बच्चों के मिड-डे मील पर फंसी बीजेपी… एक साल से नहीं मिला मिड डे मील… निगम के साथ प्रदेश नेतृत्व पर सवालिया निशान!

-बीते एक साल से नहीं मिल पाया निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील
-नेताओं और अिकारियों की बेरूखी के चलते एजेंसी के साथ नहीं हो सका कांट्रैक्ट
-उत्तरी निगम की बेरूखी से प्रभावित हुए 700 स्कूलों के करीब साढ़े तीन लाख बच्चे

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली (7 जुलाई, 2021)
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेता एक बार फिर दिल्ली वालों के साथ बेरूखी में फंस गए हैं। निगम में शासित बीजेपी के नेताओं और निगम अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मामला उत्तरी दिल्ली नगर निगम से जुड़ा है। निगम के करीब 700 विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब साढ़े तीन लाख बच्चें को बीते एक साल से मिड डे मील नहीं दिया गया है। निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के साथ चल रही
इस नाइंसाफी पर बीजेपी नेता पूरी तरह से घिरते नजर आ रहे हैं।
दरअसल कोरोना महामारी के चलते पिछले साल ही कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि बच्चों को पके हुए मिड डे मील के बजाय उन्हें सूखे राशन की किट दी जायेगी। लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने किसी भी बच्चे को एक किलो राशन भी नहीं दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह आदेश भी दिया था कि पिछले सत्र की शुरूआत के पहले दो महीनों के मिड डे मील की नकद राशि बच्चों को दी जानी चाहिए। लेकिन नगर निगम यह राशि दे पाने में भी पूरी तरह से अक्षम साबित हुआ है।
बीजेपी नेताओं ने मिड-डे मील वितरण पर कराया जोरदार फोटोशेसन
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इसी वर्ष जनवरी के महीने में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में मिड डे मील बांटवाने की जोर-शोर से शुरूआत की थी। इन मौकों पर प्रदेश नेतृत्व, महापौरों और शिक्षा समितियों के अध्यक्षों ने मिड डे मील की किटों के साथ जोरदार फोटोशूट कराया था। लेकिन दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम भी बच्चों को पूरा मिड डे मील बांटने में नाकाम साबित हुए हैं।
घोर लापरवाही के लिए प्रदेश नेतृत्व जिम्मेदार!
मामला सामने आने के बाद प्रदेश बीजेपी की ओर से सफाई दी गई है कि मिड डे मील बांटने वाले संगठन के साथ निगम का कांट्रैक्ट खत्म हो गया था, अब पुनः इसे रिन्यू किया गया है, अतः अब मिड डे मील बांटा जायेगा। लेकिन प्रदेश बीजेपी के नेता इस बात को छिपा गये कि उस संगठन के साथ कांट्रैक्ट तो दो साल पहले ही खत्म हो गया था, फिर निगम के नेता दो साल तक क्या करते रहे? प्रदेश बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इसके लिए खुद बीजेपी नेतृत्व जिम्मेदार है। क्योंकि एक तो प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता खुद उत्तरी दिल्ली निगम में पार्षद हैं, दूसरे वह महापौर भी रह चुके हैं। इसके बावजूद नगर निगम में गरीब बच्चों के प्रति यह घोर लापरवाही होती रही और उन्होंने कुछ नहीं किया। खास बात है कि उन्होंने जब दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली निगमों में किट बंटवाने के मौके पर फोटो खिंचवाये थे, तब उत्तरी निगम में यह काम क्यों नहीं शुरू कराया गया?
कांग्रेस ने बताया गरीब बच्चों के साथ नाइंसाफी
कांग्रेस ने बीजेपी की इस घोर लापरवाही को गरीब बच्चों के साथ नाइंसाफी बताया है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कोंग्रस दल के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि निगम के गरीब बच्चों को उनके हक का मिड डे मील एक साल से ज्यादा समय से नहीं दिया जा रहा है। इस घोर लापरवाही के लिए सत्ताधारी बीजेपी पूरी तरह से जिम्मेदार है। यह सत्ताधारी दल की जिम्मेदारी है कि वह निगम विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को समय से मिड डे मील के साथ सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं। लेकिन आम आदमी पार्टी और बीजेपी एक दूसरे के साथ केवल राजनीति कर रहे हैं। उनका ध्यान नगर निगम की हालत सुधारने पर बिलकुल नहीं है। यह मामला तो हमने इसी साल के बजट सत्र में जोर-शोर से उठाया था कि लाखों बच्चों को उनके हक का मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है। इसके बावजूद सत्ताधारी दल बीजेपी के नेताओं ने व्यवस्था को ठीक नहीं किया। अब बीजेपी और आम आदमी पार्टी के नेता आपस में नूराकुश्ती खेल रहे हैं।
आप ने लगाया 3 हजार क्विंटल राशन नहीं बांटने का आरोप
आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में बच्चों को हर रोज मिड डे मील दिया जाता है। जब से कोरोना चल रहा है तब से सभी स्कूल बंद हैं। इस कारण दिल्ली सरकार ने पहल शुरू की कि उन बच्चों को मिड-डे मील के एवज में सूखा राशन बच्चों के माता-पिता को बुलाकर दिया जाए। दिल्ली सरकार के जितने भी स्कूल है उनमें पिछले साल भी सूखा राशन बच्चों को दिया गया था और इस साल भी दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने एक भी बच्चे को अब तक राशन नहीं बांटा है। बड़े शर्म की बात है कि करीब 700 स्कूलों में 3.50 लाख बच्चों को राशन नहीं मिल रहा है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम को अब तक 2924 क्विंटल राशन बांटना था, जबकि अब तक 1 किलो राशन भी नहीं बांटा है। इस संदर्भ में फरवरी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि बच्चों को मिड डे मील नहीं बांटा है। आप जल्द से जल्द बच्चों को राशन बाटें। तब भाजपा शासित एमसीडी की तरफ से कहा गया था कि हम इस पर काम कर रहे हैं। अब पांच माह बाद दोबारा यह बात उठाई गई है। अभी तक एक भी बच्चे को इस साल का तो दूर पिछले साल का भी राशन नहीं बांटा गया है। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसका जवाब दे।