-नरेला जोन के चेयरमैन का चुनाव संभालने में प्रदेश नेतृत्व फेल
-मतदान के दौरान बीजेपी पार्षद ज्योति रक्षोया रहीं अनुपस्थित
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
मंगलवार को हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के जोन चेयरमैन के चुनाव में दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है। विश्व की सबसे बड़ी राजनतिक पार्टी बहुमत होते हुए एक जोन के चुनाव में हार गई है। प्रदेश नेतृत्व अपने पार्षदों को नहीं संभाल सका। पार्टी का एक पार्षद मतदान से अनुपस्थित रहा तो एक और पार्षद ने आम आदमी पार्टी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी। इसके चलते आम आदमी पार्टी का नरेला जोन के अध्यक्ष की सीट पर कब्जा हो गया। आम आदमी पार्टी के रामनारायण ने यह चुनाव एक वोट से जीत लिया। जबकि उपाध्यक्ष पद पर बीजेपी के ब्रह्म प्रकाश को विजयी घोषित किया गया।
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बता दें कि मंगलवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम की छह वार्ड समितियों (जोन) के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों का चुनाव हुआ। इनमें से शहरी-सदर पहाड़गंज और नरेला जोन पर आम आदमी पार्टी ने बाजी मार ली। शहरी-सदर पहाड़गंज जोन में बीजेपी के पार्षदों की संख्या कम होने की वजह से वह इन पदों के लिए नामांकन ही नहीं कर पायी थी। लेकिन नरेला जोन में बीजेपी को अप्रत्याशित तौर पर हार का सामना करना पड़ा। क्योंकि यहां की परिस्थितियों को ना तो प्रदेश बीजेपी नेतृत्व और नाही बीजेपी का निगम का नेतृत्व संभाल पाया।
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नरेला जोन में कुल 22 निगम पार्षद हैं। इनमें से आम आदमी पार्टी के पक्ष में 11 और बीजेपी के पक्ष में 10 पार्षदों ने वोटिंग की। इसी जोन के नागलोई वार्ड से आने वाली बीजेपी की एक निगम पार्षद ज्योति रक्षोया ने एक दिन पहले ही पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की बात कह दी थी। वह मंगलवार को मतदान के दौरान भी सिविक सेंटर में उपस्थिति नहीं हुई। जबकि बीजेपी की एक और महिला पार्षद ने अध्यक्ष पद पर बीजेपी के बजाय आम आदमी पार्टी को अपना वोट दिया। जिसकी वजह से दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर आम आदमी पार्टी नरेला जोन के अध्यक्ष पद पर कब्जा करने में कामयाब रही।
शहरी-सदर पहाड़गंज जोन में अध्यक्ष पद पर आम आदमी पार्टी की सुल्ताना आबाद और उपाध्यक्ष पद पर नीरज शर्मा चुने गये। वहीं सिविल लाइंस जोन के अध्यक्ष पद पर बीजेपी के नवीन त्यागी और उपाध्यक्ष पद पर कौस्तुबानंद बलोदी, करोलबाग जोन के अध्यक्ष पद पर तेजराम फौर व उपाध्यक्ष पद पर सुनीता, केशवपुरम जोन के अध्यक्ष पद पर योगेश वर्मा और उपाध्यक्ष पद पर सीमा गुप्ता तो रोहिणी जोन के अध्यक्ष पद पर ऋतु गोयल और उपाध्यक्ष पद पर सोहन पाल विजयी रहे।
चुनावी वर्ष में कमजोर हुई बीजेपी
अगले वर्ष तीनों नगर निगमों के लिए चुनाव होना है। ऐसे में सियासी जानकारों का कहना है कि चुनावी वर्ष में भारतीय जनता पार्टी लगातार कमजोर होती जा रही है। नरेला जोन में बीजेपी के पास इतने पार्षद हैं कि आराम से अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की जा सकती थी। दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व निगम की परिस्थितियों को संभाल पाने में नाकाम साबित हो रहा है। जब उपाध्यक्ष पद पर जीता जा सकता है तब अध्यक्ष पद क्यों नहीं जीता जा सका? आने वाले दिनों में दिल्ली बीजेपी को इस हार की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। क्योंकि जिस तरह से बीजेपी के निगम पार्षद लगातार प्रदेश नेतृत्व के निर्णयों पर अपना विरोध जता रहे हैं, उसका असर आगामी चुनावों में देखने को मिलेगा।