-बैठक में होगी 2022-23 के संशोधित और 2023-24 के बजट अनुमानों पर चर्चा
-हाई कोर्ट में विचाराधीन है स्टेंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के चुनाव का मामला
-नियमानुसार निगम की अगली (अप्रैल की) बैठक में कराना होगा मेयर का चुनाव
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्लीः 25 मार्च, 2023।
भारी झंझावातों के बीच दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के सदन की बैठक मंगलवार 28 मार्च को बुलाई गई है। यह बैठक 2022-23 के संशोधित और 2023-24 के बजट (Budget) अनुमानों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। निगम की इस बैठक से हर महीने एक बैठक बुलाने की औपचारिकता भी पूर्ण हो जायेगी। इसके पश्चात अगली बैठक में एक बार फिर से दिल्ली के नये मेयर (Mayor) का चुनाव कराना होना है।
मेयर के चुनाव के बाद नगर निगम के सदन की यह पहली बैठक है। निगम की पिछली बैठक 24 फरवरी को हुई थी। इस बैठक में मेयर, डिप्टी मेयर (Deputy Mayor) और स्टेंडिंग कमेटी (Standing Committee) के 6 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान कराया गया था। मेयर और डिप्टी मेयर के नतीजे आने के साथ ही दोनों पद भर गये थे। लेकिन उस बैठक में स्टेंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के लिए हुए मतदान में मेयर के द्वारा बीजेपी के पार्षदों को डाले गये एक मत को रद्द कर दिये जाने की वजह से मामला विवाद में पड़ गया था।
इस पर विवाद इतना बढ़ा कि बीजेपी के दो पार्षदों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने मेयर के 6 सदस्यों के दोबारा चुनाव कराने के फैसले पर रोक लगा दी थी। इस मामले की सुनवाई बीते 22 मार्च को हुई थी और अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होनी है। इस दौरान निगम सचिव कार्यालय ने बजट पर चर्चा के लिए 28 मार्च को सदन की बैठक बुलाई है।
कोर्ट में है मनोनीत पार्षदों का भी मामला
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने नगर निगम के लिए 10 लोगों को एल्डमैन पार्षद मनोनीत किया था। इस मामले को आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि इस मामले में कोर्ट ने आप पार्टी के पक्ष में कोई स्टे नहीं दिया है। इस मामले की पिछली सुनवाई 24 मार्च यानी कि शुक्रवार को होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो पाने की वजह से अब इस मामले की सुनवाई 28 मार्च को होगी।
अप्रैल महीने में होगा फिर से मेयर का चुनाव
दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के अनुसार मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव हर वर्ष कराना होता है। यह चुनाव वित्त वर्ष की शुरूआत यानी कि अप्रैल महीने की सदन की पहली आम सभा में कराया जाता है। इसका सीधा सा अर्थ है कि मेयर शैली ओबरॉय का वर्तमान कार्यकाल 31 मार्च को पूरा हो जायेगा। यदि आम आदमी पार्टी उन्हें फिर से अपना महापौर का उम्मीदवार बनाती है तो उनकी अध्यक्षता में होने वाली उनके वर्तमान कार्यकाल की यह आखिरी बैठक होगी। यदि आप पार्टी किसी अन्य पार्षद को अपना मेयर का उम्मीदवार बनाती है तो अगले मेयर का चुनाव शैली ओबरॉय ही करायेंगी और डिप्टी मेयर का चुनाव नये महापौर की अध्यक्षता में होगा।
फिर से मेयर बनीं तब भी शैली को अप्रैल-2024 में छोड़नी होगी मेयर की कुर्सी
आम आदमी पार्टी यदि फिर से दोबारा मेयर के लिए शैली ओबरॉय को मैदान में उतारती है, तब भी वह 2024 के अप्रैल महीने में उन्हें मेयर की कुर्सी छोड़नी होगी। कारण है कि निगम के 5 वर्ष के कार्यकाल में मेयर के पद के लिए तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षदों के लिए आरक्षित है। पहला वर्ष महिला एवं दूसरा, चौथा और पांचवां वर्ष सामान्य श्रेणी में आता है। अतः 2024 के अप्रैल महीने में किसी अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए शैली ओबरॉय को अपनी दावेदारी छोड़नी पड़ेगी।