-केवल टैंकर में गंगाजल ले जाने की अनुमति
एसएस ब्यूरो/ हरिद्वार
सावन का महीना रविववार से शुरू हो गया है। लेकिन इससे पहले उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार को सील कर दिया है। पुलिस का कहना है कि कांवड़ यात्रा के लिए किसी को शहर में नहीं आने दिया जाएगा। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा रद्द कर दी थी, जिसके बाद हरिद्वार में कांवड़ियों की एंट्री बैन कर दी गई है। सावन के साथ कांवड़ यात्रा भी रविवार से शुरू होनी थी। कांवड़िए हर की पौड़ी से गंगाजल भरकर अपनी यात्रा शुरू करते हैं। लिहाजा, यहां गंगा घाट पर 24 जुलाई से 6 अगस्त तक के लिए कांवड़ियों के आने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों ने हरिद्वार में हुई एक बैठक में यह फैसला लिया था। सावन का महीना 22 अगस्त तक चलेगा।
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उत्तराखंड के डीजीपी ने बताया कि कांवड़ यात्रा को राज्य सरकार ने बैन किया है, ऐसे में किसी भी व्यक्ति को उत्सव मनाने के लिए हरिद्वार में एंट्री नहीं दी जाएगी। यह नियम बसों और ट्रेनों पर भी लागू है। उन्होंने कहा कि राज्य के दूसरे इलाकों से आने वाले पर्यटकों को नहीं रोका जाएगा। लेकिन हरिद्वार आने वालों के पास कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए और हरिद्वार आने से पहले उन्होंने स्मार्ट सिटी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। डीजीपी ने कहा है कि हरिद्वार के बॉर्डर पर फोर्स तैनात की गई है। उन्हें हरिद्वार की तरफ आने वाले कांवड़ियों को वापस भेजने को कहा गया है। अगर कोई व्यक्ति नियम नहीं मानेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति नियमों के दायरे में रहकर जल लेने के लिए टैंकर भेजता है, तो हम गंगाजल एकत्र करने में उसकी मदद करेंगे।
6 राज्यों ने लगाया है कांवड़ यात्रा पर रोक
सावन के महीने में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु कांवड़ यात्रा निकालते हैं। कांवड़िए उत्तराखंड के हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री से और बिहार के सुल्तानगंज से गंगाजल ले जाकर भगवान शिव पर अर्पित करते हैं। कोरोना के चलते यह लगातार दूसरा साल है जब उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, राजस्थान और झारखंड ने भी यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगाई है।