DELHI BJP में सुलग रही प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ चिंगारी!

-दर दर भटकने को मजबूर दूसरे दलों से आये नेता
-दक्षिणी जिला महामंत्री के शिकार बने पूर्वांचल के लोग
-कपिल मिश्रा ने उठाए पार्टी नेतृत्व पर गंभीर सवाल

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
राजाधानी में नगर निगम की 5 सीटों पर हुए उपचुनाव में शर्मनाक हार के बाद दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में अंदर ही अंदर सुलग रही चिंगारी की तपिश अब सतह पर आने लगी है। पिछले दिनों में दूसरे दलों से आए नेता दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वहीं, पार्टी के अंदर से ही अब प्रदेश नेतृत्व की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये जा रहे हैं। चुनावी नतीजों के दिन 3 मार्च को खुद कपिल मिश्रा ने भी ट्वीट के जरिये प्रदेश बीजेपी नेतृत्व पर चुनाव में बिना लड़े हथियार डाल देने के आरोप लगाए थे।

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ताजा मामला पार्टी के दक्षिणी जिला से जुड़ा है। यहां बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके एक नेता और पूर्वांचल से जुड़े कुछ वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ता पार्टी के अलग अलग नेताओं के दरवाजे पर पार्टी के ही कुछ नेताओं की अनदेखी और तिरष्कार की शिकायत करते घूम रहे हैं। बता दें कि बीएसपी छोड़ चुके यह नेताजी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल में बीजेपी में शामिल हुए थे। दक्षिणी जिला के विभिन्न मंडलों के पूर्वांचल से जुड़े इन नेताओं का आरोप है कि दक्षिणी जिला में दोबारा महामंत्री बने चंदन चौधरी ने इन्हें ‘हिट लिस्ट’ में शामिल कर रखा है। उन्होंने मंडल, जिला और प्रदेश तक इन लोगों की सूची भेज रखी है कि यदि इनमें से किसी को संगठन में कोई जिम्मेदारी दी गई तो पार्टी में विद्रोह खड़ा हो जाएगा।

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इन लोगों ने प्रदेश के कई नेताओं से चंदन चौधरी की शिकायत की है। आरोप है कि दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के साथ करीब दो साल पूर्व हुए झगड़े के बाद चंदन चौधरी ने इन लोगों से पूर्वांचल के लोगों को भड़काने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस करने के लिए कहा था। इसके संबंध में इन लोगों ने अपने पास कुछ कॉल रिकॉर्डिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग होने का दावा भी किया है। इन लोगों ने दावा किया है कि प्रदेश नेतृत्व की लापरवाही और जिला पदाधिकारियों की मनमानी की वजह से पार्टी इलाके में लगातार कमजोर हो रही है। इन लोगों ने दावा किया है कि इसकी शिकायत कई बार प्रदेश नेतृत्व को की गई है, लेकिन प्रदेश के वरिष्ठ नेता भी कमजोर पड़ रहे हैं।

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दूसरी ओर दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और और बीजेपी के टिकट पर मॉडल टाउन से विधानसभा चुनाव लड़ चुके कपिल मिश्रा ने भी बीजेपी प्रदेश नेतृत्व के ऊपर निगम उपचुनाव में बिना लड़े हथियार डाल देने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने हिंदी में किये गए एक ट्वीट में कहा था कि ‘‘बिना लड़े कैसे जीतोगे पापी अत्याचारी से…’’ कपिल मिश्रा ने उसी दिन अपने अंग्रेजी में किये गए एक और ट्वीट में लिखा कि ‘‘सॉरी, आज में बहुत नाराज और डिस्अपॉइंटेड हूं, वी आर गिविंग ए फ्री पास टू मोस्ट ईविल एंड करप्ट फोर्स…’’। बता दें कि बीजेपी ने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी से आए कपिल मिश्रा सहित कई आप विधायकों को कमल का झंडा थमाया था। लेकिन इनमें से ज्यादातर अब बीजेपी में अपने आपको असहज महसूस कर रहे हैं।

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हाल ही में हुए निगम उपचुनाव में जब बीजेपी और कांग्रेस को छोड़कर कुछ निगम पार्षद और बड़े नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो रहे थे, तब बीजेपी प्रदेश नेतृत्व भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के कुछ छुटभैये नेताओं को पार्टी में शामिल कर रहा था। अब पार्टी में एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है कि जब दूसरे दलों से आए बड़े नेताओं के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है, तब इन छुटभैये नेताओं का आने वाले दिनों में क्या हाल होगा?