‘कुरूक्षेत्र’ के बाद अब ‘इंद्रप्रस्थ’ में बढ़ी CONGRESS की मुश्किलें… AAP ने किया दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान

-अरविंद केजरीवाल, राघव चड्ढा और प्रियंका कक्कड़ बोलेः आप को दिल्ली में किसी की जरूरत नहीं
-लगातार सिमट रहा कांग्रेस का दायरा, विधानसभा, लोकसभा में शून्य के बाद नगर निगम में भी रह गये केवल 9 पार्षद

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्लीः 9 अक्टूबर।
हरियाणा (Harayana) में सरकार बनाने का सपना टूटने के बाद दिल्ली में भी कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बीते करीब 10 वर्षों से दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में अपना खाता खोलने की जुगत में लगी कांग्रेस पार्टी को करारा झटका लगा है। ‘कुरूक्षेत्र’ के सियासी समर में मुंह की खाने के बाद अब ‘इंद्रप्रस्थ’ की जमीन पर भी कांग्रेस अलग थलग पड़ती नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने से इनकार कर दिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव अगले वर्ष की शुरूआत में जनवरी-फरवरी माहीने में हो सकते हैं। परंतु जिस तरह से आप ने कांग्रेस पार्टी से किनारा कर लिया है। उसे देखते हुए कांग्रेस को दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन मिलना मुश्किल नजर आ रहा है। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मंगलवार को अपने पार्षदों संबोधित करते हुए कहा है कि हरियाणा के चुनाव परिणामों से यह स्पष्ट हो गया है कि हमें अति विश्वास में नहीं आना है। हमें अभी से दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहिए। उन्होंने इशारा किया दिल्ली में आप सबसे मजबूत है और अपने दम पर फिर से सरकार बना सकती है।
वहीं, आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि हर राज्य की परिस्थितियां अलग होती हैं। जिस तरह से तमिलनाडु में डीएमके (DMK) और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) बीजेपी (BJP) को अकेले दम पर हराने में सक्षम हैं। उसी तरह दिल्ली में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से मजबूत है और हम पूरी मेहनत करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी समझौते के जरिये आप और समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ती तो नतीजे कुछ और होते। दिल्ली में आप मजबूत है और अकेले के दम पर बीजेपी का मुकाबला करने में सक्षम है।
आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ (AP Spokes person Priyanka Kakar) ने बुधवार को कहा कि आप दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। यहां एक तरफ अति आत्मविश्वासी कांग्रेस है तो दूसरी ओर अहंकारी बीजेपी है। हम अपना सिर झुकाकर रखेंगे और पिछले 10 वर्षों में किये गये कामों को खुद बोलने देंगे। माना जा रहा है कि आप के रूख से कांग्र्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के सियासी समर में अपनी जमीन तलाश रही कांग्रेस का एक भी नेता 2013 के बाद से विधानसभा में चुनकर नहीं पहुंचा है। 2015 और 2020 में विधानसभा चुनाव हुए हैं परंतु कांग्रेस के हाथ दोनों चुनावों में खाली ही रहे हैं।
बीते 13 वर्षों में कांग्रेस का ग्राफ दिल्ली में बहुत तेजी से गिरा है। खास बात है कि 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी दिल्ली में कांग्रेस के हाथ सात में से एक भी सीट नहीं आई है। इससे भी बड़ी बात है कि 250 वार्डों वाले दिल्ली नगर निगम में भी कांग्रेस पार्षदों की संख्या घटकर केवल 9 रह गई है। ऐसे में दिल्ली में अपने पैर जमाने के लिए कांग्रेस को अब आप की मदद की जरूरत है। लेकिन 2024 का लोकसभा चुनाव में साथ मिलकर लड़ने वाली आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का हाथ झटक दिया है।