-दोनों के नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू, जल्दी अस्तित्व में आयेंगे नये नाम
पूनम सिंह/ लखनऊ
उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे स्टेशन का नाम जल्दी ही महारानी लक्ष्मीबाई के नाम पर बदल दिया जायेगा। इसके साथ ही चूड़ियों के शहर के रूप में अपनी पहचान बना चुके फिरोजाबाद शहर का नाम भी जल्दी ही चंद्र नगर होगा। दोनों स्थानों का नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। जल्दी ही दोनों नये नाम अस्तित्व में आ जायेंगे। झांसी का मामला जहां केंद्र सरकार के पास है तो फिरोजाबाद का मामला अभी जिला प्रशासन के पास है और इसे जल्दी ही उत्तर प्रदेश सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जायेगा।
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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार 3 अगस्त, 2021 को लोकसभा में बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर प्रक्रिया के तहत संबंधित एजेंसियों से प्रतिक्रियाएं और टिप्पणियां मांगी गई हैं। एक सवाल के लिखित जवाब में मंत्री ने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियों से प्रतिक्रियाएं और टिप्पणियां आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय किसी भी रेलवे स्टेशन या स्थान के नाम को बदलने के प्रस्ताव को रेल मंत्रालय, डाक विभाग व भारतीय सर्वेक्षण विभाग से अनापत्ति मिलने के बाद हरी झंडी देता है। इन विभागों को यह बताना होता है कि प्रस्तावित नाम से कोई शहर या गांव पहले से उनके रिकार्ड में नहीं है। अगर किसी राज्य का नाम बदलना हो तो उसके लिए संसद में साधारण बहुमत के साथ संविधान में संशोधन करना पड़ता है।
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गौरतलब है कि यूपी में इससे पहले मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन किया गया था। इलाहाबाद शहर का नाम प्रयागराज किया गया है। जबकि फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया है। अब झांसी रेलवे स्टेशन का नाम 1857 की क्रांति का चेहरा रहीं रानी लक्ष्मीबाई के नाम के नाम पर करने की तैयारी है। बता दें कि रानी लक्ष्मीबाई को झांसी की रानी भी कहा जाता है, ऐसे में उनके नाम से रेलवे स्टेशन का नाम होना, एक बड़े प्रतीक के तौर पर देखा जा सकता है।
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दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले का नाम बदलकर चंद्रनगर किए जाने संबंधी प्रस्ताव जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में पारित कर दिया गया है। पिछले शनिवार को जिला पंचायत बोर्ड की पहली बैठक में फिरोजाबाद सदर ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख भाजपा नेता लक्ष्मी नारायण यादव ने फिरोजाबाद का नाम बदलकर चंद्रनगर किए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजने का अनुरोध लिखित तौर पर किया था।
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यादव ने बताया कि सांसद चंद्रसेन जादौन ने भी जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर किए जाने की मांग का समर्थन किया। इसके बाद यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया। अब इसे अंतिम निर्णय के लिए शासन को भेजा जाएगा। यादव ने कहा कि फिरोजाबाद का पूर्व में नाम चंद्रवाड़ था और बाद में इसे बदलकर फिरोजाबाद कर दिया गया था, इसलिए इसका नाम चंद्रनगर होना चाहिए। इससे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह में भी प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं जनपद के प्रभारी राजेंद्र सिंह उर्फ मोती सिंह ने शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित करने के दौरान फिरोजाबाद की जगह चंद्रनगर कहकर संबोधित किया था।
ये है झांसी का इतिहास
उत्तर प्रदेश एवं मध्यप्रदेश की सीमा पर बसा झांसी उत्तर भारत में पुणे के पेशवाओं की एक महत्वपूर्ण रियासत और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बड़ा गढ़ रहा है। महारानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों की फौज को नाकों चने चबवा दिये थे। वह अंग्रेजों की सेना से लड़ते हुए ग्वालियर में 18 जून 1858 को वीरगति को प्राप्त हुईं थीं। यह ऐतिहासिक शहर महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद की कर्मस्थली रहा है। बुंदेलखंड का यह शहर एक बड़ी सैन्य छावनी है और रेलवे का बहुत महत्वपूर्ण केन्द्र है।
मुगलों से पहले था चंद्रसेन का राज
फिरोजाबाद का पुराना नाम चंद्र नगर ही था। मुगलों के भारत आने से पहले इसे चंद्र नगर के नाम से ही जाना जाता थ। बादशाह अकबर के प्रतिनिधि फिरोज शाह ने इस जगह का नाम बदलकर फिरोजाबाद रखा था। 1560 के दशक से पहले इस जगह का नाम राजा चंद्र सेन के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने मुगलों से पहले शासन किया था।
ब्लॉक प्रमुख लक्ष्मीनारायण यादव ने कहा के ‘पूरा जिला यह बदलाव चाहता है। मैंने इस प्रस्ताव को नए सत्र में व्यवसाय के पहले आदेश के रूप में पढ़ा। इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।’ फिरोजाबाद जिले की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार ‘शहर का प्राचीन नाम ‘चांदवार नगर’ था। 1566 में अकबर के शासन काल में ‘फिरोजाबाद’ नाम मनसबदार फिरोज शाह ने दिया था।’
बता दें कि फिरोजाबाद जिले की सीमा उत्तर में एटा जिले और पूर्व में मैनपुरी और इटावा को छूती है। यमुना नदी इसकी दक्षिणी सीमा बनाती है। जिले का क्षेत्रफल यूपी के कुल क्षेत्रफल का लगभग 0.8 प्रतिशत है और जनसंख्या उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या का 1.1 प्रतिशत है। यहां की लगभग 73.6 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती है। फिरोजाबाद एक प्राचीन शहर है और इसे ग्लास सिटी ऑफ इंडिया के रूप में जाना जाता है। शहर का यह अनूठा नाम इसकी खूबसूरत चूड़ियों, शिल्प और कांच से बनीं अन्य वस्तुओं से पड़ा, जो कि पूरे भारत में लोकप्रिय हैं।