बिल्डर माफिया पर कार्रवाईः सील हुआ AGM प्लाजा, एटूजैड न्यूज की खबर का असर

-संपत्ति संख्या 13/12 एजीएम प्लाजा शॉपिंग कॉम्पलेक्स का बेसमेंट सील
-गुरूवार की सुबह नगर निगम के बिल्डिंग विभाग ने की सीलिंग की कार्रवाई
-न खाली कराया न तोड़ा गया, बस बेसमेंट सील करके किया ‘आई वॉश’

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के बिल्डिंग विभाग ने करोलबाग में बिल्डर माफिया के खिलाफ कार्रवाई की है। गुरूवार की सुबह सरस्वती मार्ग के पास रिहायशी गली में स्थित संपत्ति संख्या 13/12 पर बनाये गये एजीएम प्लाजा नामक शॉपिंग कॉम्पलेक्स के बेसमेंट को सील कर दिया गया। हालांकि सीलिंग की इस कार्रवाई के बाद सवाल उठने लगे हैं कि जब पहले से ही इस पूरी बिल्डिंग को खाली करवाकर तोड़ने के आदेश जारी किये जा चुके हैं तो निगम अधिकारियों ने केवल इस शॉपिंग कॉम्पलेक्स का बेसमेंट ही सील क्यों किया, बाकी की बिल्डिंग को क्यों नहीं?

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प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तरी दिल्ली के करोलबाग जोन के बिल्डिंग विभाग की टीम गुरूवार को सुबह सवेरे करोलबाग के सरस्वती मार्ग इलाके में पहुंच गई। भारी पुलिस बल के साथ पहुंची नगर निगम की टीम ने एजीएम प्लाजा के बेसमेंट को सील कर दिया। बता दें कि करोलबाग में चल रहे बिल्डर माफिया राज की खबर को एटूजैड न्यूज ने प्रमुखता से प्रसारित किया था। बता दें कि इसी बिल्डर माफिया संपत्ति संख्या 13/3 में बुधवार को बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों ने ‘आई वॉश’ के लिए तोड़-फोड़ की कार्रवाई की थी। जबकि उस बिल्डिंग में भी इसी तरह सारे कायदे-कानूनों को ताक पर रखकर अवैध निर्माण किया गया है।

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बता दें कि बिल्डर माफिया ने सरस्वती मार्ग के पास स्थित संपत्ति संख्या 13/12 में अवैध निर्माण करके एजीएम प्लाजा के नाम से एक बहुमंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स खड़ा दिया। इसे आम लोग मोबाइल मार्केट के नाम से भी जानते हैं। बताया जा रहा है कि इस शॉपिंग कॉम्पलेक्स का बेसमेंट पूरी तरह से गैरकानूनी है। इसी आधार पर यह पूरा का पूरा शॉपिंग कॉम्पलेक्स ही अवैध हो गया है। यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि इस एजीएम प्लाजा की बिल्डिंग को मार्च 2014 में अवैध निर्माण किये जाने की वजह से बुक किया गया था। 2 जनवरी 2017 को नगर निगम की ओर से नगर निगम अधिनियम की धारा 332 के तहत इसके मालिकों को इस निर्माण को खुद ही तोड़ने के लिए नोटिस दिया गया था। लेकिन बिल्डिर माफिया ने अपनी दबंगई के चलते नहीं तोड़ा।

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इसके पश्चात 13 जनवरी 2017 को संपत्ति संख्या 13/12 पर एजीएम प्लाजा के नाम से खड़े किये गये शॉपिंग कॉम्पलेक्स को नगर निगम की ओर से तोड़ने के आदेश जारी किये गये, लेकिन यहां बिल्डर माफिया-निगम अधिकारियों और कुछ नेताओं के गठजोड़ की वजह से इस शॉपिंग कॉम्पलेक्स के खिलाफ तोड़ने की कार्रवाई नहीं की गई। सरकारी दस्तावेजों में लिख दिया गया कि समय की कमी की वजह से बिल्डिंग को तोड़ने की कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि इसी आदेश में फिर से बिल्डिंग को डिमोलिश करने की कार्रवाई का आदेश जारी किया गया। लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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करोलबाग इलाके में बिल्डर माफिया की दबंगई और कुछ निगम अधिकारियों व सत्ताधारी दल के नेताओं के गठजोड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बार-बार इस एजीएम प्लाजा शॉपिंग कॉम्पलेक्स के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किये जाने के बावजूद इस अवैध निर्माण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जासकी । बताया जा रहा है कि ऐसा इसलिए है कि इस मामले में करोड़ों रूपये की अवैध उगाही की जा रही है।
इसका ताजा उदाहरण है कि 4 जनवरी 2019 को इस एजीएम प्लाजा नामक शॉपिंग कॉम्पलेक्स को खाली कराने के लिए दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 349 के तहत नोटिस जारी किया गया था, लेकिन फिर भी यह शॉपिंग कॉम्पलेक्स ना तो खाली कराया जा सका और ना ही इस संपत्ति में निगम अधिकारियों ने तोड़-फोड़ की कार्रवाई की। यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि यह एजीएम प्लाजा नाम का शॉपिंग कॉम्पलेक्स मेन रोड के बजाय गली में बनाया गया है और यह गली कमर्शियल नहीं है। बिल्डिंग बॉयलॉज के जानकारों का कहना है कि इस वजह से ये पूरा कॉम्पलेक्स गैरकानूनी है।