बीजेपी नेताओं ने उड़ाईं प्रोटोकॉल की धज्जियां… पार्टी के निजी प्रचार के लिए निगम की संपत्तियों का दुरूपयोग

-बीजेपी ने नमो एप के प्रचार के लिए किया सरकारी संपत्ति सिविक सेंटर का दुरूपयोग
-निगम के अरूणा आसफ अली सभागार में आयोजित किया गया पार्टी व पार्षदों का कार्यक्रम

हीरेंद्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेता भले ही आम आदमी पार्टी और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते रहे हों, लेकिन सत्ता के दुरूपयोग के मामले में खुद भी सबसे आगे हैं। बीजेपी तीनों नगर निगमों की सत्ता में काबिज है और इसका फायदा बीजेपी नेता पार्टी के प्रचार के लिए निगम की संपत्तियों का दुरूपयोग करके उठा रहे हैं। बुधवार को दिल्ली बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने नगर निगम के प्रोटोकॉल की जमकर धज्ज्यिं उड़ाईं। जिस सभागार में नगर निगम से संबंधित गंभीर मुद्दों पर चर्चा होती है, नगर निगम से संबंधित बड़े-बड़े फैसले लिये जाते हैं। उसी सभागार में पार्टी के प्रचार के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

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दिल्ली में अगले वर्ष निगम चुनाव होने हैं और आने वाले चुनावों का पार्टी के नेताओं में इतना ज्यादा दबाव है कि वह सही और गलत में फर्क ही नहीं कर पा रहे हैं। हाल ही में हुए 5 सीटों पर निगम उपचुनाव के नतीजों ने पार्टी नेतृत्व को परेशान कर रखा है। एक ओर उत्तरी दिल्ली नगर निगम आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। निगम के कर्मचारियों को लंगे समय से ऐरियर का भुगतान नहीं किया गया है। हाल ही में मोदी सरकार द्वारा किये गये टीए-डीए में बढ़ोतरी के अनुसार उत्तरी निगम की ओर से अभी तक भुगतान का आदेश जारी नहीं किया गया है। जबकि दक्षिणी निगम और पूर्वी निगम ने इसी सप्ताह आदेश जारी कर दिये हैं। इसके बाजवूद बीजेपी नेता निगम की संपत्तियों का मुफ्त में लाभ उठाने में जुटे हैं।

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             पार्टी की ओर से भेजी गई सूचना

आमतौर पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में किया जाता है, जिसकी बुकिंग निर्धारित राशि जमा करवाकर की जाती है। पार्टी की ओर से जारी कार्यक्रम की सूचना के संदेश में केदारनाथ साहनी ऑडिटोरियम का ही जिक्र किया गया था, लेकिन इस कार्यक्रम का आयोजन अरूणा आसफअली सभागार में किया गया था। बता दें कि बुधवार को दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की ओर से फिलहाल ‘नमो एप अभियान’ चलाया जा रहा है। यह अभियान शुद्ध रूप से भारतीय जनता पार्टी का अपना अभियान है और इससे दूसरे राजनीतिक दलों को कोई संबंध नहीं है। इसके बावजूद इस कार्यक्रम का आयोजन निगम के सिविक सेंटर स्थित मुख्यालय के अरूणा आसफ अली सभागार में किया गया था। इस कार्यक्रम में तीनों नगर निगमों के केवल बीजेपी पार्षदों को आमंत्रित किया गया था।

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इस नमो एप अभियान कार्यक्रम में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बीजेपी के तीनों निगमों के ज्यादातर निगम पार्षद शामिल हुए थे। बीजेपी के एक प्रदेश पदाधिकारी ने माना कि यह बीजेपी का निजी कार्यक्रम था, जिसमें पार्षदों को शामिल किया गया था। इस कार्यक्रम में नगर निगम के मुद्दों से जुड़ी कोई चर्चा नहीं की गई थी। यहां तक कि इस कार्यक्रम में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने घोषणा की कि जो बीजेपी पार्षद या कार्यकर्ता नमो एप के साथ 1100 लोगों को जोड़ेगा, उसे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलवाया जायेगा और जो 5100 लोगों के साथ जोड़ेगा, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का मौका मिलेगा। इसी से स्पष्ट है कि यह बीजेपी का निजी कार्यक्रम था।
निगम सचिव कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस हॉल में किसी भी राजनीतिक दल के निजी कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकता। किसी भी कार्यक्रम के लिए ए ब्लॉक के चौथी मंजिल पर स्थित अरूणा आसफअली सभागार की बुकिंग नहीं की जाती है। इस हॉल में केवल नगर निगम से जुड़ी समस्याओं, निगम से जुड़े मुद्दों और निगम सदन की बैठकों का ही आयोजन किया जा सकता है। इन बैठकों में सभी दलों के निगम पार्षदों के साथ निगम अधिकारियों का मौजूद रहना भी जरूरी है। लेकिन सभी प्रोटोकॉल को ध्वस्त करते हुए बुधवार को बीजेपी नेतोओं ने किराया नहीं चुकाने के लिए इस हॉल में इसका आयोजन किया।
अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से नहीं मिल सकते पार्षद
बुधवार को सिविक सेंटर में आयोजित बीजेपी के कार्यक्रम से एक बात और स्पष्ट हो गई है कि अब कोई निगम पार्षद आसानी से अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से नहीं मिल सकता। बुधवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने अपने पार्षदों को यही लालच देते हुए घोषणा की थी कि जो भी पार्षद नमो एप के साथ 1100 लोगों को जोड़ेगा उसे राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मिलवाया जायेगा।
पार्टी नेताओं की चुप्पी
इस मामले में बयान के लिए प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं और पदाधिकारियों से संपर्क साधा गया, लेकिन कोई भी अपने प्रदेश नेतृत्व के फैसलों के खिलाफ खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने माना कि यह बीजेपी का निजी कार्यक्रम था और पार्टी के नेताओं को पार्टी कार्यालय या फिर किसी अन्य स्थान पर यह बैठक बुलाई जानी चाहिए थी। उन्होंने यह भी माना कि यदि आम आदमी पार्टी या फिर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अपनी पार्टी के पार्षदों और पदाधिकारियों के कार्यक्रम के लिए हॉल मांगते हैं तो उन्हें निगम प्रशासन द्वारा मना कर दिया जायेगा। महापौर राजा इकबाल सिंह से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने भी चुप्पी साध ली।