-28 जून से 22 अगस्त तक चलनी थी अमरनाथ यात्रा
-कोरोना के चलते 2020 में रद्द करनी पड़ी थी यात्रा
आचार्य रामगोपाल शुक्ल/ नई दिल्ली
बाबा अमरनाथ के भक्त इस साल भी उनके दर्शन के लिए नहीं जा सकेंगे। कोरोना की वजह से इस साल भी पवित्र अमरनाथ यात्रा को रद्द कर दिया गया है। यह यात्रा 28 जून से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलनी थी। कोरोना के हालात सामान्य होने पर श्राइन बोर्ड ने इसकी तारीखें तय की थीं। 1 अप्रैल से यात्रा के लिए एडवांस रजिस्ट्रेशन भी किए जा रहे थे। इसके बाद देश में संक्रमण की दूसरी लहर आ गई। हालांकि, श्रद्धालुओं को बाबा बर्फानी के ऑनलाइन दर्शन करने का मौका मिल सकेगा।जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि कोरोना को देखते हुए इस साल अमरनाथ यात्रा रद्द करने का फैसला लिया गया है।
यह भी पढ़ेंः- बुध का मार्गी होना नौकरी में दिलायेगा प्रमोशन… होगी मनोकामना की पूर्ति
कोरोना की वजह से 2020 में भी यह यात्रा रद्द कर दी गई थी। इससे पहले 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के हटने के बाद सुरक्षा कारणों की वजह से यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था। इस कारण बहुत से श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन नहीं कर सके थे। भगवान शिव जी के इस तीर्थ का इतिहास हजारों साल पुराना है। यहां स्थित शिवलिंग पर लगातार बर्फ की बूंदें टपकती रहती हैं, जिससे 10-12 फीट ऊंचा शिवलिंग निर्मित होता है। गुफा में शिवलिंग के साथ ही श्रीगणेश, पार्वती और भैरव के हिमखंड भी निर्मित होते हैं।
सबसे कठिन डगर
यह भी पढ़ेंः- 22 जून को शुक्र का कर्क में प्रवेश… चार राशियों के लिए प्रमोशन के साथ धन लाभ के योग
बाबा अमरनाथ की यात्रा सबसे कठिन तीर्थ यात्राओं में से एक है। कश्मीर के बालटाल और पहलगाम से यह यात्रा शुरू होती है। यह तीर्थ अनंतनाग जिले में स्थित है। अमरनाथ की गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग बनता है। यहां पहुंचने का रास्ता चुनौतियों से भरा हुआ है। प्रतिकूल मौसम, लैंडस्लाइड, ऑक्सीजन की कमी जैसी समस्याओं के बावजूद लाखों श्रद्धालु हर वर्ष यहां पहुंचते हैं।