-पार्षद को मजबूरी में करना पड़़ा अधूरे काम का उद्घाटन
-खिड़कियां न दरवाजे, तीन बार लगा उद्घाटन का पत्थर
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
उत्तरी दिल्ली नगर निगम और प्रदेश भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी यह खबर आपको हैरान कर देगी। एक काम के तीन बार उद्घाटन के पत्थर तो लगे, दो सांसद बदले, दो प्रदेश अध्यक्ष बदले, निगम के दो कार्यकाल बदले, इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र के कई नाम बदले, कई महापौर बदले लेकिन काम अब भी पूरा नहीं हो पाया। आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर बनवाये गये इस वरिष्ठ नागरिक केंद्र का पूरा काम खुद निगम में सत्ताधारी बीजेपी के नेताओं ने ही नहीं होने दिया।
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पार्षद ज्योति रछौया आरोप लगाया कि दलित पार्षद होने की वजह से उनके साथ खुद पार्टी के नेता ही राजनीति कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि यहां चारों ओर खरपतवार उगे हुए हैं। कमरों में मलबा पड़ा है। सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। कहीं दरवाजे-किवाड़ नहीं हैं तो कहीं खिड़कियां नहीं हैं। शौचालयों का हाल भी बेहद खराब है। लाइट का इंतजाम नहीं है। यहां कोई चौकीदार नहीं है। जो सामान था, उसे भी चोर उठाकर ले गये। जब मैंने 27 जुलाई को हुई उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में यही सवाल उठाये थे, तो महापौर ने समस्या का निदान करने के बजाय मुझे सदन की बैठक से बाहर निकलवा दिया था। इसी वार्ड से पूर्व निगम पार्षद चतर सिंह रछौया का कहना है कि बीजेपी के वर्तमान नेता र्स्गीय अटल बिहारी बाजपेयी जी की मेहनत का फल खा रहे हैं और उन्हीं के नाम पर हो रहे सेवा कार्यों को पूरा नहीं होने देना चाहते।