-विधायक अभय वर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष से की कैलाश गहलोत की शिकायत
-परिवहन मंत्री पर लगाया विधानसभा सदन को गुमराह करने का आरोप
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
कथित लो फ्लोर बस खरीद घोटाले में अब नया मामला सामने आया है। इन बसों की खरीद के बाद मेंटेनेंस का ठेका तो निर्मात बस कंपनी को दिया गया लेकिन टेंडर डॉक्यूमेंट्स और वर्क ऑर्डर से उन 71 आइटम्स की सूची को गायब कर दिया गया, जिनकी वजह से बस निर्माता कंपनियों को इन बसों का ठेका दिया गया। मामला सामने आने के बाद राजधानी के लक्ष्मी नगर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक अभय वर्मा ने परिवहन मंत्री की शिकायत विधानसभा अध्यक्ष से की है।
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अभय वर्मा ने दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के ऊपर आरोप लगाया है कि उन्होंने सदन को गुमराह करके सदन की अवमानना की है। उन्होंने कहा कि विगत 11 मार्च, 2021 को बीजेपी विधायक विजेन्द्र गुप्ता के नियम 54 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान परिवहन मंत्री ने खुद ही कहा था कि “जो भी हमारी लो-फ्लोर बसें हैं, इसका जो मेंटेनेंस है वो हमारे डीटीसी के जो स्टाफ हैं वो खुद नहीं करते हैं, सारा आउटसोर्स से किया जाता है और लगभग 71 आइटम्स ऐसे हैं जो कि वारंटी में कवर नहीं होते।“
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एमएलए अभय वर्मा ने बताया कि इसी संदर्भ में 11 मार्च, 2021 को परिवहन मंत्री ने सदन को यह भी बताया था कि ‘‘बसों की खरीद और रख-रखाव के 71 आइटम्स ऐसे हैं जो वारंटी में कवर नहीं होते। इन्हें रख-रखाव के अंतर्गत सम्मिलित किया जायेगा।’’ यह बताकर सदन की अवमानना की गई है, क्यों कि 6 जनवरी, 2021 को दिल्ली परिवहन निगम के बोर्ड की बैठक में 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद और रख-रखाव के लिये जो वर्क आर्डर जारी किया गया था, उसमें इन 71 आइटम्स का कोई जिक्र ही नहीं किया गया और नाही कोई सूची शामिल की गई है, यहां तक कि टैण्डर के डॉक्यूमेन्ट में भी इसका कोई जिक्र नहीं किया गया।
विधायक अभय वर्मा ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि गुरूवार से दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। अपने उपरोक्त बयान से परिवहन मंत्री ने सदन को गुमराह करने का काम किया था इसलिये दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र विधानसभा की प्रकिया तथा कार्य संचालन नियमों के नियम 68 (2) के तहत प्रथम दृष्टया सदन की अवमानना का मामला बनता है। अतः उपरोक्त मामले में विधानसभा अध्यक्ष संज्ञान लें और परिवहन मंत्री के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें।