गये हैं।

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दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को भारत बंद की घोषणा की है। लेकिन गाजियाबाद के सभी व्यापारिक संगठन इस बंद के विरोध में सामने आ गये हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि बाजार और दुकानें सामान्य तौर पर ही खुले रहेंगे। दूसरी ओर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया रिटेल ट्रेडर्स ने घोषणा की है कि राजधानी दिल्ली सहित देश भर के खुदरा व्यापारी अपनी दुकानों को रोजाना की तरह ही खोलेंगे। कन्फेडरेशन के सचिव पीआर झा ने कहा कि किसान कानून कोई कुद्दा नहीं हैं, इनके विरोध के नाम पर सामान्य लोगों को परेशान किया जा रहा है। इस बंद में कोई भी व्यापारी शामिल नहीं होगा।

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गौरतलब है कि किसान नेताओं ने भारत बंद का एलान सोमवार यानि 27 सितंबर के लिए किया है। सोमवार को सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक दिल्ली बॉर्डर के सभी रास्तों पर किसान केंद्र सरकार के खिलाफ धरना देंगे। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए किसान ही एनएच -24 और एनएच-9 को बंद करेंगे।
गाजीपुर बॉर्डर से किया गया ऐलान
भारतीय किसान यूनियन के यूपी प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह यादव के अनुसार किसान आंदोलन स्थल पर बने हुए हैं। बाहर के गांवों से आने की जरूरत नहीं है। जो किसान जहां हैं वहीं अपने इलाकों में केंद्र सरकार के खिलाफ नए कृषि कानून को वापस लेने के लिए विरोध प्रदर्शन करेगा।
भीड़ जुटाने को मनोरंजन का सहारा!
लंबे समय से चल रहे धरना-प्रदर्शन में भीड़ जुटाए रखने के लिए किसान नेता तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। किसान नेता धरना स्थल पर अब कुश्ती का आयोजन करवा रहे हैं। इस दौरान देश के कई राज्यों से यहां पहलवान बुलाये जा रहे है। किसान नेता राकेश टिकैत मंच पर पहुंच कर खुद इस आयोजन में कौमेंटेटर की भूमिका निभा रहे हैं, ताकि धरना स्थल पर लोगों की भीड़ बनी रहे। दिल्ली बॉर्डर पर इसी तरह के कई फार्मूले अपनाये जा रहे है।