-भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए करें ‘‘ओउम गं गणपतये नमः’’ का जाप


चैत्र कृष्ण तृतीया/ चतुर्थी-31 मार्च बुधवार
सनातन धर्म में प्रथम पूज्य श्रीगणेश जी को आदि पंच देवों में एक माना गया है। मान्यता है कि भगवान श्रीगणेश का ध्यान करने से ही सारे विघ्नों का अंत हो जाता है। इसीलिए उन्हें विघ्न विनाशक भी कहते हैं। वहीं ज्योतिष में श्री गणेश को बुध के कारक देव के रूप में जाना जाता है, और बुध बुद्धि के कारक माने जाते हैं। यूं तो श्री गणेश के साल में कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें संकष्टी चतुर्थी व विनायक चतुर्थी भी है। दरअसल अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं और पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं।
वहीं इस माह यानि मार्च 2021 के आखिरी दिन बुधवार 31 मार्च को यानि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी पड़ रही है। जो अप्रैल 2021 के पहले दिन तक रहेगी। भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी का व्रत गणेश भक्तों के लिए बेहद ही अहम माना गया है, क्योंकि चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की प्रिय तिथि है। ज्ञात हो कि हर माह में चतुर्थी दो बार पड़ती है-कृष्ण पक्ष (संकष्टी चतुर्थी) और शुक्ल पक्ष में (विनायक चतुर्थी)। हिंदी कलैंडर के मुताबिक पूरे साल में 13 सकंष्टी चतुर्थी के व्रत किए जाते हैं।
इसमें संकष्टी चतुर्थी का अर्थ होता है, सभी संकटों को हरने वाली। वहीं विनायक चतुर्थी की तरह ही संकष्टी चतुर्थी में भी भगवान शिव के पुत्र गणेश भगवान की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन गणेश भगवान की कृपा पाने के लिए भक्त व्रत भी रखते हैं। मान्यता के अनुसार संकष्टी चतुर्थी व्रत मनोकामना पूर्ण करने वाला होता है, साथ ही यह भी माना जाता है जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है उसके सभी दुख खत्म हो जाते हैं।
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इस दौरान गणेश जी की आरती, उनके मंत्र और चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा के साथ किए जाने से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। इसके अतिरिक्त इस व्रत को करने से विघ्नहर्ता गणेश भगवान जातक की सभी परेशानियां और बाधाएं दूर कर देते हैं। यह व्रत विशेष तौर पर माताएं अपनी संतान की उन्नति के लिए करती हैं।
संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि आरंभ एवं समाप्ति समय :-
चतुर्थी तिथि आरंभ- 31 मार्च 2021 दिन बुधवार दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 01 अप्रैल 2021 दिन गुरुवार सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर
– 31 मार्च हिन्दू पंचांग –
⛅ दिनः-बुधवार
⛅ विक्रम संवत – 2077
⛅ शक संवत – 1942
⛅ मास – चैत्र
⛅ पक्ष – कृष्ण
⛅ तिथि-तृतीया/चतुर्थी
⛅ राहुकाल -12ः25 से 13ः58 तक
⛅ सूर्योदय – 06ः13
⛅ सूर्यास्त – 18ः37
⛅ व्रत एवं पर्वः चतुर्थी व्रत