भारत को मुस्लिम देश बनाने की साजिश… खाड़ी के देशों से जुड़े तार

-यूपी एटीएस का खुलासा 1 हजार लोगों का कराया धर्म परिवर्तन
-आप भी जानिए उमर गौतम के ’मौलाना’ बनने की कहानी

एसएस ब्यूरो/ लखनऊ
भारत को मुस्लिम देश बनाने की बड़ी साजिश चल रही है। खास बात है कि इसके तार खाड़ी के देशों से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के एंटी टेररिज्म स्क्वाड (एटीएस) ने यूपी के नोएडा में धर्मांतरण कराने वाले बड़े रैकेट का खुलासा किया है। यूपी एटीएस ने पूरे मामले में 2 मौलानाओं को गिरफ्तार कर लिया है। इनके द्वारा बीते 2 साल से चल रहे धर्मांतरण के इस रैकेट में मूक-बधिर बच्चों और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता था। अब तक यह रैकेट 1 हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुका है। बताया जा रहा है कि इसी तरह के संगठित यूपी के कई दूसरे हिस्सों के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे हैं।

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पकड़े गए दोनों आरोपी मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा है कि बीते एक साल के भीतर राज्य में 350 लोगों का धर्मांतरण कराया जा चुका है। धर्मांतरण के लिए लोगों को धमकाया और डराया भी गया है। पूछताछ में सामने आया है कि लगभग 1000 लोगों की लिस्ट है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरण किया गया। एडीजी ने कहा कि इन्हें विदेशों से फंडिंग की जा रही हे। ताकि देश के सौहार्द को बिगाड़ा जा सके।
खाड़ी के देशों से जुड़े तार
धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के लोगों ने कानपुर के काकादेव निवासी मूक बधिर छात्र आदित्य गुप्ता को भी अपना शिकार बनाया। ब्रेन वॉश कर और पैसों का लालच देकर उसका धर्म परिवर्तन कराया और उसका नाम बदलकर अब्दुल रखवा दिया। आदित्य उनकी बातों में आकर इस कदर प्रभावित हुआ कि वह चोरी छिपे घर में नमाज पढ़ने लगा और मस्जिद जाने लगा। उसके बैंक खाते में विदेश से हर महीने सात हजार रुपये आते थे। घर में मिले धर्म परिवर्तन संबंधी कागजात देखकर परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो इसके कुछ दिन बाद ही वह लापता हो गया। इस गिरोह के लोगों ने आदित्य का धर्म परिवर्तन करवाकर उसे दक्षिण भारत के किसी राज्य में भेज दिया था। यूपी एटीएस को पता चला है कि खाड़ी के देशों से इसके लिए बड़े स्तर पर फंडिंग की जा रही है।
नाम बदलकर आश्रम में पहुंचे आरोपी
पुलिस के मुताबिक 2 जून को गाजियाबाद में डासना के स्वामी यति नरसिंहानंद के आश्रम से शाम 8 बजे 2 संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया था। दोनों संदिग्ध आश्रम में घुस गए थे। जब पूछताछ की गई तो एक ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय बताया और दूसरे ने अपना नाम काशी गुप्ता बताया। जब पुलिस ने काशी गुप्ता से सख्ती से पूछताछ की तो पता चला उसका असली नाम काशिफ है।

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आश्रम से पकड़े गए विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता उर्फ काशिफ से एटीएस ने लंबी पूछताछ की है। जिसमें पता चला है कि विपुल विजयवर्गीय भी धर्मांतरण कर चुका है। काशी गुप्ता उर्फ काशी और विपुल विजयवर्गीय महराष्ट्र में काफी दिन रहे हैं। इन्हीं दोनों से पूछताछ के बाद मौलाना गौतम का सुराग मिला और धर्म परिवर्तन के इस बड़े रैकेट का खुलासा हुआ।
श्याम प्रसाद सिंह गौतम बना उमर गौतम
उमर गौतम ने खुद 35 साल पहले 20 साल की उम्र में धर्मांतरण कर हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम धर्म अपनाया था। इस्लाम अपनाने के बाद से वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहे थे। इस सेंटर के जरिए वो दूसरे तमाम धर्म के लोगों को जो इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम करते थे। उत्तर प्रदेश के लखनऊ के गोमती नगर थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसमें जामिया नगर स्थित इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन का नाम भी दर्ज है। दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक, ये लोग गैर-मुस्लिमों को डरा-धमकाकर, उन्हें नौकरी और पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराते थे। ये लोग आमतौर पर कमजोर वर्गों, बच्चों, महिलाओं और मूक बधिरों को टारगेट कर उनका इस्लाम में धर्म परिवर्तन कराते थे।