बीजेपी के राज में अधूरा काम!… पार्षद बोलीः अटल जी के साथ दलितों का अपमान!

-पार्षद को मजबूरी में करना पड़़ा अधूरे काम का उद्घाटन
-खिड़कियां न दरवाजे, तीन बार लगा उद्घाटन का पत्थर

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी यह खबर आपको हैरान कर देगी। एक काम के तीन बार उद्घाटन के पत्थर तो लगे, दो सांसद बदले, दो प्रदेश अध्यक्ष बदले, निगम के दो कार्यकाल बदले, इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र के कई नाम बदले, कई महापौर बदले लेकिन काम अब भी पूरा नहीं हो पाया। आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर बनवाये गये इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र का पूरा काम खुद निगम में सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं ने ही नहीं होने दिया।
हम बात कर रहे हैं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के नागलोई वार्ड संख्या 37 के अंतर्गत आने वाले उस अटल बिहारी वाजपेयी वरिष्ठ नागरिक केंद्र की जिसका उद्घाटन रविवार 1 अगस्त को किया गया। बताया जा रहा है कि इसका निर्माण तो करीब 7 से 8 साल पहले शुरू हुआ था। लेकिन इस बार के उद्घाटन तक भी पूरा नहीं हो सका। पहले यहां शौचालय ब्लॉक हुआ करता था, तब तत्कालीन निगम पार्षद भूमि रछौया ने यहां रामदेव के मंदिर का निर्माण कराया था, तब का पत्थर यहां अब भी लगा हुआ है। इसके पश्चात यहां डॉ पीसी कौशिक के नाम पर वृद्धाश्रम का नाम दिया गया, लेकिन उसे निगम में सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं ने पास नहीं होने दिया। आयुक्त वर्षा जोशी के कार्यकाल में इसके उद्घाटन का पत्थर अब भी यहां लगा हुआ है। इसके अलावा एक उद्घाटन का एक पत्थर और लगाया गया था। इसके बावजूद इसका निर्माण कार्य पूरो नहीं हो सका।
स्थानीय निगम पार्षद ज्योति रछौया ने इस मामले को बीती 27 जुलाई निगम सदन की बैठक में उठाया था। लेकिन हंगामा होने की वजह से महापौर ने उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया था। पार्षद का कहना है कि उन्हें पिछले दिनों प्रदेश बीजपी नेतृत्व की ओर से कहा गया था कि यदि इसका नाम स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर किया जाता है तो इसका निर्ताण कार्य पूरा करवा दिया जायेगा। इसके लिए पार्षद की ओर से निगम में प्रस्ताव भी लाया गया, उसे स्वीकृति भी दी गई थी। इसके पश्चात महापौर राजा इकबाल सिंह ने उनके क्षेत्र में बने इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र के उद्घाटन के लिए अनुमति भी दे दी थी। इसके बावजूद इसके निर्माण कार्य को अंतिम रूप नहीं दिया गया।

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पार्षद ज्योति रछौया आरोप लगाया कि दलित पार्षद होने की वजह से उनके साथ खुद पार्टी के नेता ही राजनीति कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि यहां चारों ओर खरपतवार उगे हुए हैं। कमरों में मलबा पड़ा है। सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। कहीं दरवाजे-किवाड़ नहीं हैं तो कहीं खिड़कियां नहीं हैं। शौचालयों का हाल भी बेहद खराब है। लाइट का इंतजाम नहीं है। यहां कोई चौकीदार नहीं है। जो सामान था, उसे भी चोर उठाकर ले गये। जब मैंने 27 जुलाई को हुई उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में यही सवाल उठाये थे, तो महापौर ने समस्या का निदान करने के बजाय मुझे सदन की बैठक से बाहर निकलवा दिया था। इसी वार्ड से पूर्व निगम पार्षद चतर सिंह रछौया का कहना है कि बीजेपी के वर्तमान नेता र्स्गीय अटल बिहारी बाजपेयी जी की मेहनत का फल खा रहे हैं और उन्हीं के नाम पर हो रहे सेवा कार्यों को पूरा नहीं होने देना चाहते।