-25 जुलाई से 22 अगस्त तक रहेगा सावन मास
-सावन मास में अपने ससुराल पधारे थे भोलेनाथ
आचार्य रामगोपाल शुक्ल/ नई दिल्ली
सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित सावन का महीना 25 जुलाई, दिन रविवार से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा। सावन महीने की शुरूआत आयुष्मान योग में 25 जुलाई को हुई है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा, महामृत्युंजय मंत्र का जाप व अभिषेक आदि से समस्त बाधाएं, रोग, शोक व कर्ज से मुक्ति मिलती है। भोलेनाथ सावन में भूलोक पर अवतरित होकर अपने ससुराल गये थे व वहां उनका स्वागत अर्ध्य और जलाभिषेक से किया गया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष सावन महीनें में भगवान शिव अपने ससुराल आते हैं। भूलोक वासियों के लिए शिव कृपा पाने का यह उत्तम समय होता है।
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देवाधिदेव महादेव की कृपा से शनि की महादशा से भी मुक्ति मिल जाती है। बता दें कि इस समय मकर, कुंभ और धनु राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन व तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए। सावन के महीने में रोजाना शिव चालीसा का पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मकर, कुंभ, धनु, मिथुन व तुला राशि वालों को इस बार सावन के माह में रोजाना शिव चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव की सच्चे मन से अराधना करने वालों को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही भगवान शंकर की कृपा से भक्तों के मन की मुरादें पूरी होती हैं। सावन मास के सोमवार का भी विशेष महत्व है। इस साल कुल 4 सोमवार सावन महीने में पड़ रहे हैं। इस साल सावन 22 अगस्त तक रहेगा।
सावन मास में करें ये विशेष उपायः
वैवाहिक जीवनः वैवाहिक जीवन से जुड़ी समस्याओं के लिए सावन मास में यह विषेश उपाय जरूर करना चाहिए। दांपत्य जीवन में मधुरता व रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सावन के सोमवार को साफ मिट्टी से शिवलिंग बनाएं। अब इस पर केसर या हल्दी मिश्रित दूध चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
आर्थिक स्थितिः माना जाता है कि सावन मास में शिवलिंग पर पूजा के दौरान केसर चढ़ाने से सुख एवं समृद्धि बढ़ती है। जीवन से दरिद्रता चली जाती है।
नकारात्मक प्रभावः सावन के महीने में भोलेनाथ को इत्र चढ़ाने से मन पवित्र एवं शुद्ध होता है। इसके साथ ही गलत काम करने से बचाव होता है। इससे मनुष्य के जीवन से नकारात्मक प्रभाव खत्म होते हैं।
कष्टों से मुक्तिः माना जाता है कि भगवान शंकर को दही अंत्यत प्रिय है। सावन मास में भोलेनाथ को दही चढ़ाने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं। इससे मनुष्य का जीवन निष्कंटक बनता है।
मनोकामना पूर्तिः सावन मास में प्रतिदिन जल्दी उठें। स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। भगवान शिव को पूजा के दौरान जल में काला तिल डालकर अर्पित करें। मान्यता है किइ ऐसा करने से भोलेनाथ की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
(यह आलेख भारतीय सनातन परंपरा एवं ज्योतिषीय सिद्धांतों पर आधारित है और जनरूचि को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके लिए कोई विशेष दावा नहीं है। अपने समाचार, लेख एवं विज्ञापन छपवाने हेतु संपर्क करेंः- ईमेलः newsa2z786@gmail.com मोबाइलः 7982558960)